मालाबार अभ्यास 2024 : भारत की मेजबानी में क्वॉड देशों के बीच शुरू होगा मालाबार समुद्री अभ्यास

मालाबार अभ्यास 2024 : भारत की मेजबानी में क्वॉड देशों के बीच शुरू होगा "मालाबार समुद्री अभ्यास"

क्वॉड देशों के बीच विशाखा पटनम में 8 अक्टूबर को भारत की मेजबानी में समुद्री अभ्यास "मालाबार" शुरू होगा।

मालाबार अभ्यास 2024 : भारत की मेजबानी में क्वॉड देशों के बीच शुरू होगा मालाबार समुद्री अभ्यास

मालाबार अभ्यास 2024: 

मालाबार अभ्यास 2024 एक बहुपक्षीय नौसैनिक युद्धाभ्यास है, मालाबार अभ्यास 2024 की शुरुआत 8 अक्टूबर को भारत की मेजबानी में विशाखापत्तनम मे होगा। यह अभ्यास लगभग एक सप्ताह तक चलेगा, जिसमें कई जटिल सैन्य ऑपरेशन्स और युद्धाभ्यास शामिल होंगे।

यह अभ्यास चार देशों - भारत, अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के बीच हो रहा है। इस युद्धाभ्यास का आयोजन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किया जा रहा है, जो सामरिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

मालाबार अभ्यास 2024 चार प्रमुख देशों द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण नौसेना अभ्यास है, जिसका उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना है। 

यह युद्धाभ्यास 1992 में भारत और अमेरिका के बीच शुरू हुआ था, जो समय के साथ एक बहुपक्षीय सहयोग में बदल गया। इस अभ्यास में जापान 2015 में और ऑस्ट्रेलिया 2020 में नियमित रूप से शामिल हुए।

मालाबार अभ्यास 2024 को चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियों के खिलाफ एक सामरिक संतुलन के रूप में देखा जा रहा है। 

मालाबार अभ्यास 2024 हिंद महासागर और भारत प्रशांत क्षेत्र में साझा समूद्री चुनौतियों का समाधान करने के मकसद से दो चरणों में यह अभ्यास 8 अक्टूबर से शुरू होगा और 18 अक्टूबर तक चलेगा।

अभ्यास का उद्देश्य और महत्व

मालाबार अभ्यास का मुख्य उद्देश्य चारों देशों की नौसेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना, आपसी सैन्य क्षमताओं को विकसित करना और सामूहिक सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना है।

2024 का अभ्यास विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव और उसकी आक्रामक रणनीतियों का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत सामरिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

मालाबार अभ्यास 2024 का मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सामरिक संतुलन बनाए रखना और चारों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना है। यह अभ्यास निम्नलिखित क्षेत्रों पर केंद्रित है:

1. समुद्री सुरक्षा: इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है, जिससे समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

2. पनडुब्बी-रोधी युद्ध: पनडुब्बियों की पहचान और उनका मुकाबला करने की रणनीतियां भी इस अभ्यास का हिस्सा हैं, जिससे चारों देशों की नौसेनाओं को इस क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल हो।

3. विमानवाहक युद्ध रणनीतियां: विमान वाहक युद्धक संचालन और हवाई सुरक्षा पर भी जोर दिया जाएगा, जिससे इन देशों की नौसेनाओं के बीच हवाई क्षमता और सहयोग को बढ़ावा मिले।

4. आपातकालीन स्थिति में सहयोग: आपदा प्रबंधन, खोज और बचाव अभियानों में सहयोग को बढ़ावा देना भी इस अभ्यास का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे समुद्री आपात स्थितियों में तेजी से प्रतिक्रिया दी जा सके।

मालाबार अभ्यास 2024 में भाग लेने वाले देश

मालाबार अभ्यास 2024 में निम्नलिखित चार देशों की नौसेनाएं भाग ले रही हैं:

