अकबर की विजय तथा साम्राज्य विस्तार: मुग़ल साम्राज्य (भारत का मध्यकालीन इतिहास)

अकबर की विजय तथा साम्राज्य विस्तार: मुग़ल साम्राज्य (भारत का मध्यकालीन इतिहास)

अकबर के सैन्य अभियानों का वर्णन निम्नलिखित प्रमुख युद्धों और विजय अभियानों के माध्यम से किया जा सकता है:

अकबर की विजय तथा साम्राज्य विस्तार: मुग़ल साम्राज्य (भारत का मध्यकालीन इतिहास)

1. मालवा का युद्ध (1561 ई.)

पराजित शासक: बाज बहादुर

1561 ई. में अकबर के सेनापति अधम खान ने सारंगपुर के युद्ध में बाज बहादुर को हराया, जिसके बाद बाज बहादुर भाग गया। उसकी रानी रूपमती ने आत्महत्या कर ली।

1562 ई. में बाज बहादुर ने दक्कनी राज्यों की मदद से पुनः मालवा पर कब्जा किया, लेकिन अब्दुल्ला खान उज्बेग ने मुगलों की ओर से उसे पराजित कर बाज बहादुर को मुगल मनसबदार बना दिया।

2. चुनार का युद्ध (1561 ई.)

1561 ई. में कड़ा सूबेदार आसफ खान ने चुनार पर अधिकार किया।

3. गोंडवाना (1564 ई.)

पराजित शासक: वीर नारायण (माता रानी दुर्गावती संरक्षिका)

1564 ई. में आसफ खान ने चोरागढ़ के पास वीरांगना दुर्गावती को पराजित किया, जिसके बाद रानी ने आत्महत्या कर ली और वीर नारायण युद्ध करते हुए मारा गया।

4. आमेर (1562 ई.)

पराजित शासक: भारमल

1562 ई. में कछवाहा शासक भारमल ने अकबर की अधीनता स्वीकार की और अपनी पुत्री हरखा बाई का विवाह अकबर से कर दिया। अकबर ने भारमल के पुत्र भगवान दास और पौत्र मानसिंह को उच्च पद दिए।

5. मेड़ता (1562 ई.)

पराजित शासक: जयमल

1562 ई. में मुगल अधिकारी शर्फुद्दीन ने मेड़ता पर कब्जा किया, जो मेवाड़ के राणा उदयसिंह के अधिकार में था।

6. मेवाड़ (1567 ई.)

पराजित शासक: उदयसिंह और राणा प्रताप

1567 ई. में अकबर ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया और राणा प्रताप के वीर सैनिक जयमल व फत्ता ने वीरगति प्राप्त की। 

1576 ई. में हल्दीघाटी के युद्ध में राणा प्रताप और मानसिंह के बीच संघर्ष हुआ, लेकिन राणा प्रताप घायल होकर युद्ध छोड़ने पर मजबूर हुए।

7. रणथंभौर (1569 ई.)

पराजित शासक: सूरजन राय

1569 ई. में अकबर ने रणथंभौर पर विजय प्राप्त की। सूरजन राय को बाद में संगीत बजाने की छूट दी गई।

8. कालिंजर (1569 ई.)

पराजित शासक: रामचंद्र

1569 ई. में रामचंद्र ने किला मजनू खान को सौंप दिया और मुगल अधीनता स्वीकार की।

9. मारवाड़ (1570 ई.)

पराजित शासक: चंद्रसेन

1570 ई. में चंद्रसेन ने अकबर की अधीनता स्वीकार की और वैवाहिक संबंध स्थापित किए।

10. बीकानेर (1570 ई.)

पराजित शासक: राय कल्याण मल

बीकानेर के शासक ने अकबर की अधीनता स्वीकार की और वैवाहिक संबंध स्थापित किए।

11. जैसलमेर (1570 ई.)

पराजित शासक: हरराय

जैसलमेर के शासक हरराय ने स्वेच्छा से अधीनता स्वीकार की।

12. गुजरात (1572 ई.)

पराजित शासक: एतिमाद खान

अकबर ने एतिमाद खान को पराजित कर गुजरात पर अधिकार किया। 1573 ई. में विद्रोह का दमन किया और टोडरमल द्वारा भूमि बंदोबस्त लागू किया गया।

इस विजय के उपरांत अब्दुर्रहीम को खानखाना की उपाधि मिली।

13. बंगाल व बिहार (1574-1576 ई.)

पराजित शासक: दाऊद खान

दाऊद खान को राजमहल के पास पराजित कर दिया गया, जिससे बंगाल और बिहार पर मुगलों का अधिकार हो गया।

14. काबुल (1581 ई.)

पराजित शासक: मिर्जा हकीम

अकबर के सौतेले भाई मिर्जा हकीम को मानसिंह ने पराजित किया और काबुल पर कब्जा कर लिया।

सिंधु नदी के किनारे सिंध नगर किले का निर्माण हुआ।

15. कश्मीर (1586 ई.)

पराजित शासक: युसूफ खान

भगवान दास और कासिम खान ने युसूफ खान को पराजित कर कश्मीर को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।

16. सिंधु (1591 ई.)

पराजित शासक: जानीबेग

जानीबेग ने अब्दुर्रहीम खानखाना के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

17. उड़ीसा (1590 ई.)

पराजित शासक: निसार खान

मानसिंह ने उड़ीसा पर कब्जा किया।

18. बलूचिस्तान (1595 ई.)

पराजित शासक: पन्नी अफगान

मीर मासूम ने बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया।

19. कंधार (1595 ई.)

पराजित शासक: मुजफ्फर हुसैन मिर्जा

कंधार पर अकबर का अधिकार हुआ।

20. अहमदनगर (1600 ई.)

पराजित शासक: बहादुर निजाम शाह (संरक्षिका चांदबीबी)

1600 ई. में अहमदनगर पर अकबर का अधिकार हो गया।

दक्षिण का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।

1597 - 1600 ई तक मुगलों का निजाम शाही से संघर्ष चला जिसमें मुराद एवं अब्दुर्रहीम खानखाना ने मुगल पक्ष का नेतृत्व किया।

21. खानदेश (1591 ई.)

पराजित शासक: अली खान

अली खान की मृत्यु के बाद मुगलों ने खानदेश पर अधिकार कर लिया।

22. असीरगढ़ (1601 ई.)

पराजित शासक: मीर बहादुर

अकबर की अंतिम विजय थी, जिसके बाद बुलंद दरवाजा का निर्माण हुआ।

असीरगढ़ के किले का दरवाजा सोने की कुंजियां से खोला जाता था।

अकबर की विजय तथा साम्राज्य विस्तार: मुग़ल साम्राज्य (भारत का मध्यकालीन इतिहास)

अकबर के सैन्य अभियानों ने मुगल साम्राज्य को संपूर्ण भारत में विस्तारित किया और उसके शासन की नींव मजबूत की।

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