देश की पहली वंदे मेट्रो शुरू होने से पहले बदला उसका नाम
गुजरात में भुज से अहमदाबाद तक देश की पहली वंदे मेट्रो की शुरुआत होने से पहले ट्रेन का नाम बदलकर "नमो भारत रैपिड रेल" रखा गया है। प्रधानमंत्री आज (सोमवार 2024) अहमदाबाद से इस ट्रेन के साथ वाराणसी दिल्ली के बीच 20 कोच की पहली वंदे भारत ट्रेन समेत कई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे
प्रधानमंत्री मोदी भुज और अहमदाबाद के बीच देश की पहली ‘वंदे मेट्रो’ ट्रेन के अलावा कई अन्य वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। जिन वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखाएंगे, वे कोल्हापुर-पुणे, पुणे-हुबली, नागपुर-सिकंदराबाद, आगरा कैंट से बनारस और दुर्ग से विशाखापत्तनम समेत अलग-अलग मार्गों पर चलेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद मेट्रो रेल एक्सटेंशन के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ सेक्शन 1 मेट्रो स्टेशन से गिफ्ट सिटी मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया। यह मेट्रो रेल एक्सटेंशन अहमदाबाद और गांधीनगर को जोड़ने वाली मेट्रो रेल सेवा का दूसरा चरण है।
जून में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद मोदी का अपने गृह राज्य का यह पहला दौरा है। इस दौरान राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यहां हवाई अड्डे पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने गांधीनगर में ‘री-इन्वेस्ट 2024’ की शुरुआत की। वे अहमदाबाद में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी करेंगे।
वंदे मेट्रो की खासियतें
1. स्वदेशी निर्माण: वंदे मेट्रो को भारत में ही निर्मित किया गया है, जिससे यह 'मेक इन इंडिया' पहल को भी आगे बढ़ाता है।
2. स्मार्ट सुविधाएं: इसमें यात्रियों के लिए मुफ्त वाई-फाई, डिजिटल डिस्प्ले और इको-फ्रेंडली तकनीक का उपयोग किया गया है।
3. सुरक्षा सुविधाएं: अत्याधुनिक सुरक्षा मानकों के साथ, इसमें सीसीटीवी कैमरे और इमरजेंसी अलार्म की व्यवस्था की गई है।
4. स्वचालित संचालन: पूरी तरह से ऑटोमैटिक होने के कारण इसे बिना ड्राइवर के भी संचालित किया जा सकता है, जो इसे भविष्य की स्मार्ट मेट्रो सेवाओं में से एक बनाता है।
5. प्रमुख मार्ग: दूसरे चरण में अहमदाबाद के विभिन्न इलाकों जैसे मोटेरा स्टेडियम, गांधीनगर, और अन्य प्रमुख स्थानों को कवर किया गया है।
6. यात्रियों की सुविधा: मेट्रो ट्रेनें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं, जिसमें स्वचालित टिकटिंग प्रणाली, सीसीटीवी सुरक्षा, और आरामदायक सीटिंग जैसी सेवाएं शामिल हैं।
7. पर्यावरण अनुकूल: इस मेट्रो प्रणाली को ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
नाम बदलाव की वजह
वंदे मेट्रो का नाम बदलने के पीछे सरकार की यह सोच है कि नया नाम इसे और अधिक पहचान और राष्ट्रीयता का प्रतीक बनाए। भारत सरकार की योजनाओं के तहत पहले भी वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों को लॉन्च किया गया है, जो भारत की तेजी से विकसित हो रही रेलवे प्रणाली का उदाहरण हैं।
भविष्य की योजना
पहली वंदे मेट्रो की सफलता के बाद, सरकार इसे देश के अन्य प्रमुख शहरों में भी शुरू करने की योजना बना रही है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों में इसके विस्तार की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। यह मेट्रो सेवा भविष्य में शहरी यातायात की भीड़भाड़ को कम करने और लोगों की यात्रा को सुगम बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इस एक्सटेंशन के सफल उद्घाटन के बाद, सरकार की योजना अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच मेट्रो कनेक्टिविटी को और भी बेहतर बनाने की है। यह शहर को भविष्य की यातायात चुनौतियों के लिए तैयार करेगा और यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेगा।
अहमदाबाद मेट्रो का यह विस्तार न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि यह शहर के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मेट्रो सेवा से व्यापारिक क्षेत्रों और औद्योगिक इलाकों तक की यात्रा सरल हो जाएगी, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। साथ ही, यह पर्यावरण के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि यह सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा।
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