Short Notes On Akbar The Great/ Facts and Achievements /Medival History Notes





अकबर (1556 - 1605)

अकबर का जन्म 1542 ई. में हुमायूँ के प्रवास काल 
के दौरान , अमरकोट में हुआ था।

अकबर का राज्याभिषेक 1556 ई.में हुआ

1560 ई. तक अकबर ने बैरम खाँ के संरक्षण में
शासन किया।

बैरम खान को वकील ( प्रधानमंत्री ) नियुक्त किया गया।

सिंहासन पर बैठेते ही अकबर ने बैरम खान की मदद से 1556 ई. में पानीपत के दूसरे युद्ध में राजा हेमू (विक्रमादित्य) को पराजित किया।

1561 ई..में अकबर ने बैरम खान के संरक्षण से मुक्त होकर अपने पहले सैनिक अभियान में मालवा के शासक बाजबहादुर को पराजित किया।

अकबर ने 1563 ई. में तीर्थयात्रा कर और 1564 ई. में जजिया कर को समाप्त कर दिया।

1575 ई. के हल्दीघाटी के प्रसिद्ध युद्ध में अकबर के सेनापति राजा मानसिंह ने मेवाड के शासक महाराणा प्रताप को पराजित किया।

1575 ई. में अकबर ने आगरा से 36 किमी दूर फ़तेहपुर सीकरी नामक नगर की स्थापना की और उसमें प्रवेश द्वार के लिए बुलंद दरवाज़ा बनवाया।

बुलंद दरवाजा अकबर ने गुजरात जीतने के उपलक्ष्य में बनवाया था।

अकबर ने फ़तेहपुर सीकरी में इबादतखाने की स्थापना की थी।

1579 ई. में मजहर की घोषणा के बाद वह धार्मिक मामलों का भी प्रधान बन गया।

1583 ई. अकबर ने इलाही संवत जारी किया।

1584 ई. में हिजरी सन के प्रयोग को बंद कर सौर वर्ष का प्रचार किया गया।

अकबर , खलीफा के समान स्वयं ही खुतबा पढ़ा और

जमीबोस (राजगद्दी के सामने जमीन चूमने की प्रथा)

और सिज़दा (सम्राट के सामने झुककर अभिवादन करने की प्रथा) आरंभ की।

अकबर प्रतिदिन सुबह प्रजा को अपने महल के झरोखा दर्शन देता था।

अकबर के दरवार में आने जाने की घोषणा नगाड़ा बजाकर की जाती थी ।

अकबर ने चौकी प्रथा और तस्लीम-ए-चौकी प्रथा चालू की अकबर ने सेना का संगठन मनसबदारी ब्यवस्था के आधार पर किया।

अबुल फजल के अनुसार मनसबदारों की 66 श्रेणियां थीं।
सबसे छोटा मनसब 10 का और अधिकतम 7000 का था।

अकबर ने मनसबदारों की 2 श्रेणियाँ बना दी थी।

1. जाट
2. सावर

जात के आधार पर प्रतीक मनसबदार का पद व वेतन निश्चित किया गया।

अकबर ने दास प्रथा को ख़त्म कर दिया।

बहुविवाह को प्रतिबन्धित किया और विधवा विवाह को प्रोत्साहन दिया।

बाल विवाह को रोकने के लिए अकबर ने 16 वर्ष से कम आयु के बालक और 14 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह वर्जित कर दिया।

विवाहों की वैधानिकता की जांच के लिए तुरबेग नामकअधिकारी की नियुक्ति हुई।

अकबर ने अंतरजातीय विवाह को भी प्रोत्साहन दिया।

राजपूतों में कन्या के जन्म पर उसकी हत्या कर दी जाती थी किंतु अकबर ने इस पर रोक लगा दिया।

सती प्रथा को भी प्रतिबन्धित किया।

वैश्यों को नगर के एक अलग जगह पर निवास करने की आज्ञा प्रदान की गई और उस जगह का नाम शैतानपुरी रखा गया।

अकबर के पुत्र सलीम के विद्रोह के कारण अकबर के अंतिम दिन दुख भरे हुये

1605 ई. मैं अकबर की मृत्यु हो गई।




अकबर


जन्म :15 अक्टूबर 1542 को सिंध के अमरकोट में राणा वीरसाल के घर में हुआ

पूरा नाम : जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर

पिता : हुमायूँ

माता : हमीदा बानो बेगम

राज्याभिषेक : 14 फरवरी 1556 को पंजाब के कालानौर (गुरुदासपुर) में बैरम खान द्वारा|

