Port Blair New Name: पोर्ट ब्लेयर का नया नाम अब श्री विजय पुरम होगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बताया कि सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम करने का फैसला किया है।
श्री विजयपुरम नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान निकोबार के योगदान को दर्शाता है। इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है।
पोर्ट ब्लेयर का ऐतिहासिक महत्व
पोर्ट ब्लेयर का नाम ब्रिटिश नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट आर्चिबाल्ड ब्लेयर के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 18वीं शताब्दी के अंत में अंडमान द्वीपों पर एक बस्ती स्थापित की थी। यह द्वीपसमूह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण रहा है, खासकर सेल्युलर जेल के कारण, जिसे 'काला पानी' के नाम से भी जाना जाता है।
यह जेल ब्रिटिश शासन के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक यातना शिविर था, जहां वीर सावरकर और अन्य क्रांतिकारियों को कठोर दंड दिया गया। यहां सेल्युलर जेल की काल कोठरियों में अनेक स्वतंत्रता सेनानी वर्षों तक कष्ट सहते रहे। यह जेल अब एक राष्ट्रीय स्मारक है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष और वीरता का प्रतीक है।
नाम बदलने के कारण
भारत में हाल के वर्षों में ऐतिहासिक स्थलों और शहरों के नाम बदलने की प्रक्रिया ने जोर पकड़ा है, ताकि औपनिवेशिक नामों के स्थान पर भारतीयता को दर्शाने वाले नाम रखे जा सकें। "श्री विजय पुरम" नाम का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि यह भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ों से जुड़ता है। यह नाम भारतीय वीरता और विजय का प्रतीक माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत, भारतीय शहरों, स्थानों और स्थलों के नाम बदलने का एक व्यापक अभियान चल रहा है। इस अभियान का उद्देश्य भारत के गौरवपूर्ण इतिहास और संस्कृति को पुनर्जीवित करना है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि विजय पुरम स्वतंत्रता संग्राम में हासिल की गई जीत और उसमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की अद्वितीय भूमिका का प्रतीक है। अंडमान और निकोबार का हमारे स्वतंत्रता संग्राम और इतिहास में अद्वितीय स्थान है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर विजयपुरम कर दिया।
यह द्वीप क्षेत्र जो कभी चोल साम्राज्य के नौसैनिक अड्डे के रूप में कार्य करता था, आज हमारी रणनीतिक और विकास आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण आधार बनने के लिए तैयार है। यह वह स्थान भी है जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तिरंगे को पहली बार फहराया था और वह सेल्युलर जेल भी है जहां वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के लिए संघर्ष किया था।
केंद्र सरकार लगातार बदल रही नाम
केंद्र सरकार अंडमान-निकोबार में द्वीपों के नाम लगातार बदल रही है। पहले केंद्र सरकार ने रोस आइलैंड का नामकरण नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वीप के नाम पर किया था। इसके अलावा नील आइलैंड को शहीद द्वीप और हेवलॉक आइलैंड को स्वराज द्वीप का नाम दिया गया।
इसके बाद केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया गया। पराक्रम दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने विधिवत रूप से इसकी शुरुआत की थी।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि पोर्ट ब्लेयर अंग्रेजों का दिया नाम है। पोर्ट ब्लेयर औपनिवेशिक नाम था। पोर्ट ब्लेयर में अंग्रेज काले पानी की सजा वाले कैदियों का पर अत्याचार किया जाता है। इसका नया नाम श्री विजय पुरम स्वतंत्रता संग्राम की स्मृति में है।
श्री विजय पुरम का भविष्य
नए नाम "श्री विजय पुरम" के साथ, यह शहर भारतीय इतिहास में एक नया अध्याय शुरू करने जा रहा है। इस परिवर्तन से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अधिक से अधिक लोग इस ऐतिहासिक स्थल की यात्रा कर इसके महत्व को समझने आएंगे। सेल्युलर जेल और अंडमान द्वीपसमूह का इतिहास भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकता है।
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