भारतीय नौसेना की नई उन्नति: विशाखापट्टनम में 'विनेत्रा' पनडुब्बी एस्केप प्रशिक्षण सुविधा का शुभारंभ
भारतीय नौसेना ने अपनी क्षमता में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए विशाखापट्टनम में उन्नत पनडुब्बी एस्केप प्रशिक्षण सुविधा ‘विनेत्रा’ (Vishakhapatnam Naval Escape Training Facility) की शुरुआत की है। यह कदम भारतीय नौसेना की सुरक्षा और दक्षता को और मजबूत करेगा। इस अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा का उद्देश्य नौसैनिकों को आपातकालीन स्थिति में पनडुब्बियों से सुरक्षित रूप से बाहर निकलने की ट्रेनिंग देना है।
भारतीय नौसेना ने विशाखापट्टनम में उन्नत पनडुब्बी एस्केप प्रशिक्षण सुविधा 'विनेत्रा' शुरू की |
‘विनेत्रा’ भारत में अपनी तरह की पहली सुविधा है, जो नौसैनिकों को पनडुब्बी से सुरक्षित रूप से बाहर निकलने के लिए सभी आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करती है। यह सुविधा अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है जो नौसैनिकों को वास्तविक परिस्थितियों में आपातकालीन स्थितियों का सामना करने की तैयारी करता है। इस प्रशिक्षण के तहत, नौसैनिकों को गहरे पानी में पनडुब्बी से बाहर निकलने और उन्हें सुरक्षित रूप से सतह तक पहुंचाने का अभ्यास कराया जाता है।
इस सुविधा में सिमुलेशन टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया गया है, जिससे नौसैनिकों को वास्तविक जीवन के परिस्थितियों में प्रशिक्षण मिल सके। विनेत्रा पनडुब्बी आपातकालीन स्थितियों जैसे कि आग, बाढ़, या अन्य तकनीकी खराबियों के दौरान आवश्यक कौशल सिखाती है। इस सुविधा का प्रमुख लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि आपातकालीन स्थिति में नौसैनिक जल्द और सुरक्षित तरीके से बाहर निकल सकें।
भारतीय नौसेना ने 13 सितंबर 2024 को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में स्थित आईएनएस सातवाहन में अपने प्रमुख पनडुब्बी प्रशिक्षण अड्डे पर स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित, कलवरी पनडुब्बी पलायन प्रशिक्षण सुविधा शुरू की है। आईएनएस सातवाहन भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान के अधीन है।
कलवरी पनडुब्बी पलायन प्रशिक्षण सुविधा का नाम विनेत्रा है जिसका अर्थ प्रशिक्षक है, का निर्माण एल एंड टी डिफेंस कंपनी द्वारा किया गया है।
कलवरी पनडुब्बी पलायन प्रशिक्षण सुविधा विनेत्रा के बारे में
कलवरी पनडुब्बी पलायन प्रशिक्षण सुविधा, भारतीय नौसेना द्वारा संचालित पारंपरिक पनडुब्बियों के कलवरी श्रेणी के पनडुब्बी चालक दल को प्रशिक्षित करेगी।
यह पनडुब्बी चालक दल को किसी दुर्घटना या हमले के कारण संकट में होने पर अपनी जान बचाने के लिए पनडुब्बी से बाहर निकालने में प्रशिक्षित करेगा।
यह सुविधा निकटवर्ती डाइविंग बेसिन के साथ एकीकृत पांच मीटर के पलायन टावर से सुसज्जित है।
भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और सुविधाओं में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के मेक इन इंडिया सुविधा और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विनेत्रा सुविधा विकसित की गई है।
भारतीय नौसेना की कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी
कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी का निर्माण भारत में भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 75 के तहत किया जा रहा है जिसके तहत 6 सबमरीन का निर्माण किया जाना था।
2005 में भारत और फ्रांस ने फ्रांस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत भारत में 6 पारंपरिक स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 3.75 बिलियन डॉलर का सौदा किया था।
फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप को इस सौदे के तहत प्रौद्योगिकी प्रदान करनी थी जबकि मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) को इसका निर्माण करना था।
2000 टन की आईएनएस कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी सभी प्रकार के मिशन जैसे सतही पोत युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, लंबी दूरी के हमले, विशेष अभियान या खुफिया जानकारी एकत्र करने में सक्षम है।
प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित पनडुब्बी
प्रोजेक्ट 75 के तहत बनने वाली पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी थी, जिसे 2017 में लॉन्च किया गया था। तब से चार और पनडुब्बियों को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। छठी पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर का समुद्री परीक्षण चल रहा है।