जन्मविवाद : अकबर के जन्म की वास्तविक तिथि विवादास्पद है।

अबुल फज़ल और गुलबदन बेगम के अनुसार,

अकबर का जन्म 14 अक्टूबर 1542 को हुआ था। परंतु जौहर के अनुसार,
अकबर की जन्मतिथि 23 नवंबर 1542 थी।

आधुनिक इतिहास अकबर की जन्मतिथि 15 अक्टूबर 1542 मानते है

डिग्री : एकमात्र अनपढ़ मुगल शासक

जीवनी :अकबरनामा की रचना बादशाह अकबर के शासनकाल में अबुल फजल ने की थी।

ये मुगल इतिहास जानने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

इसके 3 भाग है

इसके पहले भाग में अमीर तैमूर से लेकर हुमायूँ तक मुगल शासकों के इतिहास का विस्तार किया गया है।

दूसरा और तीसरा भाग में 1602 ई. तक बादशाह अकबर के इतिहास का विस्तार किया गया है।

मृत्यु : 25-26 अक्टूबर 1605 ई. को अकबर की मृत्यु हो गई

उसे आगरा के निकट सिकंदरा में दफना दिया गया।
अकबर को अर्श-अर्शयानी (स्वर्ग में रहने वाला) कहा गया।

अकबर के समकालीन शासक


शासक - महारानी एलिजाबेथ

देश-इंग्लैंड

कार्यकाल- 1558-1603 ई


शासक - सम्राट हेनरी-4

देश- फ़्रांस

कार्यकाल- 1553-1610 ई


शासक - शाह अब्बास

देश- ईरान

कार्यकाल- 1588-1629 ई


शासक - जराइवान येविच

मूलनाम- इवानदि

देश-रूश

कार्यकाल - 1530 - 1584 ई


अकबरकालीन महत्वपूर्ण घटनायें

1542 ई. - अकबर का जन्म

1556 ई. - राज्याभिषेक

1560 ई. - बैरम खाँ का पतन

1562 ई. - हरमदल के प्रभाव की समाप्ति व दास प्रथा का अंत

1563 ई. - तीर्थयात्रा कर का अन्त

1564 ई. - जजिया कर का अन्त

1567 ई. - मनसबदारी प्रथा प्रारम्भ

1571 ई. - फ़तेहपुर सीकरी की स्थापना व
राजधानी बनाई गई

1573 - 1574 ई. - गुजरात विजय के बाद
मनसबदारी प्रथा आरंभ

1574 ई. - दास प्रथा प्रारम्भ

1575 ई. - फ़तेहपुर सीकरी में इबादतखाना
स्थापित

1578 ई. - इबादतखाना सभी धर्मों के लिए खोल
दिया गया

1579 ई. - देहसाला प्रथा प्रारम्भ व मजहर की
घोषणा

1580 ई. - साम्राज्य 12 सुबो में विभाजित

1582 ई. - दीन-ए-इलाही की घोषना व टोडरमल
+ शाह मंसूर द्वारा दहसाला प्रथा लागू

1583 ई. - इलाही संवत की स्थापना

1584 ई. - गुजरात विद्रोह दबाने के कारण
अब्दुर्रहीम को खानखाना की उपाधि दी

1605 ई. - अकबर की मृत्यु।





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अकबर के सैन्य अभियान: साम्राज्य विस्तार

1. असीरगढ़ का युद्ध : 1601 ई
1601 में अकबर ने मीर बहादुर को हराया और
असीरगढ़ को जीत लिया।
विजय की स्मृति में बुलंद दरवाजा बनाया गया।

असीरगढ़ के किले का दरवाजा सोने की कुंजी से खोला जाता था
यह अकबर की अंतिम विजय थी.

2. खानदेश का युद्ध : 1591 ई
खानदेश के शासक अली खान ने स्वेच्छा से अधीनता स्वीकार कर ली और मुगलों के साथ अहमदनगर के युद्ध में लड़ते हुए मारा गया।

लेकिन उसके पुत्र मीरन बहादुरशाह ने मुगलों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। राजधानी बुरहानपुर पर कब्ज़ा कर लिया गया.

3. अहमदनगर : 1600ई
दक्षिण का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।
युद्ध में बहादुर निज़ामशाह को हराया गया।

1597-1600 तक मुगलों का निज़ामशाही से संघर्ष चला जिसमें मुराद व अब्दुर्रहीम खान-खाना ने मुगलों का साथ दिया।
दौलताबाद और अहमदनगर के किले मुगलों को प्राप्त हुए।

4. कंधार : 1595 ई
मुजफ्फर हुसैन मिर्जा को पराजित किया।

1595 ई. कंधार के किलेदार मिर्ज़ापुर हुसैन मिर्ज़ा ने मुग़ल अधिकारी शाहबेग को स्वेच्छा से किला सौंपा क्योंकि फ़ारस से उसके संबंध ख़राब हो गए थे

5. बलूचिस्तान : 1595 ई
पन्नी अफगान को हराया.

