पीएम मोदी ने दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नीतियों पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वाराणसी में दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। यह समागम भारतीय शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने और शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम नीतियों पर विचार करने के लिए आयोजित किया गया। इस समागम में देशभर से शिक्षाविद, नीति निर्माता और विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पीएम मोदी ने दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया
इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रभावी कार्यान्वयन के तरीकों पर चर्चा करना था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि NEP 2020 देश के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और उनकी क्षमताओं को उभारने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई 2023 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया और प्रधान मंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना के तहत की पहली किस्त भी जारी की। यह समागम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर आयोजित हो रहा है।
दूसरा अखिल भारतीय शिक्षा समागम शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है और 29 और 30 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।
प्रधान मंत्री ने 12 भारतीय भाषाओं में अनुवादित शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम की पुस्तकों का भी विमोचन किया।
एनईपी के बारे में
भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020), 29 जुलाई 2020 को भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित की गई। इसने शिक्षा पर पिछली राष्ट्रीय नीति, 1986 का स्थान ले लिया।
नीति का दृष्टिकोण भारतीय लोकाचार में निहित एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का निर्माण करना है जो सभी को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके भारत को बदलने में सीधे योगदान दे, जिससे भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके।
कर्नाटक एनईपी 2020 लागू करने वाला पहला राज्य है।
पीएम श्री के बारे में
प्रधान मंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) भारत सरकार द्वारा एक केंद्र प्रायोजित योजना है। यह छात्रों को इस तरह से पोषित करेगा कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की परिकल्पना के अनुसार एक समतापूर्ण, समावेशी और बहुलवादी समाज के निर्माण में संलग्न, उत्पादक और योगदान देने वाले नागरिक बनें।
इस योजना को 2022-23 से 2026-27 तक 5 वर्षों की अवधि में लागू करने का प्रस्ताव है।
भारत मंडपम' के बारे में
पीएम ने 26 जुलाई को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (IECC) परिसर का उद्घाटन किया, जिसे भारत मंडपम नाम दिया गया।
'भारत मंडपम' नाम भगवान बसवेश्वर के 'अनुभव मंडपम' की प्रेरणा है।
भगवान बसवेश्वर या बसवन्ना 12वीं सदी के दार्शनिक थे, जो दक्षिण भारत में सामाजिक-धार्मिक सुधार, वचन साहित्य और लिंगायत आंदोलन के लिए जाने जाते थे।
समागम के मुख्य बिंदु:
1. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की समीक्षा: इस समागम में मुख्य रूप से NEP 2020 के कार्यान्वयन और इसके परिणामों पर विचार किया गया। इसमें इस नीति के तहत तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान और विकास, और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की गई।
2. शिक्षा में डिजिटल क्रांति: प्रधानमंत्री ने शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में सरकार के कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल शिक्षा से छात्रों को समान अवसर मिल रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो रही है।
3. शिक्षा के वैश्विक मानक: इस समागम में यह भी चर्चा की गई कि भारतीय शिक्षा को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है। मोदी ने कहा कि भारत का उद्देश्य विश्व स्तरीय शिक्षा प्रणाली का निर्माण करना है, जो भारतीय छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
4. स्थानीय भाषा में शिक्षा: प्रधानमंत्री ने स्थानीय भाषाओं में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा से छात्रों की सोचने-समझने की क्षमता में सुधार होता है और यह उनकी बौद्धिक विकास में मदद करता है।
शिक्षा का विकास:
इस समागम में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार करना है। इसके लिए सरकार द्वारा नए शोध संस्थानों की स्थापना और शिक्षा के लिए धन आवंटन में वृद्धि की जा रही है। साथ ही, युवाओं को उद्योगों से जोड़ने और उन्हें रोजगार योग्य बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार और नए अवसरों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत की है, जिनका उद्देश्य छात्रों को नवीनतम तकनीक और वैज्ञानिक अनुसंधान में आगे बढ़ाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन करते हुए शिक्षा के डिजिटलीकरण और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन पर बल दिया।
दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश के शिक्षा क्षेत्र में नए आयाम जोड़ रहा है। इस समागम से शिक्षा के क्षेत्र में आने वाले बदलावों का मार्ग प्रशस्त होगा और भारत को एक शिक्षित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में बड़ा योगदान देगा।
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