Paris Paralympics 2024|तीरंदाज हरविंदर सिंह ने रचा इतिहास, पेरिस पैरालंपिक में जीता गोल्ड

Paris Paralympics 2024: तीरंदाज हरविंदर सिंह ने रचा इतिहास, पेरिस पैरालंपिक में जीता गोल्ड 

Paris Paralympics 2024: तीरंदाज हरविंदर सिंह ने रचा इतिहास, पेरिस पैरालंपिक में जीता गोल्ड


तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में उड़ाया गर्दा, गोल्ड जीतकर रचा इतिहास; भारत के खाते में 22वां मेडल

भारतीय तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में स्वर्ण पदक जीतकर भारत के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल भारत के खेल जगत में हलचल मचाई है, बल्कि पैरालंपिक खेलों में भारत की बढ़ती ताकत को भी रेखांकित किया है। हरविंदर सिंह ने इस प्रतियोगिता में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए विश्व के कई शीर्ष तीरंदाजों को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।

तीरंदाज हरविंदर सिंह ने बुधवार को पेरिस पैरालंपिक 2024 में गर्दा उड़ा दिया। उन्होंने पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व ओपन फाइनल में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने एकतरफा फाइनल में पोलैंड के तीरंदाज लुकास सिसजेक को 6-0 से शिकस्त दी।

हरविंदर पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बन गए हैं। पेरिस में भारत के मेडल की संख्या बढ़कर 22 पर पहुंच गई है। भारत के खाते में फिलहाल 4 गोल्ड, 8 सिल्वर, 10 ब्रांज हो गए हैं।

तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में उड़ाया गर्दा, गोल्ड जीतकर रचा इतिहास; भारत के खाते में 22वां मेडल

रिकर्व ओपन वर्ग में तीरंदाज 70 मीटर की दूरी से खड़े होकर निशाना लगाते हैं। हरविंदर ने पहले सेट में 9 अंक के साथ शुरुआत की जबकि लुकास ने भी इसका जवाब 9 अंक के साथ दिया। हरविंदर का अगला निशाना 10 अंक पर लगा जबकि पोलैंड के तीरंदाज 7 अंक ही कर पाए। भारतीय तीरंदाज ने पहला सेट 28-24 से जीता।
दूसरे सेट में सिजेक ने तीनों निशाने 9 अंक पर मारे जबकि हरविंदर ने दो 9 अंक पर और फिर अंतिम प्रयास में 10 अंक के साथ 28-27 से सेट जीतकर 4-0 की बढ़त बनाई।

हरविंदर सिंह की यात्रा एक प्रेरणादायक कहानी है। पंजाब के एक छोटे से गाँव से आने वाले हरविंदर का बचपन चुनौतियों से भरा रहा। बचपन में पोलियो का शिकार होने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके माता-पिता ने हमेशा उनका साथ दिया और उन्हें तीरंदाजी की ओर प्रेरित किया। 2012 में उन्होंने तीरंदाजी को गंभीरता से लेना शुरू किया और कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के दम पर वह भारत के शीर्ष तीरंदाजों में शुमार हो गए।

हरविंदर की कड़ी मेहनत का फल उन्हें 2018 एशियाई पैरा खेलों में मिला, जब उन्होंने भारत के लिए पहला तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया। पेरिस पैरालंपिक 2024 में उनके प्रदर्शन ने साबित कर दिया कि वह खेल जगत के सबसे बड़े मंच पर भी सफलता का परचम लहरा सकते हैं।

तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में उड़ाया गर्दा, गोल्ड जीतकर रचा इतिहास; भारत के खाते में 22वां मेडल

भविष्य की योजनाएं 
स्वर्ण पदक जीतने के बाद हरविंदर सिंह ने कहा कि यह जीत उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना था, लेकिन वह यहीं नहीं रुकने वाले हैं। वह आगे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं और आने वाले ओलंपिक खेलों में भी पदक जीतने का लक्ष्य रखते हैं। हरविंदर ने अपने कोच और परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी मदद के बिना यह संभव नहीं था।

हरविंदर की जीत से देश में खुशी की लहर 
हरविंदर सिंह की इस ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई बड़े नेताओं और खिलाड़ियों ने उन्हें इस जीत के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हरविंदर की जीत न केवल खेल जगत के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उनके संघर्ष और समर्पण से देश के लाखों युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।

निष्कर्ष
हरविंदर सिंह की यह जीत भारतीय खेल जगत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उनकी मेहनत, समर्पण और दृढ़ निश्चय ने उन्हें पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक तक पहुंचाया। यह जीत न केवल भारत के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है, बल्कि देश के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी। 
हरविंदर ने साबित कर दिया है कि अगर आपके पास जुनून और समर्पण है, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। पेरिस पैरालंपिक 2024 में हरविंदर की यह ऐतिहासिक जीत भारतीय खेल जगत में एक नई शुरुआत का प्रतीक है और आने वाले समय में भारत के पैरालंपिक खिलाड़ी विश्व स्तर पर और भी बड़ी सफलता हासिल करेंगे।

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