Tarang Shakti 2024: ग्रीस के एफ-16 ने भारत के सुखोई-30 के साथ भरी उड़ान

Tarang Shakti 2024: ग्रीस के एफ-16 ने भारत के सुखोई-30 के साथ भरी उड़ान, तरंगशक्ति युद्धाभ्यास का समापन

Tarang Shakti 2024 के दौरान ग्रीस के F-16 और भारत के सुखोई-30 ने संयुक्त उड़ान भरी। जानें इस मल्टीलेटरल युद्धाभ्यास के मुख्य बिंदु, जिसमें 27 देशों के 52 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

Tarang Shakti 2024 का समापन जोधपुर एयरबेस पर हुआ, जिसमें ग्रीस के F-16 और भारत के सुखोई-30 ने एक साथ उड़ान भरी। इस मल्टीलेटरल युद्धाभ्यास में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई सहित कई देशों के विमान शामिल हुए। यह अभ्यास भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम था, क्योंकि यह भारतीय वायुसेना द्वारा 63 वर्षों में सबसे बड़े स्तर पर आयोजित किया गया। इस अभ्यास में 30 से अधिक देशों ने पर्यवेक्षक के रूप में हिस्सा लिया, जिससे वैश्विक रक्षा साझेदारी को बढ़ावा मिला।

Tarang Shakti 2024: ग्रीस के एफ-16 ने भारत के सुखोई-30 के साथ भरी उड़ान

Tarang Shakti 2024: प्रमुख घटनाएं और चरण

Tarang Shakti 2024 का पहला चरण तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर 6 से 14 अगस्त तक आयोजित किया गया था। इसके बाद दूसरा चरण 29 अगस्त को जोधपुर में शुरू हुआ। इस फेज में ग्रीस, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, सिंगापुर और श्रीलंका जैसे देशों के फाइटर जेट शामिल हुए।

पहला चरण (सुलूर): इस चरण में भारत ने अपने सुखोई-30 और अन्य विमान के साथ विभिन्न रणनीतिक अभ्यास किए।

दूसरा चरण (जोधपुर): इसमें ग्रीस के F-16 और भारत के सुखोई-30 ने मिलकर अभ्यास किया। यह जोधपुर एयरबेस पर आयोजित किया गया था, जिसमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने हिस्सा लिया।

F-16 और सुखोई-30: दो शक्तिशाली लड़ाकू विमान

ग्रीस के F-16: यह मल्टीरोल फाइटर जेट उच्च गति, लंबी दूरी और सटीक निशाना लगाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। इसका उपयोग वायुसेना द्वारा अत्याधुनिक मिसाइल और रक्षा प्रणालियों के साथ किया जाता है।

भारत का सुखोई-30: यह भारतीय वायुसेना का प्रमुख फाइटर जेट है, जो हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमले करने में सक्षम है। इसमें लंबी दूरी की मिसाइल और सुपरसोनिक गति की क्षमता है।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और भविष्य की दिशा

Tarang Shakti 2024 ने भारतीय वायुसेना और अन्य देशों के बीच सामरिक सहयोग को बढ़ावा दिया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान 16 देशों के 38 प्रतिनिधियों ने जोधपुर में पर्यवेक्षक के रूप में भाग लिया। इनमें अर्जेंटीना, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मिस्र, इटली और दक्षिण कोरिया जैसे देश शामिल थे।

हवाई क्षेत्र की सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

Tarang Shakti 2024 के समापन के साथ जोधपुर एयरबेस पर तीन दिवसीय इंटरनेशनल डिफेंस एविएशन एक्सपो का आयोजन किया गया। इस एक्सपो के दौरान 27 देशों के 52 प्रतिनिधियों ने वायु सुरक्षा और क्षेत्रीय रक्षा जरूरतों पर चर्चा की। भारतीय वायुसेना के असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (मेंटेनेंस) एयर वाइस मार्शल केएए संजीव ने वायु क्षेत्र की सुरक्षा पर एक विशेष व्याख्यान दिया। इस आयोजन में ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया, जिससे वैश्विक रक्षा संबंधों को और मजबूती मिली।

Tarang Shakti 2024: ग्रीस के एफ-16 ने भारत के सुखोई-30 के साथ भरी उड़ान, तरंगशक्ति युद्धाभ्यास का समापन

Tarang Shakti 2024 का समापन और भविष्य की संभावनाएं

शुक्रवार को Tarang Shakti 2024 का औपचारिक समापन हुआ, जिसमें अंतिम उड़ान ग्रीस के F-16 और भारत के सुखोई-30 ने भरी। इस युद्धाभ्यास ने भारतीय वायुसेना की युद्धक तैयारियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया और मित्र देशों के साथ सामरिक संबंधों को और सशक्त किया। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो भविष्य में और अधिक अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग के द्वार खोल सकता है।

Tarang Shakti 2024 भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। इस अभ्यास से भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी वायु शक्ति को और मजबूती दी है। ग्रीस के F-16 और भारत के सुखोई-30 की संयुक्त उड़ान ने इस अभ्यास को और भी खास बना दिया। इस युद्धाभ्यास ने यह साबित कर दिया है कि भारत वैश्विक स्तर पर रक्षा में मजबूत और विश्वसनीय साझेदार है।

Tarang Shakti 2024: ग्रीस के एफ-16 ने भारत के सुखोई-30 के साथ भरी उड़ान






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