राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा प्रोटेम स्पीकर पद पर भर्तृहरि महताब को नियुक्त किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा प्रोटेम स्पीकर पद पर भर्तृहरि महताब को नियुक्त किया 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अनुभवी सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के पद पर नियुक्त किया। भर्तृहरि महताब, जो लंबे समय से ओडिशा के कटक से संसद सदस्य हैं, को इस प्रतिष्ठित जिम्मेदारी के लिए चुना गया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अनुच्छेद 95(1) के तहत भाजपा सांसद लोकसभा सदस्य भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है, जिन्होंने अध्यक्ष के चुनाव तक अध्यक्ष के कर्तव्यों का निर्वहन किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा प्रोटेम स्पीकर पद पर भर्तृहरि महताब को नियुक्त किया

महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली

26 जून को जब नये अध्यक्ष का चुनाव होगा तो महताब सदन की अध्यक्षता करेंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 24 जून, 2024 को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में पद की शपथ दिलाती हुईं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून को भाजपा सदस्य बी. महताब को नवगठित 18वीं लोकसभा के 'प्रोटेम स्पीकर' के रूप में शपथ दिलाई ।

सात बार सांसद रहे महताब को अध्यक्षों के एक पैनल के साथ मिलकर 24 और 25 जून को लोकसभा की कार्यवाही चलाने का काम सौंपा गया है, जब विजयी उम्मीदवार 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेंगे।

भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर नियुक्त, नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे:कटक से 7 बार के सांसद, मार्च में BJD छोड़कर BJP में आए

18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। इसमें लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा। इससे पहले गुरुवार (20 जून) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के आर्टिकल 95 (1) के तहत ओडिशा के कटक से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। वे संसद में नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे।

भर्तृहरि महताब कटक से सात बार के सांसद हैं। वे इस साल मार्च में ही BJD छोड़कर BJP में शामिल हुए हैं। 2017 में लोकसभा में होने वाली चर्चाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंटेरियन अवॉर्ड से नवाजा गया था।

प्रोटेम स्पीकर का महत्व

प्रोटेम स्पीकर का पद भारत की संसदीय व्यवस्था में महत्वपूर्ण होता है, विशेषकर नई लोकसभा के गठन के दौरान। जब भी आम चुनाव के बाद नई लोकसभा का गठन होता है, तब तक लोकसभा का स्थायी स्पीकर नहीं चुना जाता, तब तक प्रोटेम स्पीकर ही कार्यवाही को संचालित करते हैं। 
उनके पास यह अधिकार होता है कि वह नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलवाएं और नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया को संपन्न कराएं।

18वीं लोकसभा में भर्तृहरि की जिम्मेदारी

543 नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण दो दिन तक चल सकता है।

इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। तब तक लोकसभा चलाने की जिम्मेदारी भर्तृहरि ​​​​की होगी।

भर्तृहरि महताब का अनुभव और योगदान

भर्तृहरि महताब ओडिशा के कटक से सात बार सांसद रह चुके हैं। वे भारतीय राजनीति में एक प्रतिष्ठित नेता माने जाते हैं। उनके पास विधायी प्रक्रियाओं का गहरा ज्ञान है, और वे संसद में कई महत्वपूर्ण बहसों और चर्चाओं का हिस्सा रहे हैं। महताब को उनकी तटस्थता और निष्पक्ष दृष्टिकोण के लिए भी जाना जाता है, जो उन्हें प्रोटेम स्पीकर की भूमिका निभाने के लिए उपयुक्त बनाता है।

प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारियां
प्रोटेम स्पीकर की प्रमुख जिम्मेदारी नई लोकसभा के गठन के दौरान सदन की कार्यवाही को प्रारंभिक रूप से संचालित करना है। यह शपथ ग्रहण की प्रक्रिया से लेकर स्पीकर के चुनाव तक फैली होती है। हालांकि, प्रोटेम स्पीकर का कार्यकाल अस्थायी होता है, लेकिन उनके कंधों पर सदन के संचालन की बड़ी जिम्मेदारी होती है। यह सुनिश्चित करना कि सभी नवनिर्वाचित सदस्य संसद की गरिमा और नियमों का पालन करें, भी उनकी जिम्मेदारी होती है।

