केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण के निर्माण को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण के निर्माण को दी मंजूरी 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण को 2024-25 से 2028-29 तक 70,125 करोड़ रुपये की लागत से लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण के तहत 62,500 किलोमीटर सड़कों के निर्माण को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण के निर्माण को दी मंजूरी

11 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक  बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चौथे चरण को मंजूरी दे दी है । भारत सरकार ने अपनी गरीबी कम करने की रणनीति के हिस्से के रूप में पात्र ग्रामीण बस्तियों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए 25 दिसंबर 2000 को प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ग्रामीण विकास विभाग के “वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण (PMGSY-IV) के कार्यान्वयन” के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

इस योजना के तहत पात्र 25,000 असंबद्ध बस्तियों को नए संपर्क मार्ग प्रदान करने के लिए 62,500 किलोमीटर सड़क के निर्माण और नए संपर्क मार्गों पर पुलों के निर्माण और उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना का कुल परिव्यय 70,125 करोड़ रुपये होगा।

पीएमजीएसवाई-IV की विशेषता

एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना – IV वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के लिए, 70,125 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया है। बता दें इसमें केंद्र का हिस्सा 49,087.50 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 21,037.50 करोड़ रुपये है

 वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार इस योजना के तहत मैदानी क्षेत्रों में 500 से अधिक आबादी वाली, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 250 से अधिक, विशेष श्रेणी के क्षेत्रों-जनजाति अनुसूची V, आकांक्षी जिले एवं ब्लॉक, रेगिस्तानी क्षेत्र और एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों में 100 से अधिक आबादी वाली 25,000 असंबद्ध बस्तियों को कवर किया जाएगा। 

गौरतलब हो कि इस योजना के तहत असंबद्ध बस्तियों को 62,500 किलोमीटर की आल वेदर रोड प्रदान की जाएंगी। आल वेदर रोड के एलाइनमेंट के साथ आवश्यक पुलों का निर्माण भी किया जाएगा।

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पीएमजीएसवाई-IV का कार्यान्वयन मंत्रालय

पीएमजीएसवाई -IV योजना, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली एक केंद्र प्रायोजित योजना होगी।

पीएमजीएसवाई-IV की अवधि और अवधि 

पीएमजीएसवाई -IV की अवधि 2024-25 से 2028-29 तक पांच वर्ष है।

पूरी अवधि के लिए पीएमजीएसवाई -IV का कुल परिव्यय 70,125 करोड़ रुपये है।

केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 49,087.50 करोड़ रुपये और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 21,037.50 करोड़ रुपये है।

पीएमजीएसवाई-IV का लक्ष्य 

पीएमजीएसवाई-IV के तहत, 25,000 असंबद्ध ग्रामीण गांवों को जोड़ने के लिए 62,500 किलोमीटर लंबी सभी मौसम वाली सड़कों/पुलों का निर्माण और उन्नयन किया जाएगा।

जोड़े जाने वाले ग्रामीण क्षेत्र हैं:

मैदानी क्षेत्रों में 500 से अधिक जनसंख्या वाले गाँव;

उत्तर-पूर्व/पहाड़ी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों/विशेष श्रेणी क्षेत्रों (जनजातीय अनुसूची V, आकांक्षी जिले/ब्लॉक, रेगिस्तानी क्षेत्र) में 250 से अधिक आबादी वाले गांव;

वामपंथ प्रभावित जिलों में 100 से अधिक आबादी वाला गांव

पीएमजीएसवाई के चरणों के बारे में 

पीएमजीएसवाई को 25 दिसंबर 2000 को भारत सरकार द्वारा शुरू की गए एक योजना थी जिसके तहत 

मैदानी क्षेत्रों में 500 से अधिक और पहाड़ी, रेगिस्तानी और विशेष श्रेणी वाले राज्यों में 250 से अधिक आबादी वाले गांवों को सभी मौसम वाली सड़कों से जोड़ना था ।

पीएमजीएसवाई-II को मार्च 2013 में केंद्र सरकार द्वारा शुभारंभ किया गया था। इसमें चरण I के तहत निर्मित सड़कों को अपग्रेड करने और चिन्हित ग्रामीण बस्तियों में नई सड़कों का निर्माण करने का प्रस्ताव था। इसका लक्ष्य 50,000 किमी सड़कों का निर्माण करना था।

पीएमजीएसवाई-III को  दिसंबर 2019 शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य 1,25,000 किमी सड़कों का  उन्नयन/निर्माण करना था।

तीसरे चरण के दौरान, मौजूदा मार्गों और प्रमुख ग्रामीण संपर्कों को उन्नत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया जो बस्तियों को ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों से जोड़ते हैं।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री: शिवराज सिंह चौहान

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इस योजना से क्या लाभ होगा ?

