Paralympics : पैरा एथलीट सिमरन ने महिला 200 मीटर स्पर्धा में जीता कांस्य पदक
पैरा एथलीट सिमरन ने रचा इतिहास: पैरालंपिक 2024 में 200 मीटर महिला स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर किया देश का नाम रोशन
सिमरन ने चार खिलाड़ियों के फाइनल में निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 24.75 सेकेंड का समय लिया और पोडियम फिनिश करने में सफल रहीं। सिमरन 100 मीटर में पदक लाने से चूक गई थीं, लेकिन 200 मीटर में कांस्य पदक लाने में सफल रहीं।
भारत की महिला पैरा एथलीट सिमरन ने महिला 200 मीटर टी12 स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक जीता। मौजूदा विश्व चैंपियन सिमरन ने चार खिलाड़ियों के फाइनल में निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 24.75 सेकेंड का समय लिया और पोडियम फिनिश करने में सफल रहीं। सिमरन 100 मीटर में पदक लाने से चूक गई थीं, लेकिन 200 मीटर में कांस्य पदक लाने में सफल रहीं। भारत अब तक इस पैरालंपिक में छह स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य पदक समेत 28 पदक जीत चुका है।
सिमरन का खेल सफर संघर्षों से भरा रहा है। बचपन से ही खेलों में रुचि रखने वाली सिमरन को अपने शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत ने उन्हें पैरा एथलीट बनने के लिए प्रेरित किया। उनके कोच और परिवार का भी इस सफर में बड़ा योगदान रहा है, जिन्होंने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया।
पैरालंपिक में टी12 वर्गीकरण दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है। 24 वर्षीय सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था। उसने 10 सप्ताह इनक्यूबेटर में बिताए जहां पता चला कि वह दृष्टिबाधित है। इस साल जापान के कोबे में विश्व चैंपियन बनने वाली भारतीय को अपने पूरे जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके पिता की पुरानी बीमारी और अंततः निधन भी शामिल था। वह इससे पहले 100 मीटर स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही थीं।
पैरा एथलीट सिमरन ने अपने संघर्ष और मेहनत से पैरालंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतकर न केवल अपने सपनों को साकार किया, बल्कि पूरे देश का मान भी बढ़ाया। उनकी इस जीत ने एक बार फिर साबित किया है कि सच्ची मेहनत और लगन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। उनकी यह यात्रा और सफलता लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।
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