1. भारत – भारतीय नौसेना ने अपने प्रमुख युद्धपोतों और पनडुब्बियों को इस अभ्यास में शामिल किया है। भारतीय नौसेना की INS विक्रांत जैसे प्रमुख विमान वाहक और कई विध्वंसक युद्धपोत इस अभ्यास का हिस्सा होंगे।

2. अमेरिका – अमेरिकी नौसेना की USS Ronald Reagan जैसी उन्नत युद्धक प्रणालियां और विमानों के साथ इसमें भागीदारी होगी। अमेरिका इस अभ्यास में समुद्री सुरक्षा और हवाई हमलों के लिए अपने विशेष जहाजों का प्रदर्शन करेगा।

मालाबार अभ्यास 2024 : भारत की मेजबानी में क्वॉड देशों के बीच शुरू होगा मालाबार समुद्री अभ्यास

3. जापान – जापान की मैरिटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (JMSDF) भी प्रमुख युद्धपोतों और पनडुब्बियों के साथ इस अभ्यास में भाग ले रही है। जापान इस अभ्यास के मेजबान की भूमिका में है।

4. ऑस्ट्रेलिया – ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के प्रमुख युद्धपोत और उन्नत युद्धक तकनीकें इस अभ्यास का हिस्सा होंगी। ऑस्ट्रेलिया भी अपनी समुद्री रणनीतियों को उन्नत करने के लिए इस अभ्यास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मालाबार अभ्यास के चरण

मालाबार अभ्यास 2024 को दो प्रमुख चरणों में विभाजित किया गया है:

प्रत्येक चरण का अपना विशेष महत्व और उद्देश्य है, जो नौसेना की अलग-अलग क्षमताओं और रणनीतियों को विकसित करने पर केंद्रित है।

1. समुद्री चरण (Sea Phase):

इस चरण में अभ्यास का संचालन समुद्र में किया जाएगा, जहां चारों देशों की नौसेनाएं सामरिक युद्धाभ्यास, लाइव-फायर ड्रिल्स, पनडुब्बी-रोधी अभ्यास और विमानवाहक युद्धक रणनीतियों का प्रदर्शन करेंगी। इस चरण में निम्नलिखित ऑपरेशंस पर जोर दिया जाएगा:

समुद्री निगरानी और गश्त: समुद्र में निगरानी और गश्ती गतिविधियों का संचालन।

पनडुब्बी-रोधी युद्ध: पनडुब्बियों की पहचान और उन्हें नष्ट करने की तकनीकों पर अभ्यास।

विमानवाहक युद्ध संचालन: विमान वाहक से जुड़ी हवाई युद्धक क्षमताओं का परीक्षण और अभ्यास।

2. बंदरगाह चरण (Harbour Phase):

यह चरण अभ्यास के प्रारंभिक हिस्से में बंदरगाह पर आयोजित किया जाएगा, जहां चारों देशों की नौसेनाएं आपस में जानकारी का आदान-प्रदान करेंगी और आपसी तालमेल को मजबूत करेंगी। इसमें शामिल हैं:

प्रशिक्षण और सेमिनार: नौसेना के अधिकारियों के बीच सैन्य रणनीतियों और अभियानों पर विचार-विमर्श।

मालाबार अभ्यास 2024 : भारत की मेजबानी में क्वॉड देशों के बीच शुरू होगा मालाबार समुद्री अभ्यास

सांस्कृतिक कार्यक्रम: भाग लेने वाले देशों की नौसेनाओं के बीच दोस्ताना और सहयोगात्मक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक गतिविधियाँ।

यह दो-चरणीय अभ्यास चारों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी समझ, समन्वय और रणनीतिक तैयारियों को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

मालाबार अभ्यास 2024: भारत की मेजबानी में QUAD देशों के बीच सामरिक सहयोग का विस्तार

मालाबार अभ्यास 2024 भारत की मेजबानी में 8 अक्टूबर से शुरू होगा। जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और सामरिक संतुलन को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस अभ्यास में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और जापान की नौसेनाएं हिस्सा ले रही हैं, जो QUAD (Quadrilateral Security Dialogue) का हिस्सा हैं। यह अभ्यास 18 अक्टूबर तक चलेगा और इसमें समुद्री सुरक्षा से संबंधित साझा चुनौतियों का समाधान करने पर जोर दिया जाएगा।

QUAD क्या है?

