पीएम मोदी ने पीएम-किसान योजना की 14वीं किस्त जारी की|14वीं किश्त के रूप में 17 हजार करोड़ रुपए किसानों को दिए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जुलाई 2023 को PM किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त जारी की। राजस्थान के सीकर से देशभर के साढ़े 8 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 2000 रुपए की किस्त ट्रांसफर की गई। 14वीं किश्त के रूप में 17 हजार करोड़ रुपए किसानों को दिए गए।
पीएम किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त में 17 हजार करोड़ रु. किसानों के खातों में जमा
1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र राष्ट्र को समर्पित, सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) लांच
ओपन नेटवर्क फार डिजिटल कामर्स पर 1600 से अधिक एफपीओ के ऑनबार्डिंग का शुभारंभ
प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा राजस्थान को अनेक सौगातें - 5 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन व 7 मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास और 6 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों व केंद्रीय विद्यालय का शुभारंभ
किसानों के दर्द और जरूरतों को समझती है केंद्र सरकार- प्रधानमंत्री
बीज से बाजार तक किसानों के लिए नई व्यवस्था का निर्माण- श्री मोदी
गांव-गरीब-किसानों की खुशहाली प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्राथमिकता- श्री तोमर
विकासवाद की नई राजनीतिक विचारधारा को पीएम ने दिया बढ़ावा- श्री मांडविया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जुलाई 2023 को राजस्थान के सीकर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त जारी की। इस योजना के तहत देशभर के 8.5 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 2000 रुपये की किस्त सीधे ट्रांसफर की गई, जिसमें कुल 17,000 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्रों का उद्घाटन भी किया और सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) को लांच किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम किसान समृद्धि केंद्र किसानों की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में काम करेंगे, जहां किसानों को बीज, खाद, खेती के औजार और आधुनिक जानकारी मिलेगी। इन केंद्रों से गांव और ब्लॉक लेवल पर करोड़ों किसानों को लाभ होगा। इसके अलावा, ओपन नेटवर्क फार डिजिटल कॉमर्स (ONDC) पर 1600 से अधिक कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) को ऑनबोर्ड किया गया, जिससे किसानों को अपनी उपज को देशभर के बाजारों में आसानी से बेचने का मौका मिलेगा।
राजस्थान को एक साथ अनेक सौगातें प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री ने 5 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन व 7 मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया तथा 6 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों व एक केंद्रीय विद्यालय का शुभारंभ भी किया। समारोह में राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, रसायन एवं उर्वरक तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने किसानों की जरूरतों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कहा कि सरकार किसानों के खर्चों को कम करने और उन्हें समय पर समर्थन देने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 9 वर्षों में बीज से लेकर बाजार तक नई व्यवस्थाएं बनाई गई हैं, जिससे किसानों को मदद मिली है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत करोड़ों किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता जानने में सहायता मिली है, जिससे वे बेहतर निर्णय ले रहे हैं।
समारोह में, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज शुरू किए 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इन्हें किसानों की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप शॉप में विकसित किया जा रहा है। गांव व ब्लॉक लेवल पर इन केंद्रों से करोड़ों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यहां किसानों को बीज, खाद, खेती के औजार व अन्य मशीनें भी मिलेगी।
ये केंद्र खेती से जुड़ी हर आधुनिक जानकारी किसानों को देंगे। वर्षांत से पहले ऐसे और 1.75 लाख केंद्र खोले जाएंगे। ओएनडीसी पर एफपीओ की भागीदारी का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इससे किसानों के लिए देश के किसी भी हिस्से से उपज को बाजार तक ले जाना आसान हो जाएगा।
श्री मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है जिसमें सीधे किसानों के बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर की जाती है। आज की 14वीं किस्त को मिला लें तो अब तक 2.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं जिससे किसानों को विभिन्न खर्चों को कवर करने में फायदा हुआ है।
उन्होंने कहा कि किसानों का सामर्थ्य, किसानों का परिश्रम, मिट्टी से भी सोना निकाल देता है इसलिए सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। हमारी सरकार कैसे अपने किसान भाइयों के पैसे बचा रही है,
