राष्ट्रपति भवन के दो भवनों का नाम बदला गया

राष्ट्रपति भवन  के दो भवनों का नाम बदला गया 

राष्ट्रपति भवन (Presidential Palace) भारत का सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक सरकारी भवन है। इसे पहले वायसराय हाउस के नाम से जाना जाता था और भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास है। इसका निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में किया गया था और इसका इतिहास ब्रिटिश औपनिवेशिक युग से जुड़ा है।

राष्ट्रपति भवन के दो भवनों का नाम बदला गया

राष्ट्रपति सचिवालय ने 25 जुलाई 2024 को दरबार हॉल का नाम बदलकर गणतंत्र मंडप कर दिया है, वहीं अशोक हॉल का भी नाम बदलकर अशोक मंडप किया गया है। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाते हैं।

दरबार हॉल को पहले थ्रोन रूम के नाम से जाना जाता था। यहीं पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त 1947 को आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

अशोक हॉल को मूल रूप से बॉल रूम के तौर पर जाना जाता है। इसका फर्श लकड़ी से बनाया गया है और इसकी छतों पर पेंटिंग की गई है। राष्ट्रपति भवन का इनॉग्रेशन 6 अप्रैल 1929 को भारत के वायसरॉय और गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था।

राष्ट्रपति भवन का निर्माण और योजना

राष्ट्रपति भवन का निर्माण 1912 में ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर की देखरेख में शुरू हुआ था। 1911 में दिल्ली को भारत की नई राजधानी घोषित किया गया और ब्रिटिश सरकार ने एक भव्य वायसराय आवास की योजना बनाई। इसकी नींव 1912 में रखी गई और इसे बनने में करीब 17 साल लगे। यह 1929 में पूरी तरह बनकर तैयार हुआ।

राष्ट्रपति भवन एक अद्भुत मिश्रण है ब्रिटिश और भारतीय वास्तुकला शैलियों का। इसका निर्माण इंडो-सारासेनिक शैली में हुआ, जिसमें भारतीय और यूरोपीय डिजाइन को मिलाया गया। इमारत में भारतीय वास्तुशिल्पीय तत्वों जैसे छतरियाँ, जालीदार खिड़कियाँ और राजस्थानी पत्थर की नक्काशी का इस्तेमाल हुआ है। इसका केंद्रीय गुंबद रोम के सेंट पीटर बेसिलिका से प्रेरित है।

राष्ट्रपति भवन के दो भवनों का नाम बदला गया

राष्ट्रपति भवन 

राष्ट्रपति भवन में 340 कमरे हैं, जिनमें दरबार हॉल, अशोक हॉल, और मुगल गार्डन प्रमुख हैं। इसकी कुल भूमि क्षेत्रफल 330 एकड़ है, जिसमें सुंदर उद्यान, फुव्वारे और पेड़-पौधे शामिल हैं।

स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रपति भवन

15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के बाद, यह भवन भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन का निवास बना। 1950 में जब भारत गणराज्य बना, तो इसे भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास घोषित किया गया और इसका नाम बदलकर "राष्ट्रपति भवन" कर दिया गया।

वर्तमान में राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन केवल राष्ट्रपति का निवास ही नहीं, बल्कि देश के महत्वपूर्ण सरकारी और राजनयिक कार्यक्रमों का आयोजन स्थल भी है। हर साल गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा यहां विभिन्न देशों के प्रमुखों और राजदूतों के साथ मुलाकात की जाती है।

राष्ट्रपति भवन भारतीय लोकतंत्र और सत्ता का प्रतीक है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाता है।


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