QUAD (Quadrilateral Security Dialogue) चार लोकतांत्रिक देशों – भारत, अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक सामरिक समूह है, जिसका मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता, और कानून-आधारित व्यवस्था को सुनिश्चित करना है।

मुख्यालय: QUAD का कोई स्थायी मुख्यालय नहीं है; यह एक अनौपचारिक समूह है, जो समय-समय पर सदस्य देशों के बीच आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलनों और बैठकों के माध्यम से कार्य करता है।

मालाबार अभ्यास 2024 : भारत की मेजबानी में क्वॉड देशों के बीच शुरू होगा मालाबार समुद्री अभ्यास

मूल उद्देश्य: क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान, समुद्री सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना।

2024 में, भारत पहली बार QUAD शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जो इस गठबंधन के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। यह सम्मेलन मालाबार अभ्यास 2024 के साथ ही क्वाड देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा।

2024 के मालाबार अभ्यास का संचालन प्रशांत महासागर और भारतीय महासागर के क्षेत्रों में किया जा रहा है, जो इन देशों के लिए रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसमें कई प्रमुख युद्धपोत, पनडुब्बियां, विमान वाहक, और उन्नत सैन्य उपकरण शामिल हैं। 

चारों देशों के नौसैनिक बल जटिल युद्ध रणनीतियों, लाइव-फायर ड्रिल्स, पनडुब्बी-रोधी अभ्यास और हवाई संचालन का प्रदर्शन कर रहे हैं।

मालाबार अभ्यास 2024 : भारत की मेजबानी में क्वॉड देशों के बीच शुरू होगा मालाबार समुद्री अभ्यास

मालाबार अभ्यास 2024 और QUAD शिखर सम्मेलन दोनों ही वैश्विक सुरक्षा और सामरिक संतुलन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित होंगे। यह अभ्यास चारों देशों के बीच न केवल सैन्य सहयोग को मजबूत करेगा, बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी एक मजबूत संदेश देगा कि ये देश समुद्री कानूनों और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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 FAQ

मालाबार अभ्यास 2024 क्या है?

मालाबार अभ्यास 2024 एक वार्षिक समुद्री सैन्य अभ्यास है जो क्वॉड देशों (भारत, अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया) के बीच होता है। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और नौसैनिक ताकतों के बीच सहयोग बढ़ाना है।

मालाबार अभ्यास 2024 में कौन-कौन से देश शामिल हैं?

मालाबार अभ्यास 2024 में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। ये चारों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग और स्थिरता के लिए एक साथ काम करते हैं।

मालाबार अभ्यास 2024 का मुख्य उद्देश्य क्या है?

मालाबार अभ्यास 2024 का मुख्य उद्देश्य सामुद्रिक सुरक्षा में सुधार, आतंकवाद और समुद्री चुनौतियों का मुकाबला करना, और नौसैनिक बलों के बीच समन्वय बढ़ाना है।

मालाबार अभ्यास का आयोजन किस वर्ष से शुरू हुआ था?

मालाबार अभ्यास की शुरुआत 1992 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में हुई थी। बाद में जापान और ऑस्ट्रेलिया भी इस अभ्यास में शामिल हुए।

मालाबार अभ्यास 2024 भारत के किस स्थान पर आयोजित किया जा रहा है?

मालाबार अभ्यास 2024 भारत की मेजबानी में हिंद महासागर क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, जहाँ क्वॉड देशों की नौसेनाएँ मिलकर विभिन्न सामुद्रिक युद्धाभ्यास करेंगी।

मालाबार अभ्यास क्वॉड देशों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

मालाबार अभ्यास क्वॉड देशों के लिए सामुद्रिक सुरक्षा, रणनीतिक साझेदारी, और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह अभ्यास इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के संदर्भ में और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है।

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