निर्मला सीतारमण ने नाबालिगों के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना का शुभारंभ किया

निर्मला सीतारमण ने नाबालिगों के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना का शुभारंभ किया

केंद्र सरकार ने देश के भविष्य को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एक नई योजना की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में नाबालिगों के लिए 'एनपीएस वात्सल्य योजना' का शुभारंभ किया। यह योजना विशेष रूप से उन बच्चों के लिए बनाई गई है जिनके अभिभावक उनके आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं।

निर्मला सीतारमण ने नाबालिगों के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना का शुभारंभ किया
एनपीएस वात्सल्य योजना क्या है?

एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) वात्सल्य योजना एक सरकारी पहल है जो माता-पिता या अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य के लिए पेंशन फंड में निवेश करने का अवसर प्रदान करती है। इस योजना के तहत, नाबालिग बच्चों के लिए खाता खोला जा सकता है, जिससे 18 वर्ष की उम्र के बाद वे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो सकें।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 17 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में नाबालिगों के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना शुरू की। इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया और देश भर में 75 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया। उन्होंने नए नाबालिगों  ग्राहकों को स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) कार्ड भी वितरित किए।

निर्मला सीतारमण ने अपने 2024-25 के केंद्रीय बजट भाषण में एनपीएस वात्सलय योजना की घोषणा की थी।

एनपीएस वात्सल्य को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा विनियमित किया जाएगा।

एनपीएस वात्सल्य के बारे में 

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) वात्सल्य 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिगों के लिए है और जो भारत के निवासी हैं।

एनपीएस वात्सल्य खाता अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए नहीं है।

नाबालिग के नाम पर एक एनपीएस-टियर II खाता खोला जाएगा।

टियर-II खाता एक स्वैच्छिक बचत पेंशन योजना है जो ग्राहक के स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) से जुड़ी होती है।

प्रत्येक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ग्राहक को एक अद्वितीय 12-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक पीआरएएन नंबर प्रदान किया जाता है जो अंत तक ग्राहक के पास रहता है।

अंशदान, निकासी, निकास की सुविधा 

एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत न्यूनतम योगदान 1000 रुपये प्रति वर्ष है, और इसमे कोई अधिकतम निवेश सीमा नहीं है।

माता-पिता नाबालिग की ओर से योगदान कर सकते हैं।

लॉक-इन अवधि तीन वर्ष की  है।

तीन साल के बाद, ग्राहक शिक्षा, निर्दिष्ट बीमारी और विकलांगता के लिए निधि  का 25 प्रतिशत (निवेशित राशि और राशि पर रिटर्न) आंशिक रूप से निकाल सकता है। 

योजना की अवधि के केवल तीन बार आंशिक निकासी की अनुमति है।

जब कोई ग्राहक 18 वर्ष का हो जाता है तो क्या होगा?

ग्राहक के 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद, ग्राहक के पास एनपीएस टियर -1 खाते में स्थानांतरित करने का विकल्प होता है या 

यदि निधि की राशि 2.5 लाख रुपये के बराबर या उससे कम है, तो ग्राहक पूरी राशि निकाल सकता है।

यदि धनराशि 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो ग्राहक 20 प्रतिशत राशि निकाल सकता है, और अन्य 80 प्रतिशत का उपयोग एक निर्दिष्ट बीमा कंपनी से वार्षिकी पॉलिसी खरीदने के लिए किया जाएगा। 

बीमा कंपनी ग्राहक को वार्षिकी राशि के आधार पर पेंशन देगी।

क्या रिटर्न की गारंटी है?

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा अनुमोदित एक पेंशन फंड मैनेजर एनपीएस- I, एनपीएस-II या दोनों में ग्राहक के निवेश की देखभाल करता है।

पेंशन फंड मैनेजर बाजार (कंपनी के शेयर, बांड, डिबेंचर, आदि) में निवेश करता है, और रिटर्न निवेश के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।

इसमे कोई गारंटी नहीं होती।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली 

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2004 को शुरू की गई एक स्वैच्छिक अंशदायी सेवानिवृत्ति के बाद की पेंशन योजना है। प्रारंभ में, यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए था, लेकिन 1 मई 2009 को इसे सभी के लिए खोल दिया गया ।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली दो- एनपीएस -1 और एनपीएस- II खाते प्रदान करती है। 

18 से 70 वर्ष की आयु के सभी निवासी भारतीयों और अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) एनपीएस- I  के लिए पात्र  है।

जिस व्यक्ति के पास एनपीएस -I खाता है, वह एनपीएस -II खाता खोल सकता है, लेकिन एनपीएस -II खाता केवल निवासी भारतीयों के लिए है।

एनपीएस- I खाते के लिए न्यूनतम वार्षिक योगदान 1000 रुपये है, जबकि एनपीएस -II खाते के लिए न्यूनतम योगदान राशि की कोई आवश्यकता नहीं है। 

एनपीएस -I खाते की तुलना में एनपीएस -II में निकासी और निकास में अधिक लचीलापन है।

एनपीएस को पीएफआरडीए द्वारा विनियमित किया जाता है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।

पीएफआरडीए के अध्यक्ष: दीपक मोहंती

फुल फॉर्म

एनपीएस /NPS:   नेशनल  पेंशन सिस्टम ( National Pension System)

पीआरएएन/PRAN: परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (Permanent Retirement Account Number)

पीएफ़आरडीए /PFRDA): पेंशन फ़ंड रेगुलेटर एंड  डेवलपमेंट अथॉरिटी( Pension Fund Regulatory and Development Authority)

निर्मला सीतारमण ने नाबालिगों के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना का शुभारंभ किया

योजना के लाभ

नाबालिगों के लिए वित्तीय सुरक्षा: एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत नाबालिगों के लिए एक निवेश खाता खोला जा सकता है, जिससे उनके भविष्य के लिए धनराशि सुरक्षित की जा सके।

कर में छूट: इस योजना में निवेश करने वाले अभिभावकों को आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर लाभ मिल सकता है।

लंबी अवधि के लिए सुरक्षित निवेश: यह योजना बच्चों के लिए एक स्थिर पेंशन की गारंटी देती है, जो उनकी व्यावसायिक या शैक्षिक आवश्यकताओं में मददगार होगी।

• माता-पिता अपने बजट के अनुसार इसमें योगदान कर सकते हैं।

सरकारी गारंटी: यह योजना सरकारी पेंशन योजना के अंतर्गत आती है, जिससे यह निवेश सुरक्षित और भरोसेमंद है।

किसी भी समय निकासी: बच्चा 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद पेंशन राशि को निकाल सकता है।

निर्मला सीतारमण ने नाबालिगों के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना का शुभारंभ किया

आवेदन प्रक्रिया

एनपीएस वात्सल्य योजना में निवेश करने के लिए माता-पिता या अभिभावकों को एक निर्धारित फॉर्म भरना होगा, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध है। योजना के तहत खाता खोलने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, और नाबालिग बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य दस्तावेज़ हैं।

'एनपीएस वात्सल्य योजना' एक प्रभावी कदम है,

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह प्रयास देश के अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य बनाने की दिशा में प्रोत्साहित करता है। 

इस योजना के माध्यम से, बच्चे बड़े होने पर वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

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