इसका एक उदाहरण यूरिया की कीमतें भी हैं। हमारी सरकार ने कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध का असर किसानों पर नहीं पड़ने दिया। आज देश में यूरिया की जो बोरी 266 रु. में देते हैं, यहीं बोरी पाकिस्तान में करीब 800 रु. में मिलती है, बांग्लादेश में 720 रु. और चीन में 2100 रु. की मिलती है। अमेरिका में यूरिया की यही बोरी 3000 रु. से ज्यादा की मिल रही है।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार किसानों को यूरिया की कीमतों से परेशान नहीं होने देगी, जब कोई किसान यूरिया खरीदने जाता है तो उसे विश्वास होता है कि यह मोदी की गारंटी है। प्रधानमंत्री ने श्री अन्न को बढ़ावा देने हेतु उठाए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे श्री अन्न के उत्पादन, प्रसंस्करण, निर्यात में वृद्धि हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का विकास तभी संभव है, जब गांवों का विकास होगा इसीलिए सरकार गांवों में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है जो सिर्फ शहरों में ही मिलती थी।” उन्होंने कहा कि दशकों तक गांवों में अच्छे स्कूलों, शिक्षा की कमी के कारण गांव-गरीब पीछे रह गए, अफसोसजनक रहा कि पिछड़े-आदिवासी समाज के बच्चों के पास सपनों को पूरा करने का कोई साधन नहीं था। श्री मोदी ने उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा के लिए बजट और संसाधन बढ़ाएं और एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले जिससे आदिवासी युवाओं को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा, ''सफलता तभी बड़ी होती है, जब सपने बड़े हों।''
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आज एक बार फिर कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक अवसर है जब प्रधानमंत्री के कर-कमलों से इतनी सौगातें मिल रही है। उन्होंने इसके लिए करोड़ों किसानों की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी का अभिनंदन करते हुए कहा कि देश इस बात का साक्षी है कि जबसे प्रधानमंत्री ने कार्यभार संभाला, उनकी प्राथमिकता रही है कि गांव-गरीब-किसानों की प्रगति हों, उनके घरों में खुशहाली आएं, कृषि क्षेत्र में उत्पादन-उत्पादकता बढ़ें, नवाचार बढ़ें, तकनीक का समर्थन हों, छोटे किसानों की ताकत व आमदनी बढ़ें, कृषि की अर्थव्यवस्था मजबूत हों और देश में योगदान दे सकें।
इसके लिए मोदी जी के नेतृत्व में अनेक योजनाएं इन 9 वर्षों में शुरू हुई हैं। 2014-15 में कृषि मंत्रालय का बजट 23 हजार करोड़ रु. होता था जो अब करीब पांच गुना अधिक 1.25 लाख करोड़ रु. हो गया है, यह प्रधानमंत्री की प्राथमिकता का परिचय देता है। श्री तोमर ने कहा कि किसान कितना भी परिश्रम कर लें, सरकार की नीतियां अनुकूल हों, फिर भी उन्हें प्रकृति पर निर्भर रहना पड़ता है और जब प्रकृति का प्रकोप आता है तो फसलों को नुकसान होता ही है। इसके लिए श्री मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बड़ा सुरक्षा कवच किसानों को दिया है। इस योजना अंतर्गत किसानों के अब तक 29 हजार करोड़ रु. प्रीमियम रूप में जमा हुए, जबकि 1.41 लाख करोड़ रु. मुआवजे के रूप में दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम किसान की किसी ने कल्पना नहीं की थी। श्री मोदी ने जब कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ना चाहिए तो इसके लिए किसानों, वैज्ञानिकों, बैंकों का आह्वान किया, तब अपना फर्ज भी निभाया व किसानों की आय में सालाना छह हजार रु. जोड़ने के लिए पीएम किसान योजना का सृजन किया। अब तक इस योजना से देशभर के 11 करोड़ किसानों के खातों में 2.42 लाख करोड़ रु. से अधिक की राशि बिना किसी बिचौलियों के जमा कराई जा चुकी है
एक कालखंड था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री कहा करते थे कि हम दिल्ली से 100 रु. भेजते हैं और गांव पहुंचते-पहुंचते 15 रु. बचते हैं। आज प्रधानमंत्री छह हजार रु. भेजते हैं, तो पूरी की पूरी राशि किसानों के खाते में जाती है, कहीं कोई बिचौलिया नहीं। आज पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त से सीकर के 2 लाख व राजस्थान के 57 लाख किसानों के खाते में 1278 करोड़ रुपये मिल जाएंगे। राजस्थान के किसानों को इस योजना के अंतर्गत अब तक 17 हजार करोड़ रु. से अधिक की राशि मिल चुकी है। इसी तरह, मध्य प्रदेश के 76 लाख व छत्तीसगढ़ के 20 लाख किसानों को स्कीम का लाभ मिल रहा है।
केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने स्वागत भाषण में कहा कि देश में सभी वादों से ऊपर उठकर विकासवाद की एक नई राजनीतिक विचारधारा को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण देश को तीन दशकों के अंतराल के बाद नई शिक्षा नीति मिली है, जिसकी सकारात्मक चर्चा न केवल देश बल्कि अन्य देशों में भी है। किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री ने हमेशा प्रयास किया है। पिछले 9 वर्षों में ऐसा कोई माह नहीं गया होगा, जब उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए कोई कदम न उठाया हों।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन व राजस्थान के मंत्री, सांसद-विधायकगण उपस्थित थे, वहीं 732 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) के 100 से ज्यादा संस्थानों, 75 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, पीएम किसान समृद्धि केंद्रों, 50 हजार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों व 4 लाख सामान्य सेवा केंद्रों पर उपस्थित लाखों सदस्यों और करोड़ों किसानों के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण व डा. एस.पी. सिंह बघेल सहित मंत्री, सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि वर्चुअल जुड़े थे।
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