नाविका सागर परिक्रमा II: भारतीय नौसेना की महिलाओं की ऐतिहासिक यात्रा

नाविका सागर परिक्रमा II: भारतीय नौसेना की महिलाओं की ऐतिहासिक यात्रा

भारतीय नौसेना की महिलाओं की टोली ने इतिहास रचने के उद्देश्य से "नाविका सागर परिक्रमा II" की शुरुआत की है। यह मिशन भारतीय महिलाओं की अद्वितीय साहस और क्षमताओं को प्रदर्शित करता है, जो समुद्रों की कठिनाइयों का सामना करते हुए पूरी दुनिया की परिक्रमा करेंगे। इस अभियान का मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है, जो नारी सशक्तिकरण का सशक्त उदाहरण है।

भारतीय नौसेना ने नौकायन परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं, जिसमें समुद्री विरासत को संरक्षित करने और नाविक कौशल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है। नौकायन प्रशिक्षण जहाजों आईएनएस तरंगिनी और आईएनएस सुदर्शिनी के अग्रणी प्रयासों और आईएनएसवी म्हादेई और तारिणी पर परिक्रमा के जरिए भारतीय नौसेना ने महासागर नौकायन अभियानों में प्रमुख स्थान हासिल किया है।

नाविका सागर परिक्रमा II: भारतीय नौसेना की महिलाओं की ऐतिहासिक यात्रा

मिशन का उद्देश्य

नाविका सागर परिक्रमा II का मुख्य उद्देश्य भारतीय महिला नौसेना अधिकारियों को चुनौतीपूर्ण समुद्री अभियानों में प्रशिक्षित करना और महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को मजबूत करना है। इस अभियान के द्वारा भारत की महिलाओं को नए और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में योगदान देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

इतिहास और प्रेरणा

नाविका सागर परिक्रमा II, पहले मिशन की सफलता से प्रेरित है, जो 2017 में शुरू हुआ था। उस समय छह महिला अधिकारियों की टीम ने 254 दिनों में पूरी दुनिया की परिक्रमा कर इतिहास रचा था। उस यात्रा का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया था, और यह अभियान एक बड़ा मील का पत्थर बना था। अब दूसरे चरण में, नई महिला अधिकारियों की टीम उसी साहस और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है।

समुद्री कौशल और साहस की परंपरा को जारी रखते हुए भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी – लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के बहुत जल्द ही आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर दुनिया की परिक्रमा करने के विशेष अभियान – नाविका सागर परिक्रमा II पर रवाना होंगी। दोनों पिछले तीन वर्षों से इस अभियान के लिए खुद को तैयार कर रही हैं।

छह सदस्यीय चालक दल के हिस्से के रूप में इन दोनों अधिकारियों ने पिछले साल गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डी जेनेरियो और वापस ट्रांस-ओशनिक अभियान में भाग लिया था। इसके बाद, इन महिला अधिकारियों ने गोवा से विजया पुरम (पहले पोर्ट ब्लेयर) और वापस डबल हैंडेड मोड में नौकायन अभियान चलाया। इसके अलावा, इस वर्ष की शुरुआत में दोनों ने गोवा से मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस तक सफल यात्रा की थी।

आईएनएसवी तारिणी की जलयात्रा

सागर परिक्रमा एक कठिन यात्रा होगी, जिसके लिए अत्यधिक कौशल, शारीरिक तंदुरुस्‍ती और मानसिक सतर्कता की आवश्यकता होगी। ये अधिकारी कठोर प्रशिक्षण ले रहे हैं और उन्होंने हजारों मील यात्रा का अनुभव प्राप्त किया है। उन्हें प्रसिद्ध जलयात्रा चालक और गोल्डन ग्लोब रेस के नायक कमांडर अभिलाष टॉमी (सेवानिवृत्त), केसी, एनएम के मार्गदर्शन में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। आईएनएसवी तारिणी की जलयात्रा भारत के समुद्री नौकायन उद्यम और समुद्री प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो वैश्विक समुद्री गतिविधियों में देश की बढ़ती प्रमुखता और खुले सागर में महिला-पुरुष समानता को प्रदर्शित करेगा।

नाविका सागर परिक्रमा II: भारतीय नौसेना की महिलाओं की ऐतिहासिक यात्रा

अभियान के दौरान चुनौतियाँ

समुद्र में यात्रा करना कोई आसान काम नहीं होता। लगातार बदलते मौसम, बड़ी लहरें, तकनीकी चुनौतियाँ और मानसिक ताकत की कड़ी परीक्षा इस मिशन का हिस्सा है। फिर भी भारतीय महिला नौसेना अधिकारी इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए विश्व की परिक्रमा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

नारी सशक्तिकरण का प्रतीक

नाविका सागर परिक्रमा II सिर्फ एक समुद्री अभियान नहीं है, बल्कि यह नारी सशक्तिकरण का प्रतीक भी है। यह महिलाओं को हर क्षेत्र में खुद को साबित करने का एक नया अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, यह अभियान समाज में महिलाओं की भूमिका को और भी सशक्त बनाता है और युवा लड़कियों को प्रेरित करता है कि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं।

यह मिशन न सिर्फ महिलाओं की क्षमताओं का प्रदर्शन है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। समुद्र में सोलर पावर और पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके यह टीम ऊर्जा बचाने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाएगी।

पृष्ठभूमि

नाविका सागर परिक्रमा I: 2017-2018 में पहले अभियान में सभी महिला चालक दल ने 254 दिनों की वैश्विक यात्रा पूरी की, जिसमें 21,600 समुद्री मील की दूरी तय की गई, जो 4 बंदरगाहों और 3 महासागरों से गुज़री, जिसमें नारी शक्ति और भारत की समुद्री शक्ति का प्रदर्शन किया गया।

नाविका सागर परिक्रमा II: भारतीय नौसेना की महिलाओं की ऐतिहासिक यात्रा

उपलब्धियाँ: पहले चालक दल को इस चुनौतीपूर्ण यात्रा को पूरा करने के लिए नारी शक्ति पुरस्कार और नौसेना पदक से सम्मानित किया गया, जो महिला सशक्तिकरण और भारत की “मेक इन इंडिया” पहल का प्रतिनिधित्व करता है।

"नाविका सागर परिक्रमा II" भारतीय महिलाओं के लिए न केवल साहस और साहसिकता का प्रतीक है, बल्कि यह उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का अवसर भी देता है। यह मिशन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महिलाओं को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए प्रेरित करेगा। भारतीय नौसेना का यह अभियान देश की बेटियों के लिए एक बड़ा संदेश है - कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

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