बैंक और वित्तीय संस्थाएं 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 32.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश करेंगी

बैंक और वित्तीय संस्थाएं 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 32.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश करेंगी

2030 तक भारत की बैंक और वित्तीय संस्थाएं 32.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश नवीकरणीय ऊर्जा में करने की योजना बना रही हैं। यह कदम देश को सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और हाइड्रो पावर जैसी हरित ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। 

इस निवेश से भारत की ऊर्जा उत्पादन क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी, साथ ही कार्बन उत्सर्जन को भी नियंत्रित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह अभियान हरित अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और नए रोजगार सृजन के अवसर भी प्रदान करेगा। इस योजना का लक्ष्य भारत को 2070 तक नेट ज़ीरो (शून्य कार्बन उत्सर्जन) बनाने के वादे को पूरा करना है।

बैंक और वित्तीय संस्थाएं 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 32.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश करेंगी

बैंक और वित्तीय संस्थाएं 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 32.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश करेंगी

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में करीब $386 बिलियन (₹32.45 लाख करोड़) का निवेश करने का वादा किया है। वे यह बात नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) और CII द्वारा आयोजित 4th RE-Invest समिट के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

यह वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री ने चौथे ‘विश्व नवीकरणीय ऊर्जा निवेश सम्मेलन एवं प्रदर्शनी'(री-इन्वेस्ट) के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकारों ने 520 गीगावाट क्षमता की प्रतिबद्धता जताने वाले ‘संकल्प पत्र’ दिए हैं।

विनिर्माण क्षमता की प्रतिबद्धता

उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं ने सौर पैनल में 340 गीगावाट, सौर सेल में 240 गीगावाट, पवन चक्की में 22 गीगावाट और इलेक्ट्रोलाइज़र में 10 गीगावाट की अतिरिक्त विनिर्माण क्षमता की प्रतिबद्धता जताई है। जोशी ने कहा कि 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा ग्रिड में कुल 32.45 लाख रुपये की निवेश प्रतिबद्धता जताई गई है।

उन्होंने कहा कि नवीन एवं पर्यावरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने उद्योग मंडल सीआईआई के साथ मिलकर इस सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें 7,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें करीब 100 कंपनियों ने हिस्सा लिया।

जोशी ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए जर्मन और डेनमार्क के राजनियकों के साथ हुए व्यापक विचार-विमर्श के बारे में भी बताया। उन्होंने दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक भारत-जर्मन मंच की शुरुआत के बारे में भी जानकारी दी।

छह गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ी

उन्होंने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में अपने मंत्रालय की प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि जून-अगस्त 2024 के दौरान 4.5 गीगावाट के लक्ष्य से अधिक छह गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ी है। केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि इस क्षमता में वृद्धि के साथ स्वच्छ ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 207.76 गीगावाट तक पहुंच गई।

बैंक और वित्तीय संस्थाएं 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 32.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश करेंगी

निवेश का उद्देश्य

इस निवेश का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और हाइड्रो पावर जैसी स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करना है। भारत सरकार की पहल और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति बैंकों की प्रतिबद्धता, देश को कार्बन उत्सर्जन में कटौती और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी का विज़न

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखता है। इस योजना के तहत भारत ने 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा उत्पादन में 50% नवीकरणीय ऊर्जा से करने का संकल्प लिया है। बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का यह निवेश, इस विज़न को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

रोजगार के अवसर

यह निवेश न सिर्फ ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि करेगा, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। सौर ऊर्जा संयंत्रों, पवन ऊर्जा टर्बाइनों, और अन्य हरित परियोजनाओं के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन की संभावना है।

भारत के हरित भविष्य की दिशा

इस निवेश से न सिर्फ भारत की ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारत की लड़ाई भी सशक्त होगी। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों के लिए भी भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र एक आकर्षक विकल्प बनेगा।

नवीनतम खबरें और अपडेट

हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी इस दिशा में अहम कदम उठाया है। RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को प्राथमिकता दें और उनके लिए आसान ऋण सुविधाएं प्रदान करें। यह कदम भारत को एक हरित और स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ाएगा।

बैंक और वित्तीय संस्थाएं 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 32.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश करेंगी

भारत की बैंकिंग और वित्तीय संस्थाओं का 32.5 ट्रिलियन रुपये का यह निवेश देश की ऊर्जा क्रांति में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी बल्कि भारत को वैश्विक ऊर्जा मानचित्र पर भी मजबूती से स्थापित करेगी।

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