कलवरी श्रेणी की छह पनडुब्बियां हैं - आईएनएस कलवरी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज, आईएनएस वेला, आईएनएस वागीर और आईएनएस वाघशीर।
वर्तमान में, भारतीय नौसेना 16 पारंपरिक पनडुब्बियों और दो परमाणु संचालित पनडुब्बियों - आईएनएस अरिहंत और आईएनएस अरिघाट का संचालन कर रही है।
पारंपरिक पनडुब्बियां सात रूसी सिंधुघोष-श्रेणी, पांच इंडो-फ़्रेंच कलवरी-श्रेणी और चार जर्मन शिशुमार-श्रेणी पनडुब्बियां हैं।
विशाखापट्टनम को इस तरह की उन्नत सुविधा मिलने से भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा और अधिक सशक्त होगी। इस केंद्र से नौसैनिकों की सुरक्षा और दक्षता में भारी सुधार होगा, जिससे समुद्री अभियानों में भी मजबूती आएगी।
'विनेत्रा' का निर्माण और इसका संचालन नौसैनिक प्रशिक्षण में उच्च मानकों का अनुसरण करता है, जो भारतीय नौसेना को विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह सुविधा नौसैनिकों की मानसिक और शारीरिक तैयारी को बढ़ावा देती है, जिससे वह किसी भी आपातकालीन परिस्थिति का सामना कर सकें।
‘विनेत्रा’ का शुभारंभ भारतीय नौसेना की एक और ऐतिहासिक सफलता है, जो सुरक्षा और दक्षता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सुविधा न केवल नौसैनिकों की सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि भारत की समुद्री शक्ति को भी और सशक्त बनाएगी।
भारतीय नौसेना में शामिल प्रथम नाभिकीय पनडुब्बी का नाम क्या था?
भारत को अपने एटीवी कार्यक्रम के तहत चार परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों (एसएसबीएन) का निर्माण करने की उम्मीद है। इस श्रेणी का पहला पोत, आईएनएस अरिहंत , अगस्त 2016 में चालू किया गया था, और 2018 में सक्रिय सेवा में प्रवेश किया।
भारतीय जल सेना द्वारा हाल में कौन सी पनडुब्बी खड़ी गई है?
आईएनएस वाघशीर (INS Vagsheer)... ये कलवारी क्लास यानी स्कॉर्पीन क्ला की डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी है. यह पनडुब्बी इस साल दिसंबर में तैनात हो जाएगी. यह एंटी-सरफेस, एंटी-सबमरीन वारफेयर में माहिर है.
भारत की पहली पनडुब्बी का नाम क्या है?
आईएनएस कलवरी (एस23) भारतीय नौसेना की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की कलवरी श्रेणी का प्रमुख पोत था। यह भारतीय नौसेना द्वारा सेवा में शामिल की गई पहली पनडुब्बी थी।
हाल ही में विशाखापत्तनम में लॉन्च की गई स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी का नाम क्या है?
आईएनएस अरिघाट अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी का उन्नत संस्करण है। यह विशाखापत्तनम में शिप बिल्डिंग सेंटर में परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी पोत (एटीवी) परियोजना के तहत भारत द्वारा बनाई गई दूसरी परमाणु ऊर्जा संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है। इसका कोड नाम S3 है।
भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग की जाने वाली पनडुब्बी प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल का नाम क्या है?
भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग की जाने वाली पनडुब्बी प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल का नाम के-4 मिसाइल है।
हाल ही में भारतीय नौसेना द्वारा कमीशन किया गया विनेत्रा क्या है?
विनेत्रा भारतीय नौसेना की पनडुब्बी पलायन प्रशिक्षण सुविधा है, जिसे पनडुब्बी क्रू को आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षित पलायन की ट्रेनिंग देने के लिए कमीशन किया गया है।
विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना के पनडुब्बी प्रशिक्षण अड्डे का नाम क्या है?
विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना के पनडुब्बी प्रशिक्षण अड्डे का नाम आईएनएस सातवाहन (INS Satavahana) है।
कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी का निर्माण भारत में किस भारतीय शिपयार्ड द्वारा किया गया है?
कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण मज़गांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई द्वारा किया गया है।
भारतीय नौसेना की कलवरी पनडुब्बी पलायन प्रशिक्षण सुविधा, विनेत्रा का निर्माण किस कंपनी ने किया है?
विनेत्रा पनडुब्बी पलायन प्रशिक्षण सुविधा का निर्माण L&T (Larsen & Toubro) कंपनी द्वारा किया गया है।
भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 75 के तहत कितनी पनडुब्बियों का निर्माण किया गया है?
प्रोजेक्ट 75 के तहत भारतीय नौसेना के लिए 6 पनडुब्बियों का निर्माण किया गया है।
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