पेरिस पैरालंपिक 2024|होकाटो सेमा ने जीता कांस्य पदक, भारत के नाम अब तक 27 पदक

पेरिस पैरालंपिक 2024: होकाटो सेमा ने जीता कांस्य, भारत के नाम अब तक 27 पदक


पेरिस पैरालंपिक 2024: होकाटो सीमा ने F57 शॉटपुट में जीता कांस्य, भारत के नाम अब तक 27 पदक

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत को पूर्व सैनिक ने गौरवान्वित किया है। पुरुषों की शॉटपुट एफ57 स्पर्धा में होकाटो होतोजी सेमा ने अपने जीवन का सबसे शानदार प्रदर्शन किया। होकाटो ने 14.65 मीटर गोला फेंकने के साथ ही कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। उनके अलावा इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक ईरान के खिलाड़ी यासिन खोसारवी ने जीता, जबकि ब्राजील के खिलाड़ी टीपी दोस संतोष ने रजत पदक अपने नाम करने में सफलता पाई।

भारत ने अब तक कितने पदक जीते, किस पायदान पर है देश

पदक तालिका में 6 स्वर्ण, नौ रजत और 12 कांस्य पदक समेत भारत के कुल 27 पदक हो चुके हैं। भारत 17वें नंबर पर है। ईरान के यूं तो कुल 22 पदक हैं, स्वर्ण भी भारत की तरह 6 हैं, लेकिन 10 रजत के कारण ईरान भारत से आगे 16वें पायदान पर पहुंच गया है।

शुक्रवार-शनिवार की रात कांटे की टक्कर वाले फाइनल मुकाबले में ईरानी खिलाड़ी ने 15.96 मीटर गोला फेंक कर पैरालंपिक खेलों का नया रिकॉर्ड कायम कर दिया। सिल्वर मेडल जीतने वाले ब्राजील के खिलाड़ी ने 15.06 मीटर गोला फेंका। इसी स्पर्धा में भारत के एक अन्य भारतीय खिलाड़ी ने भी शीर्ष पांच में जगह बनाने में सफल रहा। पैरा एथलीट सोमन राणा 14.07 मीटर गोला फेंकने के साथ पांचवें नंबर पर रहे।

पेरिस पैरालंपिक शॉटपुट एफ57 में होकाटो होतोजी सीमा ने जीता कांस्य पदक

शॉटपुट एफ57 का फाइनल मुकाबला कितना चुनौतीभरा रहा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाग ले रहे कुल 12 खिलाड़ियों में फ्रांस, यमन, हैती और सोमालिया के खिलाड़ियों ने इस सीजन का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन दर्ज कराया, जबकि उज्बेकिस्तान के एथलीट वाई ओडिलोव ने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

पेरिस पैरालंपिक: शॉट पुट एफ57 स्पर्धा में पदक जीतने वाले तीनों खिलाड़ी


पेरिस पैरालंपिक शॉटपुट एफ57 में होकाटो होतोजी सीमा ने जीता कांस्य पदक


इनके अलावा अर्जेंटीना और फिनलैंड के खिलाड़ियों ने भी चुनौती पेश की। पदक विजेताओं के अलावा दो और खिलाड़ी ऐसे रहे जिन्होंने 14 मीटर की लाइन पार करने में सफलता पाई। कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय एथलीट होकाटो दशमलव के बाद चंद अंकों (महज 0.41) के अंतर से रजत जीतने से चूक गए।

ईरान के खिलाड़ी ने अभूतपूर्व प्रदर्शन से बनाया पैरालंपिक खेलों का रिकॉर्ड


पेरिस पैरालंपिक शॉटपुट एफ57 में होकाटो होतोजी सीमा ने जीता कांस्य पदक


मीलों दूर से पेरिस की सरजमीं पर आकर देश को पदक दिलाने वाले एथलीट अपने प्रदर्शन से बेहद उत्साहित दिखे। ब्राजीली खिलाड़ी ने जहां रजत पदक जीत देश का नाम बढ़ाया तो दूसरी तरफ ईरानी खिलाड़ी यासिन खोसारवी ने पैरालंपिक के इतिहास में अभूतपूर्व प्रदर्शन कर इन खेलों का नया रिकॉर्ड कायम कर दिखाया।

जंग के मैदान से लेकर पैरालंपिक कांस्य पदक तक, पढ़ें होकातो सेमा के संघर्ष की कहानी

अक्तूबर 2002 में जम्मू कश्मीर के चौकीबल के अशांत इलाके में एक अप्रत्याशित विस्फोट ने हवलदार होकाटो होतोजे सेमा का स्पेशल फोर्स में शामिल होने का सपना तोड़ दिया था।


जंग के मैदान से लेकर पैरालंपिक कांस्य पदक तक, पढ़ें होकातो सेमा के संघर्ष की कहानी

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत को पूर्व सैनिक ने गौरवान्वित किया है। पुरुषों की शॉटपुट एफ57 स्पर्धा में होकाटो होतोजी सीमा ने अपने जीवन का सबसे शानदार प्रदर्शन किया। होकाटो ने 14.65 मीटर गोला फेंकने के साथ ही कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। उनके अलावा इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक ईरान के खिलाड़ी यासिन खोसारवी ने जीता, जबकि ब्राजील के खिलाड़ी टीपी सांतोस ने रजत पदक अपने नाम करने में सफलता पाई।

लोगों को लगा कि सेमा की दुनिया अंधकारमय हो गई, लेकिन इस जवान ने हिम्मत नहीं हारी। इसी का परिणाम है कि 40 वर्षीय सेमा ने पेरिस पैरालंपिक खेलों के गोला फेंक ( शॉट पुट) में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ 14.65 मीटर थ्रो करके पुरुषों की एफ57 श्रेणी में कांस्य पदक हासिल किया। यह श्रेणी उन खिलाड़ियों के लिए है जिनका कोई अंग नहीं होता है या जिनकी मांसपेशियां कमजोर होती हैं। भारतीय खिलाड़ी सेमा ने खुद को इस श्रेणी के लिए तैयार किया।

पुणे स्थित कृत्रिम अंग केंद्र मे सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने सेमा की फिटनेस को देखकर उन्हें शॉट पुट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। इस तरह से उन्होंने 2016 में 32 साल की उम्र में इस खेल को अपनाया था। सेमा ने उसी वर्ष राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया। उन्होंने 2022 में मोरक्को ग्रां प्री में रजत और हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीता।

जंग के मैदान से लेकर पैरालंपिक कांस्य पदक तक, पढ़ें होकातो सेमा के संघर्ष की कहानी


वह 2024 में विश्व चैंपियनशिप में मामूली अंतर से पदक से चूक गए और चौथे स्थान पर रहे। लेकिन सेमा का निश्चय कभी नहीं डिगा। पैरालंपिक खेलों में सेमा ने अपने चौथे प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो करके कांस्य पदक जीता। ईरान के दो बार के पैरा विश्व चैंपियन यासीन खोसरावी ने 15.96 मीटर के पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया, जबकि ब्राजील के थियागो डॉस सैंटोस ने रजत पदक (15.06 मीटर) जीता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमा की अविश्वसनीय ताकत और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए उनकी जीत को देश के लिए गर्व का क्षण बताया।

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