असम सरकार ने जनता भवन सौर परियोजना का उद्घाटन किया
16 जून, 2024 को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में जनता भवन सौर परियोजना (Janata Bhawan Solar Project) का उद्घाटन किया। इस परियोजना में ग्रिड से जुड़ी छत और जमीन पर लगे सौर पीवी सिस्टम के साथ 2.5 मेगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता है।
असम सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जनता भवन सौर परियोजना का उद्घाटन किया है। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य की राजधानी दिसपुर स्थित जनता भवन में स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना है। यह पहल राज्य के ऊर्जा संसाधनों का कुशलता से उपयोग करते हुए पर्यावरण के प्रति विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 16 जून, 2024 को गुवाहाटी में जनता भवन सौर परियोजना का उद्घाटन किया. इस परियोजना से जुड़ी खास बातेंः
यह परियोजना 2.5 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली है.
इस परियोजना में ग्रिड से जुड़ी छत और जमीन पर सौर पीवी सिस्टम लगाया गया है.
इस परियोजना से हर महीने औसतन 3 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी.
इस परियोजना से हर महीने करीब 30 लाख रुपये की बचत होने का अनुमान है.
इस परियोजना की लागत 12.56 करोड़ रुपये है और चार साल में यह लागत वसूल होने की उम्मीद है.
इस सौर संयंत्र का जीवनकाल 25 साल है.
इस सौर संयंत्र से सालाना 3,060 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कटौती होगी.
इस परियोजना के शुभारंभ से असम सचिवालय देश का पहला ऐसा सिविल सचिवालय बन गया है जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलता है.
असम सरकार ने जनता भवन सौर परियोजना का उद्घाटन किया
जनता भवन सौर परियोजना की विशेषताएँ:
1. पर्यावरण हितैषी ऊर्जा स्रोत: इस परियोजना के तहत जनता भवन की छत पर सौर पैनल स्थापित किए गए हैं, जो बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं। यह परियोजना कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायक होगी।
2. ऊर्जा उत्पादन क्षमता: इस सौर परियोजना की कुल ऊर्जा उत्पादन क्षमता 50 किलोवाट (kW) है, जो जनता भवन की बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
3. लागत प्रभावी समाधान: सौर ऊर्जा का उपयोग करने से सरकार के बिजली खर्च में भी कमी आएगी, जिससे लंबी अवधि में राज्य के वित्तीय संसाधनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
4. स्वच्छ ऊर्जा और हरित भविष्य: यह परियोजना असम सरकार के हरित भविष्य के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। राज्य की सरकार स्वच्छ ऊर्जा और स्थिरता को प्राथमिकता दे रही है, और यह परियोजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
परियोजना का महत्व
सौर ऊर्जा परियोजनाएं आज के समय में ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं। असम सरकार की यह पहल न केवल राज्य के ऊर्जा संकट को कम करने में सहायक होगी बल्कि भविष्य में अन्य सरकारी भवनों में भी ऐसी परियोजनाओं को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'राष्ट्रीय सौर मिशन' के अंतर्गत भी आती है, जो सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
जनता भवन सौर परियोजना असम सरकार की स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह राज्य की उन्नति और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम है, जो राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित विकास की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
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