पाकिस्तान का इतिहास: स्वतंत्रता से पहले और बाद के ऐतिहासिक तथ्य |SSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
Introduction:
पाकिस्तान का इतिहास भारत के विभाजन के साथ जुड़ा हुआ है, जिसने 1947 में दुनिया के भूगोल में एक नया देश जोड़ा।
1. ब्रिटिश राज का प्रभाव:
1857 की क्रांति के बाद, ब्रिटिश राज की पकड़ और मजबूत हो गई।
भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश नीतियों का मुख्य उद्देश्य सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करना था।
"फूट डालो और राज करो" की नीति से मुस्लिम लीग और कांग्रेस के बीच अंतर बढ़ता गया।
2. ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना (1906):
1906 में ढाका में मुस्लिम लीग की स्थापना की गई।
इसके पहले उद्देश्य भारतीय मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों की रक्षा करना था।
3. लाहौर प्रस्ताव (1940):
23 मार्च 1940 को, मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान के निर्माण की मांग करते हुए लाहौर प्रस्ताव पास किया।
इस प्रस्ताव ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के लिए एक स्वतंत्र राज्य की मांग की।
4. 1947 का विभाजन:
15 अगस्त 1947 को, भारत का विभाजन हुआ और पाकिस्तान का निर्माण हुआ।
पाकिस्तान को दो हिस्सों में विभाजित किया गया - पश्चिमी पाकिस्तान (आज का पाकिस्तान) और पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश)।
विभाजन के दौरान बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई।
5. जिन्ना और पाकिस्तान:
मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान का संस्थापक माना जाता है।
उन्होंने मुसलमानों के लिए एक अलग राष्ट्र की मांग की, जिसे "दो राष्ट्र सिद्धांत" कहा जाता है।
6. संविधान और राजनीति (1956):
1956 में पाकिस्तान ने अपना पहला संविधान अपनाया और इसे एक इस्लामी गणराज्य घोषित किया।
7. सैन्य शासन का दौर:
1958 में जनरल अयूब खान ने पाकिस्तान में सैन्य शासन स्थापित किया।
पाकिस्तान की राजनीति में सैन्य शासन का लंबे समय तक प्रभाव रहा।
8. पाकिस्तान-भारत युद्ध (1965):
1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर युद्ध हुआ।
इस युद्ध में दोनों पक्षों का भारी नुकसान हुआ, लेकिन निर्णायक परिणाम नहीं निकला।
9. पूर्वी पाकिस्तान का विभाजन (1971):
1971 में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता की घोषणा की।
इसके परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान के बीच एक और युद्ध हुआ, और बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश बन गया।
10. ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो का उदय:
1970 के दशक में ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के माध्यम से देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
11. 1977 का सैन्य शासन:
1977 में जनरल ज़िया-उल-हक ने तख्तापलट कर दिया और पाकिस्तान में सैन्य शासन स्थापित किया।
ज़िया के शासनकाल में पाकिस्तान को एक इस्लामी राज्य के रूप में और अधिक संरचित किया गया।
12. अफगान युद्ध और पाकिस्तान:
1980 के दशक में, सोवियत संघ के अफगानिस्तान में आक्रमण के बाद, पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ मिलकर तालिबान का समर्थन किया।
13. बेनजीर भुट्टो की सत्ता:
1988 में बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
उन्होंने दो बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, लेकिन दोनों बार भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उनकी सरकार गिरा दी गई।
14. करगिल युद्ध (1999):
1999 में, भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल की लड़ाई हुई।
इस युद्ध ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया।
15. परवेज मुशर्रफ का शासन (1999):
1999 में, जनरल परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट किया और पाकिस्तान में सैन्य शासन की पुनर्स्थापना की।
मुशर्रफ के शासनकाल में पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद का सामना करना पड़ा।
16. 9/11 के बाद पाकिस्तान की भूमिका:
2001 के आतंकवादी हमलों के बाद, पाकिस्तान अमेरिका का महत्वपूर्ण सहयोगी बन गया।
पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाई।
17. नवाज़ शरीफ और इमरान खान का दौर:
2013 में नवाज़ शरीफ ने सत्ता संभाली, लेकिन 2017 में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों में अयोग्य घोषित किया गया।
2018 में इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने और "नया पाकिस्तान" के नारे के साथ शासन किया।
18. पाकिस्तान में आतंकवाद:
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवादी गतिविधियों से प्रभावित रहा है।
हाल के वर्षों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में कमी आई है, लेकिन यह एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।
19. पाकिस्तान-चीन संबंध:
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।
20. मौजूदा चुनौतियां:
पाकिस्तान आर्थिक संकट, आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता, और आतंकवाद जैसी समस्याओं से जूझ रहा है।
पाकिस्तान का इतिहास एक जटिल और चुनौतीपूर्ण यात्रा रही है, जो आज तक राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों से प्रभावित है।
Current Updates (2024):
इमरान खान की सरकार गिरने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब है और IMF से बेलआउट पैकेज मिलने की संभावना है।
सिंधू नदी जल विवाद
विश्व बैंक के निर्देशन में 17 अप्रैल 1959 को वाशिंगटन में नहर के जल के बटवारे से संबंधित अंतरिम समझाैता हुआ। 19 सितंम्बर 1969 ई. को कराची मे नहर जल संधि पर हस्ताक्षर हुआ था।
1. सिंधु नदी का महत्व:
सिंधु नदी भारत और पाकिस्तान के बीच बहने वाली प्रमुख नदी है।
इसका जल सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
2. 1947 का विभाजन और जल विवाद:
1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद, दोनों देशों के बीच सिंधु नदी के जल के बंटवारे पर विवाद शुरू हुआ।
विभाजन के बाद, सिंधु नदी का स्रोत भारत में था, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान से होकर बहता था।
3. सिंधु जल संधि (1960):
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए।
संधि के अनुसार, सिंधु प्रणाली की छह नदियों में से तीन (ब्यास, रावी, सतलज) पर भारत और तीन (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर पाकिस्तान का अधिकार माना गया।
4. हाल के विवाद:
पाकिस्तान अक्सर आरोप लगाता है कि भारत जल को रोकने और बुनियादी ढांचे के माध्यम से पानी की आपूर्ति पर नियंत्रण कर रहा है।
भारत का कहना है कि वह सिंधु जल संधि के प्रावधानों का पालन कर रहा है।
5. वर्तमान स्थिति:
सिंधु जल विवाद आज भी दोनों देशों के बीच प्रमुख मुद्दों में से एक है।
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