ऑपरेशन इंद्रावती: हैती संकट में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी का मिशन
ऑपरेशन इंद्रावती भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा हैती में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने का मिशन है। जानिए इस ऑपरेशन के उद्देश्य, चुनौतियां और सफलता की कहानी।
21 मार्च 2024 को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने हिंसाग्रस्त कैरेबियाई देश हैती में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए 'ऑपरेशन इंद्रावती' नामक विशेष बचाव अभियान शुरू किया है।
यह अभियान उन भारतीय नागरिकों को पड़ोसी देश डोमिनिकन गणराज्य में स्थानांतरित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है, जो हैती में जारी हिंसा और अराजकता के बीच फंसे हुए हैं। विदेश मंत्री ने इस ऑपरेशन के तहत अब तक निकाले गए 12 भारतीय नागरिकों की तस्वीर साझा की
हैती संकट: एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण
हैती, जो एक पूर्व फ्रांसीसी उपनिवेश है, 1804 में स्वतंत्र हुआ था। यह देश कैरेबियाई द्वीप हिस्पानियोला के एक तिहाई हिस्से पर स्थित है, जबकि द्वीप के बाकी हिस्से पर डोमिनिकन गणराज्य का कब्जा है।
हालांकि, स्वतंत्रता के बाद से ही हैती राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा से जूझता रहा है। यह कैरेबियाई क्षेत्र के सबसे गरीब देशों में से एक है, और यहाँ की सामाजिक व आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती रही है।
हैती में गिरोहों और हिंसा की जड़ें तानाशाह फ्रेंकोइस डुवेलियर के शासनकाल से जुड़ी हुई हैं। उनके शासन के दौरान कई हिंसक और क्रूर गिरोह अस्तित्व में आए, जो कालांतर में इतने शक्तिशाली हो गए कि उन्होंने राज्य सत्ता को चुनौती देना शुरू कर दिया।
वर्तमान में, ये गिरोह हैती की राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस और अन्य बड़े हिस्सों पर नियंत्रण रखते हैं, जिससे देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है।
2021 में राष्ट्रपति की हत्या और अराजकता की स्थिति
हैती में संकट उस समय और बढ़ गया जब 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस की उनके आधिकारिक आवास पर अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद देश में अस्थिरता और गहराई, और तब से प्रधानमंत्री एरियल हेनरी अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं। हालांकि, गिरोहों की बढ़ती गतिविधियों और हिंसा के चलते सरकार की पकड़ काफी कमजोर हो गई है।
देश में प्रशासन लगभग खत्म हो चुका है, और आपराधिक गिरोहों ने बड़े हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। ये गिरोह लगातार हिंसक प्रदर्शनों और अपराधों को अंजाम दे रहे हैं, जिससे राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस में जीवन असहनीय हो चुका है।
गिरोहों ने एरियल हेनरी के इस्तीफे की मांग करते हुए व्यापक स्तर पर हिंसा फैला दी है, जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र और केन्याई नेतृत्व वाली सुरक्षा बल की पहल
देश में बिगड़ती स्थिति को सुधारने के प्रयास में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अक्टूबर 2023 में एक बहुराष्ट्रीय सुरक्षा बल को हैती भेजने की मंजूरी दी। इस सुरक्षा बल का नेतृत्व केन्या कर रहा है और इसका उद्देश्य देश में शांति और स्थिरता बहाल करना है। हालांकि, गिरोहों का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि सुरक्षा बलों के लिए भी स्थिति को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।
भारत का हैती में राजनयिक प्रतिनिधित्व और ऑपरेशन इंद्रावती
हैती में भारत का कोई स्थायी दूतावास नहीं है, इसलिए वर्तमान में 'ऑपरेशन इंद्रावती' की सभी गतिविधियाँ पड़ोसी देश डोमिनिकन गणराज्य की राजधानी सैंटो डोमिंगो में स्थित भारतीय राजनयिक मिशन के तहत की जा रही हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, हैती में लगभग 75 से 90 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें से लगभग 60 ने भारत वापस लौटने के लिए पंजीकरण कराया है।
'ऑपरेशन इंद्रावती' के तहत इन भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप से हैती से निकालकर डोमिनिकन गणराज्य में स्थानांतरित किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत कई भारतीय नागरिकों को पहले ही सुरक्षित निकाला जा चुका है और उनकी तस्वीरें भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा साझा की गई हैं।
ऑपरेशन इंद्रावती की चुनौतियां और सफलता
ऑपरेशन इंद्रावती को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हैती में व्याप्त हिंसा और अराजकता के बीच भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती थी।
इसके अलावा, संचार व्यवस्था के ध्वस्त होने और गिरोहों के व्यापक प्रभाव के कारण मिशन को कई अवरोधों का सामना करना पड़ा।
हालांकि, भारतीय सरकार और राजनयिक मिशन की तेज़ी से की गई कार्रवाई और स्थानीय सहयोग से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्थानांतरित करने में सफलता मिली है।
इस ऑपरेशन की सफलता भारत के नागरिकों की सुरक्षा और संकट के समय उनकी सहायता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
'ऑपरेशन इंद्रावती' भारत की एक साहसिक और महत्वपूर्ण पहल है, जो यह दर्शाता है कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा और उनकी भलाई के प्रति प्रतिबद्ध है, चाहे वह दुनिया के किसी भी हिस्से में क्यों न हो।
हैती में वर्तमान संकट और हिंसा से निपटने के लिए भारत ने एक प्रभावी रणनीति अपनाई है, जिससे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो सकी है। इस ऑपरेशन से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपने नागरिकों की मदद के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है, चाहे स्थिति कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो।
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FAQ
हैती में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन का कोड नाम क्या है?
