भयंकर चक्रवात असना : 48 साल बाद बन रहा है ऐसा तूफान|IMD का अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाल ही में एक गंभीर चक्रवाती तूफान 'असना' के आगमन की चेतावनी दी है। यह चक्रवात अगले कुछ दिनों में भारत के तटीय क्षेत्रों में दस्तक देने वाला है, और यह पिछले 48 वर्षों में बन रहे सबसे भयंकर तूफानों में से एक है। इस तूफान के कारण संभावित विनाशकारी परिणामों की संभावना को देखते हुए, संबंधित क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
भारी बारिश की वजह से गुजरात पहले से ही बाढ़ से जूझ रहा है वहीं अरब सागर में बन रहे भयंकर चक्रवात असना ने चिंता और बढ़ा दी है , क्योंकि 48 साल बाद अरब सागर में अगस्त के महीने में कोई चक्रवात बन रहा है।
पाकिस्तान ने इस तूफान का नाम असना दिया है।
चक्रवात असना : परिचय
चक्रवात असना, जो वर्तमान समय में बंगाल की खाड़ी में बन रहा है, और अपने साथ में भारी वर्षा, तेज़ हवाएं, और समुद्र के जलस्तर में वृद्धि लाने वाला है। इस चक्रवात की उत्पत्ति की संभावना कुछ दिनों पहले बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में दिखाई दी थी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह चक्रवात लगातार तीव्रता की ओर बढ़ रहा है और अगले 24 से 48 घंटों में यह एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान (Extremely Severe Cyclonic Storm) में परिवर्तित हो सकता है।
चक्रवात का असर
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, असना चक्रवात का असर मुख्य रूप से ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में पड़ेगा। इसके साथ ही, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तूफान के कारण समुद्री जलस्तर में वृद्धि होगी, जिससे तटीय इलाकों में बाढ़ आने की संभावना बढ़ जाएगी।
1891 से 2023 तक अगस्त में अरब सागर पर तीन चक्रवाती तूफान बने हैं मौसम विभाग के मुताबिक इस साल जून से अगस्त तक कच्छ और सौराष्ट्र में 700mm से ज्यादा बारिश हुई है जबकि यहां सामान्य तौर पर 430mm बारिश होती है
तूफान के दौरान हवाओं की गति 150 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जो कि बहुत ही विनाशकारी हो सकती है। इस चक्रवात के कारण भारी बारिश होने की संभावना है, जो कि बाढ़ का कारण बन सकती है।
IMD का अलर्ट
IMD ने इस भयंकर चक्रवात को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। इससे प्रभावित होने वाले राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन को भी हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जनहानि को कम से कम किया जा सके।
IMD के अनुसार, असना चक्रवात अगले 48 घंटे में तट पर पहुंच सकता है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी भी दी गई है। इसके अलावा, तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी सावधान रहने की सलाह दी गई है और सभी आवश्यक आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट मोड में रखा गया है।
सरकार की तैयारियां
सरकार ने इस चक्रवात से निपटने के लिए विशेष तैयारी की है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) की टीमों को तटीय क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी आवश्यक उपकरण और संसाधन तैयार कर लिए गए हैं।
राज्य सरकारों ने भी संबंधित क्षेत्रों में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। इसके साथ ही, बिजली, पानी और संचार सेवाओं को सुरक्षित रखने के लिए भी विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है और आवश्यक दवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
निष्कर्ष
चक्रवात असना एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में उभर रहा है, जिसका प्रभाव भारत के तटीय इलाकों पर बहुत गंभीर हो सकता है।
IMD और सरकार की ओर से जारी किए गए अलर्ट और सावधानियों का पालन करते हुए, इस आपदा से निपटने के लिए तैयार रहना आवश्यक है।
आने वाले दिनों में स्थिति पर नजर रखना और सरकारी निर्देशों का पालन करना ही इस भयंकर चक्रवात से सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा तरीका है।
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