चौथा ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 ,14 सितंबर 2024 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। तीन दिवसीय चौथा ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 12 से 14 सितंबर 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 ने दुनिया के सामने अनुसंधान, विकास और विनिर्माण के लिए बायोटेक क्षेत्र में भारत की विशाल क्षमता को प्रदर्शित किया।
ग्लोबल बायो-इंडिया 2024: भारत की जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नई ऊंचाई
ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का चौथा संस्करण नई दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुआ, जिसमें दुनियाभर के प्रमुख वैज्ञानिक, नीति-निर्माता और उद्योग विशेषज्ञ शामिल हुए। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत की जैव-प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) क्षेत्र को वैश्विक मंच पर स्थापित करना और निवेश को आकर्षित करना था।
ग्लोबल बायो-इंडिया 2024: निवेश की संभावनाओं का नया आयाम
इस सम्मेलन में सरकार और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और भारत में जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश की व्यापक संभावनाओं पर चर्चा की। कई नए निवेश प्रस्तावों पर सहमति बनी, जिससे भारतीय जैव-प्रौद्योगिकी उद्योग के विकास की संभावनाएं और बढ़ गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोजन की सराहना की और इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
पहला ग्लोबल बायो-इंडिया 2021 में आयोजित किया गया था, और तब से, यह सालाना आयोजित किया जाता है।
चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 के आयोजक
चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) द्वारा किया गया था।
चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 में दक्षिण कोरिया भागीदार देश था।
चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का उद्घाटन किसने किया?
चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 संस्करण का उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री, प्रधान मंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह ने 12 सितंबर 2024 को किया।
चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का विषय
चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का विषय 'बायोटेक इनोवेशन' और 'बायो-मैन्युफैक्चरिंग' था।
इस साल विषय का उद्देश्य भारत को जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनुसंधान और विकास और विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में बढ़ावा देना है।
जैव प्रौद्योगिकी और जैव अर्थव्यवस्था?
जैव अर्थव्यवस्था का तात्पर्य औद्योगिक वस्तुओं, भोजन या ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए नवीकरणीय जैविक संसाधनों का उपयोग करना है। जैव-प्रौद्योगिकी जैव-अर्थव्यवस्था के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है।
जैव प्रौद्योगिकी में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल जैविक प्रणालियों, जीवित जीवों या जीवित जीवों के हिस्सों का उपयोग कर विभिन्न औद्योगिक वस्तुओं (रसायनों, एंजाइमों, कागज, वस्त्र और भोजन का उत्पादन), दवाओं, कृषि (आनुवंशिक रूप से संशोधित पौधे, जैव ईंधन वस्तुओं का विकास) का विकास और उत्पादन के लिए जाता है।
बायो-उद्यमियों के लिए अवसर: इस आयोजन में 500 से अधिक स्टार्टअप्स और निवेशक भागीदार बने, जिन्होंने जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए व्यापारिक मॉडल्स और उत्पादों को लेकर चर्चा की।
वर्तमान ट्रेंड्स: इस वर्ष के ग्लोबल बायो-इंडिया में नवीनतम जैव-प्रौद्योगिकी ट्रेंड्स, जैसे जीन-एडिटिंग, वैक्सीन विकास और पर्यावरणीय जैव-प्रौद्योगिकी को प्रमुखता दी गई।
भारत में जैव अर्थव्यवस्था की स्थिति
भारत सरकार ने हाल ही में बायो ई3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में जैव विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा देकर भारत को एक वैश्विक बायोटेक पावरहाउस बनाना है।
जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के अनुसार, भारतीय जैव अर्थव्यवस्था जो 2014 में 10 बिलियन डॉलरथी 2024 में बढ़कर 130 बिलियन डॉलर हो गई है।
भारत सरकार ने 2025 तक 150 बिलियन डॉलर की जैव अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
वर्तमान में टीकों का 60 प्रतिशत वैश्विक उत्पादन भारत में होता है।
अमरीका के बाहर यूएसएफडीए द्वारा अनुमोदित विनिर्माण संयंत्रों की संख्या के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है।
ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पैसिफिक इंस्टीट्यूट एएसपी की हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 'भारत 64 प्रौद्योगिकियों में से 45 में शीर्ष देशों में से एक है और बायोटेक विनिर्माण में दूसरा स्थान रखता है।
ग्लोबल बायो-इंडिया 2024: भारत के जैव-प्रौद्योगिकी भविष्य की दिशा
यह सम्मेलन न केवल भारत में जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही प्रगति का उत्सव था, बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि कैसे भारत इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें भाग लेने वाले देशों ने भारत के साथ अनुसंधान और विकास के लिए साझेदारी बढ़ाने की इच्छा जताई।
नवीनतम ट्रेंड्स और भारत की भूमिका
ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 ने स्पष्ट किया कि कैसे भारत वैश्विक जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार है। बायो-इकोनॉमी को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण-संबंधी चुनौतियों का समाधान करना इस सम्मेलन के मुख्य लक्ष्यों में से एक था।
इस आयोजन के दौरान चर्चा का मुख्य बिंदु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन से संबंधित रहा। इसके अलावा, विश्वभर में बढ़ते जैव-प्रौद्योगिकी अनुसंधान और वैक्सीन विकास में भारत के योगदान को भी सराहा गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत की जैव-प्रौद्योगिकी उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है।
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