भारत सरकार ने हैती में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए 'ऑपरेशन इंद्रावती' नामक विशेष अभियान शुरू किया है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य उन भारतीयों को पड़ोसी देश डोमिनिकन गणराज्य में स्थानांतरित करना है, जो हैती में हिंसा और अराजकता के कारण फंसे हुए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 12 भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया है।
हैती की राजधानी क्या है?
हैती की राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस है। यह देश का सबसे बड़ा शहर भी है और यहाँ की राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। हाल के वर्षों में, पोर्ट-ऑ-प्रिंस गंभीर हिंसा और अराजकता का सामना कर रहा है, जिसके कारण स्थानीय नागरिकों के लिए जीवन कठिन हो गया है।
हैती कहाँ स्थित है?
हैती कैरेबियाई क्षेत्र में स्थित है और यह द्वीप हिस्पानियोला के एक तिहाई हिस्से पर स्थित है। द्वीप का अन्य दो तिहाई हिस्सा डोमिनिकन गणराज्य द्वारा नियंत्रित है। हैती का भौगोलिक स्थान इसे अमेरिका और कैरेबियन के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाता है।
हैती के वर्तमान अंतरिम राष्ट्रपति कौन हैं?
हैती के वर्तमान अंतरिम राष्ट्रपति एरियल हेनरी हैं। उन्होंने 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस की हत्या के बाद इस पद को संभाला था। एरियल हेनरी के नेतृत्व में, हैती को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जैसे कि बढ़ती हिंसा और गिरोहों की गतिविधियाँ।
हमास के हमले के बाद 2023 में भारतीयों को इजराइल से लाने के लिए भारत सरकार ने कौन सा ऑपरेशन शुरू किया था?
2023 में हमास के हमले के बाद भारतीय नागरिकों को इजराइल से सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार ने 'ऑपरेशन दोस्त' नामक अभियान शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत कई भारतीय नागरिकों को इजराइल से निकाला गया और उन्हें भारत लौटाया गया। यह ऑपरेशन भारतीय सरकार की नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हैती में हिंसा और अराजकता के पीछे के कारण क्या हैं?
हैती में हिंसा और अराजकता के कई कारण हैं। 2021 में राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस की हत्या के बाद से राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है। इसके अलावा, तानाशाह फ्रेंकोइस डुवेलियर के शासन के दौरान स्थापित हिंसक गिरोह अब इतने शक्तिशाली हो गए हैं कि उन्होंने राज्य की शक्ति को चुनौती देना शुरू कर दिया है। ये गिरोह न केवल नागरिकों के लिए खतरा बने हुए हैं, बल्कि राजनीतिक व्यवस्था को भी कमजोर कर रहे हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो गई है।
क्या हैती में भारतीय नागरिकों के लिए कोई राजनयिक मिशन है?
वर्तमान में हैती में भारत का कोई स्थायी राजनयिक दूतावास नहीं है। हालांकि, हैती में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय मिशन की गतिविधियाँ पड़ोसी देश डोमिनिकन गणराज्य की राजधानी सैंटो डोमिंगो में स्थित भारतीय राजनयिक मिशन के तहत की जा रही हैं। यही कारण है कि 'ऑपरेशन इंद्रावती' जैसी पहल का संचालन यहाँ से किया जा रहा है।
हैती में संयुक्त राष्ट्र का क्या रोल है?
संयुक्त राष्ट्र ने अक्टूबर 2023 में हैती में बढ़ती हिंसा को नियंत्रित करने के लिए केन्याई नेतृत्व वाले एक बहुराष्ट्रीय सुरक्षा बल को भेजने की मंजूरी दी थी। इस बल का मुख्य उद्देश्य हैती में शांति और स्थिरता बहाल करना है। हालाँकि, गिरोहों के बढ़ते प्रभाव के कारण सुरक्षा बलों के लिए स्थिति को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है, जिससे सुरक्षा की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
हैती में जीवन की स्थिति क्या है?
हैती में जीवन की स्थिति बेहद कठिन है। राजनीतिक अराजकता और आर्थिक संकट के चलते नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। खाद्य संकट, चिकित्सा सुविधाओं की कमी, और गिरोहों के आतंक ने नागरिकों के जीवन को असुरक्षित बना दिया है। इससे लाखों लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं और दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करना उनके लिए चुनौती बन गया है।
हैती संकट पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया क्या रही है?
हैती संकट पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ देशों ने हैती में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए समर्थन की पेशकश की है, जबकि अन्य देशों ने मानवीय सहायता प्रदान की है। हालाँकि, सुरक्षा स्थिति के कारण वहाँ स्थिति सुधारना चुनौतीपूर्ण है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भी हैती में चल रही गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और नागरिकों की सहायता के लिए धन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।
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