तुर्किये में इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा: जानें इसके पीछे का कारण और इतिहास
तुर्किये में इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध का कारण
हाल ही में तुर्किये सरकार ने इंस्टाग्राम पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके पीछे सुरक्षा, गोपनीयता और फेक न्यूज़ का प्रसार प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। तुर्किये ने पहले भी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को इस प्रकार के कारणों से प्रतिबंधित किया है। सरकार का तर्क है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और समाज की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
तुर्की ने 2 अगस्त, 2024 को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, 10 अगस्त, 2024 को इसे फिर से चालू कर दिया गया.
तुर्की के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी प्राधिकरण ने बैन लगाने की वजह का कोई जिक्र नहीं किया था. हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंस्टाग्राम ने तुर्की में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया की मौत पर शोक व्यक्त करने वाले पोस्ट को हटा दिया था.
इसके बाद, तुर्की के संचार अधिकारी फ़हरेटिन अल्तुन ने इंस्टाग्राम की आलोचना की थी और कहा था कि यह सेंसरशिप है.
तुर्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर 2 अगस्त 2024 को बैन लगा दिया। देश के सूचना प्रौद्योगिकी नियामक ने बैन की जानकारी दी, लेकिन इसका कोई कारण या अवधि नहीं बताई है।
तुर्की ने संचार अधिकारी फहरेटिन अल्तुन ने इंस्टाग्राम पर हमास प्रमुख अस्माइल हानिया की हत्या पर शाेक संदेशों को ब्लॉक करने की बात कही थी।
इससे पूर्व वर्ष 2007 - 2010 तक तुर्की में यूट्यूब को भी बैन किया गया था।
इंस्टाग्राम की शुरुआत केविन सिस्ट्रॉम और माइक क्रेगर ने 2010 में की थी।
2012 में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने इंस्टाग्राम को 1 अरब डॉलर में खरीदा था। वर्तमान में इंस्टाग्राम की मार्केट वैल्यू लगभग 500 अरब डॉलर है।
तुर्की में इंस्टाग्राम पर लगाए गए बैन के कुछ और पहलू:
तुर्की में इंस्टाग्राम के 5 करोड़ से ज़्यादा यूज़र हैं.
इस बैन की वजह से सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई थी.
तुर्की में इंस्टाग्राम पर बैन की आलोचना करने वाली एक महिला को गिरफ़्तार किया गया था.
तुर्किये की नेशनल कम्युनिकेशन अथॉरिटी ने अपनी बेवसाइट पर पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी। आदेश के बाद तुर्किये के अंदर कई लोगों ने एक्स पर पोस्ट करते हुए इंस्टाग्राम फीड के लोड न होने को लेकर शिकायत भरे पोस्ट किए।
तुर्किये के राष्ट्रपति कार्यालय में कम्युनिकेशन डायरेक्टर फहरेटिन अल्तुन ने बुधवार को इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी मेटा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वो लोगों को हमास चीफ अस्माइल हानिया की मौत पर शौक संदेश पोस्ट करने से रोक रही है।
अस्माइल हानिया की मौत मंगलवार को ईरान की राजधानी तेहरान में हुई थी। उसे इजराइल ने एक हमले में मार दिया था। हानिया, तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगान का करीबी भी था।
सोशल मीडिया पर तुर्किये के पिछले प्रतिबंध
तुर्किये में सोशल मीडिया पर नियंत्रण की कोशिशें नई नहीं हैं। 2016 में हुई राजनीतिक अस्थिरता के बाद, ट्विटर, फेसबुक, और व्हाट्सएप जैसे प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी अस्थायी प्रतिबंध लगाए गए थे। उस समय यह माना गया था कि सरकार असंतोष और विरोध की आवाजों को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठा रही थी। इसके अलावा, YouTube और Wikipedia को भी कई मौकों पर तुर्किये में प्रतिबंधित किया गया है।
इंस्टाग्राम प्रतिबंध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध की यह नीति तुर्किये के लिए नई नहीं है। 2007 में पहली बार YouTube पर प्रतिबंध लगाया गया था, जब उस पर तुर्किये के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क के खिलाफ अपमानजनक सामग्री अपलोड की गई थी। यह प्रतिबंध दो साल तक जारी रहा। 2010 के दशक में तुर्किये सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले डिजिटल स्पेस पर अधिक नियंत्रण हासिल करने की कोशिश की, जो समय-समय पर विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए प्रतिबंध का कारण बना।
तुर्किये में इंस्टाग्राम पर लगा प्रतिबंध यह दर्शाता है कि सरकार अपने डिजिटल स्पेस पर नियंत्रण की नीति को और कड़ा कर रही है। सोशल मीडिया पर तुर्किये का यह कदम फ्री स्पीच और इंटरनेट स्वतंत्रता पर एक बड़ी बहस छेड़ रहा है। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नीति किस दिशा में जाती है और तुर्किये के नागरिक इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
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