1595 मीर मासूम ने सीदी के किले पर कब्ज़ा करके कंधार तक के पूरे छेत्र पर अधिकार कर लिया।

6. उड़ीसा : 1590 ई
निसार खान को हराया.
1591-1592. में मानसिंह ने अधिकार किया।

7. सिंध : 1591ई
जानि बेग को हराया

1591 में अब्दुर्रहीम खान-खाना के सामने जानीबेग ने समर्पण किया।

8. कश्मीर : 1586 ई
यूसुफ खान पराजित हुआ

1586 में भगवान दास और कासिम खान ने आक्रमण किया और यूसुफ खान को कैद कर लिया गया और फिर इसके पुत्र याकूब खान ने विद्रोह किया और कश्मीर को मुगल राज्य में मिला दिया।

9. जैसलमेर : 1570 ई
हर राय पराजित हुआ

स्वेच्छा से अधीनता स्वीकार किये.

10. बीकानेर : 1570 ई
कल्याण मल पराजित हुआ

अकबर की अधीनता स्वीकार कर वेवाहिक संबंध बनाये।

11. रणथम्भौर : 1569 ई
सुरजन राय को पराजित किया

1569 AD में मुगल कब्ज़ा मेवाड़ के अधीन था

सुरजन राय एकमात्र राजपूत राजा थे जिन्हें अकबर ने
वाद्ययंत्र बजाने की अनुमति दी थी।

अकबर के नवरत्न :

1. बीरबल

2. अबुल फज़ल

3. तानसेन

4. अब्दुर्रहीम खान-खाना

5. मानसिंह

6. राजा टोडरमल

7. फ़ैज़ी

8. हकीम

9. मुल्ला-दो-प्याजा



अगले भाग में जारी रखें :

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What are the achievements of Akbar in short?

He created a powerful army by promoting Non-Muslim officials into high military officials. The non-Muslim soldiers, in return, proved their loyalty towards him. Another achievement made by Akbar was his friendship with the Rajputs. Rajputs and Mughals always had a history of hostility among them.

What are the important facts about Akbar?

Akbar's full name is Abū al-Fatḥ Jalāl al-Dīn Muḥammad Akbar. He was born in Umarkot on October 15, 1542, which is now in Sindh province, Pakistan, and died on October 25, 1605, at Agra, India. He extended Mughal power over most of the Indian subcontinent and he reigned from 1556 to 1605.

What was the contribution of Akbar in the history of medieval India?

During the reign of Akbar, many indigenous art styles were encouraged which led to the common use of sandstone. Akbar built a series of forts, the most famous of which is the fort at Agra (in red sandstone). His other forts are at Lahore and Allahabad. Akbar built Fatehpur Sikri (the city of victory) near Agra.

What was the greatness of Akbar?

Akbar's reign significantly influenced the course of Indian history. During his rule, the Mughal Empire tripled in size and wealth. He created a powerful military system and instituted effective political and social reforms.

Why is Akbar called a national emperor?

His endeavor was Multidimensional and well thought out to ensure that he should not remain a king of the ruling minority only. This is one of the reasons why he is ascribed as a National Monarch.

Did Akbar marry a Hindu wife?

In Akbar's time, it was customary for Hindu girls to marry important Muslim men. For example, Emperor Akbar himself married three Hindu women. In such cases, the girls did not need to convert openly to Islam and the marriage ceremonies contained many Hindu symbols.

Who is stronger than Akbar?

Maharana Pratap displayed the courage and valour which is rare in history...the battle continued for years in the hills of Aravalli, and finally, after winning back all his forts, it was proved that it is was not Akbar, but Maharana Pratap who was great," he said.

Did Akbar fear Pratap?

Akbar had a great fear of Maharana Pratap. Akbar never dared to stand in front of Maharana Pratap. He ordered his bodyguards not to speak of Maharana Pratap in front of him during the night times before he slept Because Akbar would get dreams of Maharana Pratap threatening him and sometimes killing him in his dreams.

Who was Akbar's biggest rival?

Maharana Pratap was perhaps the worthiest adversary Akbar ever had. He made many attempts to win over the ruler of Mewar, the oldest and most respected of the Rajput kingdoms, for he knew that if Mewar accepted an alliance with him, other Rajput rulers would follow his lead and accept Mughal sovereignty.

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