राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति केंद्र का किया शुभारंभ: महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम

"राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति केंद्र का किया शुभारंभ: महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम"

राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) ने हाल ही में 'डिजिटल शक्ति केंद्र' का शुभारंभ किया, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह केंद्र डिजिटल जागरूकता, साइबर सुरक्षा, और डिजिटल वित्तीय समावेशन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर महिलाओं को शिक्षित करेगा। 

राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति केंद्र का किया शुभारंभ: महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम

राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति केंद्र का किया शुभारंभ 

राष्ट्रीय महिला आयोग का परिचय:

राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना 1992 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य देश में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन करना है। यह आयोग महिलाओं के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न, भेदभाव और हिंसा की घटनाओं पर नजर रखता है और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करता है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने 6 अगस्त 2024 को डिजिटल शक्ति केंद्र का शुभारंभ किया। इसे महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों से निपटने के लिए शुरू किया गया है। यह साइबर पीस फाउंडेशन के सहयोग से राष्ट्रीय महिला आयोग परिसर  में बनाया गया।

डिजिटल शक्ति केंद्र का उद्घाटन राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने किया। केंद्र का उद्देश्य के महिलाओं पर टारगेटेड साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता, साइबर अपराधों की शिकायतों को दर्ज कर समाधान करने को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान करना है।

भारत में साइबर अपराध के मामले 2021 में 52,974 से बढ़कर 2022 में 65,893 दर्ज किए गए। वहीं आयोग ने महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों से संबंधित शिकायतों में भी बढ़ोतरी देखी है।

वर्ष 2023 में, आयोग ने 608 शिकायतें दर्ज की, जो कुल शिकायतों का 2.2% है। 1 अगस्त 2024 तक 386 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जो कुल शिकायतों का 2.5% है।

राष्ट्रीय महिला आयोग भारत सरकार का एक सांविधिक  निकाय है जो आमतौर पर महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देता है।

आयोग का गठन 31 जनवरी 1992 में भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत किया गया। इसका उद्देश्य भारत में महिलाओं के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करना और उनसे जुड़े मुद्दों और चिताओं के लिए अभिव्यक्ति प्रदान करना है।

दहेज , राजनीतिक मामले , धार्मिक मामले , नौकरियों में महिलाओं के समान प्रतिनिधित्व और श्रम क्षेत्र में महिलाओं के शोषण जैसी विभिन्न विषय उसके अवलोकन के दायरे में शामिल रहे हैं।

आयोग हिंसा, भेदभाव, उत्पीड़न की शिकार या अपने अधिकारों से वंचित महिलाओं की शिकायतें भी स्वीकार करता है और मामलों की जांच करता है।

राष्ट्रीय महिला आयोग के मुख्य कार्य:

1. महिला अधिकारों की रक्षा: आयोग महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम करता है।

2. कानूनी सलाह और समर्थन: आयोग महिलाओं को कानूनी सहायता और परामर्श प्रदान करता है।

3. जागरूकता कार्यक्रम: महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विभिन्न जागरूकता और शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करता है।

डिजिटल शक्ति केंद्र: महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण में मददगार

डिजिटल शक्ति केंद्र का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को डिजिटल तकनीक के उपयोग में सशक्त बनाना और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत महिलाओं को साइबर बुलिंग, हैकिंग, और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए शिक्षित किया जाएगा।

राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रमुख उद्देश्य:

डिजिटल साक्षरता: महिलाओं को इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों का सुरक्षित उपयोग सिखाना।

साइबर सुरक्षा: महिलाओं को ऑनलाइन खतरों और साइबर अपराधों से बचने के तरीके समझाना।

डिजिटल वित्तीय समावेशन: महिलाओं को ऑनलाइन बैंकिंग, यूपीआई, और अन्य वित्तीय उपकरणों का सुरक्षित उपयोग सिखाना।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति केंद्र का किया शुभारंभ: महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम

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राष्ट्रीय महिला आयोग और SSC परीक्षाओं में इससे संबंधित जानकारी

1. राष्ट्रीय महिला आयोग का इतिहास: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की स्थापना 1992 में भारतीय संसद के एक अधिनियम के तहत की गई थी। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह एक सांविधिक निकाय है जो महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा से संबंधित मामलों पर काम करता है।

2. राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन: आयोग में एक अध्यक्ष, पांच सदस्य और एक सदस्य सचिव होते हैं, जिन्हें भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। आयोग का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की जांच करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।

3. आयोग के कार्य:

महिलाओं के हितों के मुद्दों पर अध्ययन और जांच करना।

महिलाओं के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न, हिंसा, और भेदभाव पर ध्यान केंद्रित करना।

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सिफारिशें देना।

केंद्र और राज्य सरकारों को महिलाओं से जुड़े कानूनों को लागू करने की सलाह देना।

4. SSC परीक्षा से संबंधित प्रश्न:

1. राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन कब हुआ था?

उत्तर: 1992

2. राष्ट्रीय महिला आयोग का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

उत्तर: नई दिल्ली

3. राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रमुख कार्य क्या हैं?

उत्तर: महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, जागरूकता कार्यक्रम, कानूनी सहायता, और महिला सशक्तिकरण के लिए सिफारिशें देना।

4. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष कौन होती हैं?

उत्तर: आयोग की अध्यक्ष सरकार द्वारा नियुक्त की जाती है और यह पद समय-समय पर बदलता रहता है।

डिजिटल शक्ति केंद्र के लाभ

1. डिजिटल साक्षरता में वृद्धि: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाएं डिजिटल शक्ति केंद्र की मदद से इंटरनेट और तकनीकी उपकरणों का सुरक्षित और सही उपयोग सीख सकेंगी।

2. ऑनलाइन सुरक्षा: महिलाओं को साइबर अपराधों से बचाने के लिए विशेष प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान की जाएगी।

3. वित्तीय समावेशन: महिलाएं डिजिटल भुगतान सेवाओं और ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से वित्तीय रूप से सशक्त हो सकेंगी।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति केंद्र का किया शुभारंभ: महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम

राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति केंद्र का किया शुभारंभ 

The National Commission for Women (NCW) was established in 1992 under the National Commission for Women Act, 1990 by the Government of India to safeguard and promote the rights of women in India.

Key Historical Facts:

Launch Year: The NCW was officially formed on 31st January 1992.

First Chairperson: The first chairperson was Jayanti Patnaik.

Purpose: It was created to review the constitutional and legal safeguards for women, recommend remedial legislative measures, facilitate redressal of grievances, and advise the government on policy matters affecting women.

Current Leadership:

Current Chairperson: The current chairperson of the NCW is Rekha Sharma, who has been serving since August 2018.

Composition:

The commission has five members, including the chairperson. As of now, apart from the chairperson, the names of the current members are not always publicly available due to changes, but members typically include experts in law, women’s rights, and social issues.

The commission has been instrumental in addressing issues like dowry harassment, domestic violence, and workplace safety for women over the years. It plays a crucial role in shaping the laws and policies related to women’s rights in India.


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राष्ट्रीय महिला आयोग की एक क्रांतिकारी पहल है, जो महिलाओं के डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल महिलाओं को ऑनलाइन सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाएगा।



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