प्रोटेम स्पीकर की मदद के लिए 5 सांसदों को भी चुना इसके अलावा राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 99 के तहत लोकसभा स्पीकर के चुनाव तक नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की मदद करने के लिए सुरेश कोडिकुन्निल, थलिक्कोट्टई राजुथेवर बालू, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को नियुक्त किया है।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने की जानकारी दी।

महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली

कांग्रेस बोली- 8 बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाना था भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने कहा कि 8 बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश की जगह 7 बार के सांसद भतृर्हरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाना नियमों का उल्लंघन है। कोडिकुन्निल सुरेश को सबसे सीनियर सांसद होने के नाते यह पद मिलना चाहिए था।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नियमों के मुताबिक, जिस सांसद ने सबसे ज्यादा कार्यकाल पूरे किए हैं, उसे ही प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। 18वीं लोकसभा में कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश और भाजपा के वीरेंद्र कुमार सबसे वरिष्ठ सांसद हैं। दोनों का यह आठवां कार्यकाल है। वीरेंद्र कुमार केंद्रीय मंत्री हैं, इसलिए कोडिकुन्निल सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने की उम्मीद थी। लेकिन, उनकी जगह सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को स्पीकर प्रोटेम नियुक्त किया गया है।

कौन होता है प्रोटेम स्पीकर? प्रोटेम लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर से आया है। इसका मतलब होता है- कुछ समय के लिए। प्रोटेम स्पीकर अस्थायी स्पीकर होता है। लोकसभा या विधानसभा चुनाव होने के बाद सदन को चलाने के लिए सत्ता पक्ष प्रोटेम स्पीकर को चुनता है।

भारतीय संविधान में प्रोटेम स्पीकर का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 180 में किया गया है, जिसके अनुसार राज्य विधानसभाओं के मामलों में भी प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जा सकती है।

महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली

महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली

INDIA गुट स्पीकर पद के लिए दावेदारी पेश कर सकता है 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलेगा। 26 जून से लोकसभा स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसी खबरें हैं कि भाजपा ओम बिड़ला को दूसरी बार स्पीकर बना सकती है। जबकि भाजपा की सहयोगी पार्टियां- चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की JDU- भी स्पीकर पद मांग रही हैं।

डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परम्परा रही है। 16वीं लोकसभा में NDA में शामिल रहे अन्नाद्रमुक के थंबीदुरई को यह पद दिया गया था। जबकि, 17वीं लोकसभा में किसी को भी डिप्टी स्पीकर नहीं बनाया गया था। 

राजस्थान में कोटा-बूंदी सीट से भाजपा उम्मीदवार और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने लगातार तीसरी जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार प्रहलाद गुंजल को 41,974 वोटों से हराया है।

1999 में स्पीकर ने विशेष अधिकार का इस्तेमाल किया और एक वोट से अटल सरकार गिर गई थी। ये एक उदाहरण स्पीकर पद की अहमियत बताने के लिए काफी है। 2024 लोकसभा चुनाव के बाद ये पद एक बार फिर चर्चा में है। नतीजों में BJP को बहुमत नहीं मिला। वो चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की JDU के सहारे सरकार बनाने जा रही है।

महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली
भर्तृहरि महताब को लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त करना, उनके अनुभव और राजनीतिक कौशल को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रोटेम स्पीकर का पद भारत की संसदीय प्रणाली में न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके पीछे एक गहरा ऐतिहासिक संदर्भ भी है। इस पद के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि नई लोकसभा का गठन संविधान के अनुसार सुचारू रूप से हो सके।



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