अगर इस योजना से लाभ के बारे में बात की जाए तो आपको बता दें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण में 25,000 असंबद्ध बस्तियों को आल वेदर रोड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। आल वेदर रोड दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के आवश्यक सामाजिक-आर्थिक विकास और परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाएंगी। बस्तियों को जोड़ते समय, स्थानीय लोगों के लाभ के लिए, जहां तक संभव हो, पास के सरकारी शिक्षा, स्वास्थ्य, बाजार, विकास केंद्रों को आल वेदर रोड से जोड़ा जाएगा।

उल्लेखनीय है पीएमजीएसवाई – IV सड़क निर्माण के तहत अंतरराष्ट्रीय मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करेगा, जैसे कोल्ड मिक्स टेक्नोलॉजी और वेस्ट प्लास्टिक, पैनेल्ड सीमेंट कंक्रीट, सेल फिल्ड कंक्रीट, फुल डेप्थ रिक्लेमेशन, निर्माण अपशिष्ट और अन्य अपशिष्ट जैसे फ्लाई ऐश, स्टील स्लैग, आदि का उपयोग। इसके अतिरिक्त पीएमजीएसवाई – IV सड़क एलाइनमेंट योजना पीएम गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से बनाई जाएगी।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण को कब मंजूरी मिली?

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चौथे चरण को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024 में मंजूरी दी। इस चरण के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण और सुधार के लिए लगभग 64,000 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चौथे चरण का मुख्य उद्देश्य क्या है?

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है, जिससे दूरदराज के गांवों को शहरों और मुख्य मार्गों से जोड़ा जा सके। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगा और विकास में योगदान देगा।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण की लागत कितनी है?

चौथे चरण की अनुमानित लागत लगभग ₹40,000 करोड़ है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर योगदान देंगी। इस राशि का उपयोग नई सड़कों के निर्माण और पुरानी सड़कों के उन्नयन के लिए किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात की स्थिति में सुधार होगा।

PMGSY के चौथे चरण के अंतर्गत कितनी सड़कें बनाई जाएंगी?

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण में लगभग 64,000 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी। इसका उद्देश्य पिछड़े और दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य सड़कों से जोड़ना है ताकि वहां की जनसंख्या को यातायात और रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।

चौथे चरण के तहत किन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी?

PMGSY के चौथे चरण में पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन इलाकों में सड़कों के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुधरेगी और विकास की धारा में ये क्षेत्र शामिल हो सकेंगे। साथ ही, दुर्गम क्षेत्रों को भी मुख्य मार्गों से जोड़ा जाएगा।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के पिछले चरणों में क्या सफलता मिली?

PMGSY के पिछले तीन चरणों में 1.8 लाख किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया गया है, जिससे लगभग 90% ग्रामीण भारत को मुख्य मार्गों से जोड़ा गया है। इन सड़कों ने ग्रामीण इलाकों में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

PMGSY के चौथे चरण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

PMGSY के चौथे चरण से ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे कृषि उत्पादों का परिवहन सुगम होगा। बेहतर सड़कों के कारण रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे समग्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

PMGSY के चौथे चरण में पर्यावरण संरक्षण को कैसे ध्यान में रखा गया है?

PMGSY के चौथे चरण में पर्यावरण संरक्षण के उपायों का भी ध्यान रखा गया है। इसमें सड़क निर्माण के दौरान स्थानीय सामग्री का उपयोग किया जाएगा और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण जैसे कार्यों पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही हरित प्रौद्योगिकियों का भी उपयोग किया जाएगा।

PMGSY के चौथे चरण में कौन सी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा?

PMGSY के चौथे चरण में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिसमें ड्रोन सर्वेक्षण, जीपीएस आधारित ट्रैकिंग, और डिजिटल मैपिंग जैसी तकनीकों का समावेश होगा। ये तकनीकें सड़कों के निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेंगी।

PMGSY के चौथे चरण से ग्रामीण लोगों को किस प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी?

PMGSY के चौथे चरण से ग्रामीण लोगों को बेहतर सड़कों की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और बाजारों तक पहुंच में आसानी होगी। इस योजना से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार आएगा।

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