केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने हेतु PM-E योजना को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने  देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने हेतु PM-E योजना को दी मंजूरी 

2030 से पहले सभी सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लक्ष्य को पूरा करके, उत्तर प्रदेश का उद्देश्य देश में सबसे पहले ऐसा राज्य बनना है जिसके सरकारी विभागों में 100% इलेक्ट्रिक वाहन हों।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और इसके विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को मंजूरी दे दी है।

केंद्र सरकार ने  देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने हेतु PM-E योजना को दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार का ई-वाहन अभियान: सरकारी विभागों में 100% ईवी बनाने का लक्ष्य

यह योजना उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगी जिससे प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी और देश में इसके विनिर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा नेतृत्व किए जाने वाले सरकारी योजना के तहत राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के अनुदेशन को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की गई है। इस पहल के तहत, सरकार ने एक चरणों में सभी सरकारी विभागों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों को 2030 तक ईवी में बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

पीएम ई ड्राइव योजना की अवधि और परिव्यय 

पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना की अवधि दो साल है और कुल परिव्यय 10,900 करोड़ रुपये है।

परिव्यय का विवरण

10,900 करोड़ रुपये में से;

3,679 करोड़ रुपये- 2 पहिया वाहनों (ई-2डब्ल्यू), 3 पहिया वाहनों (3डब्ल्यू), ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग उत्पन्न करने के लिए आवंटित;

500 करोड़ रुपये, ई एंबुलेंस के लिए;

4,391 करोड़ रुपये ,राज्य सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए;

500 करोड़ रुपये, ई ट्रकों के लिए;

2000 करोड़ रुपये,चयनित राजमार्गों पर इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए ;

780 करोड़ रुपये,परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन के लिए आवंटित किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार का ई-वाहन अभियान: सरकारी विभागों में 100% ईवी बनाने का लक्ष्य

कौन पीएम ई-ड्राइव योजना को लागू करेगा ?

पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा लागू की जाएगी।

पीएम ई-ड्राइव योजना का घटक 

यह एक सब्सिडी योजना है जहां चिन्हित वर्ग के इलेक्ट्रिक वाहन, खरीदारों को रियायती मूल्य पर उपलब्ध  किए जाएंगे और निर्माता बेचे गए इलेक्ट्रिक वाहन के लिए सरकार से सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।

भारी उद्योग मंत्रालय योजना के तहत छूट का लाभ उठाने के लिए खरीदारों के लिए ई-वाउचर पेश करेगा।

ई वाउचर का उपयोग निर्माताओं से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए किया जाएगा और वाउचर के आधार पर भारत सरकार निर्माता को प्रतिपूर्ति करेगी।

यह योजना इलेक्ट्रिक ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते ईवी की मांग पैदा करने के लिए एक मांग प्रोत्साहन योजना  है।

यह योजना 24.79 लाख ई-2डब्ल्यू, 3.16 लाख ई-3डब्ल्यू और 14,028 ई-बसें खरीदने के लिए मांग निर्माण में सहायता करेगी। 

14,028 ई-बसों की मांग मुख्य रूप से 40 लाख से अधिक आबादी वाले नौ शहरों - दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद पर केंद्रित होगी। 

देशभर में ई-4 डब्ल्यू के लिए 2,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1800 फास्ट चार्जर और ई-2 डब्ल्यू/3 डब्ल्यू के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाए जाएंगे।

केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने हेतु PM-E योजना को दी मंजूरी

इलेक्ट्रिक वाहनों के अधिसूचना के साथ, उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण और गतिशीलता नीति 2022 को भी अधिसूचित किया है। नीति में निम्नलिखित प्रोत्साहन शामिल हैं:

ईवी खरीद पर तीन साल तक कर और पंजीकरण शुल्क मुक्ति।
राज्य में निर्मित ईवी खरीद पर पांच साल तक कर और पंजीकरण शुल्क मुक्ति।

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