राजकुमारी अमृत कौर | राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग योजना

राजकुमारी अमृत कौर |राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग योजना 

राजकुमारी अमृत कौर पंजाब के कपूरथला शासक परिवार की एक सदस्या थीं। जिन्होंने अपनी शिक्षा इंग्लैंड में प्राप्त की। महात्मा गांधी के संदेशों से प्रभावित होकर तथा 1919 में कांग्रेस की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगी।

उन्होंने 1930 के नमक सत्याग्रह में विशेष रूप से व 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुई। 

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वह भारत की प्रथम स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त की गई। उनका सतत् प्रयास गरीबों , महिलाओं व बच्चों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में रहा। 

अखिल भारतीय महिला सभा की वह संस्थापक सदस्य थी। उन्होंने बाल कल्याण भारतीय परिषद की स्थापना की। जिसकी वह अध्यक्ष भी थीं। भारतीय परिषद की स्थापना की जिसकी वह अध्यक्ष भी थी। भारतीय रेड क्रॉस संस्था के विकास में उनका सहयोग सराहनीय है। 

राजकुमारी अमृत कौर का निधन 1964 में हुआ 

राजकुमारी अमृत कौर | राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग योजना

राजकुमारी अमृत कौर: भारत की प्रथम स्वास्थ्य मंत्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

राजकुमारी अमृत कौर का नाम भारतीय इतिहास में एक ऐसी महिला के रूप में लिया जाता है, जिन्होंने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि स्वतंत्रता के बाद स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। वह स्वतंत्र भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनीं और उनकी कई योजनाओं ने स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में देश को नए आयाम दिए।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

राजकुमारी अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी, 1889 को उत्तर प्रदेश के कपूरथला राज्य के एक शाही परिवार में हुआ था। उनके पिता राजा हरनाम सिंह थे, जो एक समृद्ध और धार्मिक व्यक्ति थे। अमृत कौर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इंग्लैंड में प्राप्त की और वहां से लौटकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गईं।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

राजकुमारी अमृत कौर महात्मा गांधी के निकट सहयोगी थीं और उन्होंने नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों में भाग लिया। 

वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की भी प्रमुख सदस्य थीं और उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए भी संघर्ष किया।

अमृत कौर गांधीजी के साथ उनके आश्रम में भी रहीं और उनके आदर्शों का अनुसरण किया।

स्वतंत्र भारत की प्रथम स्वास्थ्य मंत्री

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, राजकुमारी अमृत कौर को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश की प्रथम स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किया। यह 1947 में हुआ, जब भारत ने अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त की। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी 10 साल तक निभाई। 

उनके कार्यकाल में कई स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुए, जिनमें एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) की स्थापना प्रमुख थी। उन्होंने महिला और बाल स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी नए सुधार लाए।

राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग योजना

राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग योजना कहाँ आरंभ हुई ?

राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग योजना भारत सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल थी। यह योजना दिल्ली में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में महिलाओं को कोचिंग प्रदान करना था, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इन क्षेत्रों में प्रवेश कर सकें और देश के विकास में योगदान दे सकें।

राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग स्कीम कब प्रारंभ की गई ?

यह योजना 1970 के दशक में प्रारंभ की गई थी, जब सरकार ने महिलाओं को उच्च शिक्षा में अधिक प्रतिनिधित्व देने के लिए विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की। इसका मुख्य उद्देश्य था कि महिलाओं को मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए सहायता प्रदान की जाए।

राजकुमारी कोचिंग योजना कब बंद की गई ?

यह योजना कुछ समय तक सफलतापूर्वक चलने के बाद 1990 के दशक के मध्य में बंद कर दी गई। इसकी बंदी का मुख्य कारण था सरकारी योजनाओं में बदलाव और नई शिक्षा नीतियों का आगमन। इसके बाद, महिलाओं के लिए विभिन्न अन्य स्कीम्स को लाया गया, जो व्यापक रूप से शिक्षा और कोचिंग सेवाओं पर केंद्रित थीं।

भारत के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री कौन थे ?

भारत के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर थीं। उन्होंने 1947 से 1957 तक इस पद पर कार्य किया और उनके नेतृत्व में देश की स्वास्थ्य सेवाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए। अमृत कौर ने एम्स (AIIMS) जैसी संस्थाओं की नींव रखी, जिसका उद्देश्य था कि देश को विश्व स्तरीय चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं।

अन्य प्रमुख कार्य और योगदान

राजकुमारी अमृत कौर न केवल एक महान नेता थीं, बल्कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अध्यक्ष भी बनीं और इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाली पहली महिला थीं।

अमृत कौर का जीवन स्वास्थ्य सेवाओं, महिला सशक्तिकरण, और मानव सेवा के लिए समर्पित था। 6 फरवरी 1964 को उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य और उनके आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं।

राजकुमारी अमृत कौर: भारत की प्रथम स्वास्थ्य मंत्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी


राजकुमारी अमृत कौर का योगदान भारतीय इतिहास में एक अमूल्य धरोहर है। वह स्वतंत्र भारत की प्रथम महिला स्वास्थ्य मंत्री थीं, जिन्होंने देश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए जीवनभर प्रयास किया। 

उनके द्वारा शुरू की गई योजनाएं और उनके नेतृत्व में बने संस्थान आज भी देश की सेवा कर रहे हैं। उनका जीवन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है और उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

प्रमुख सवाल और उनके उत्तर

Q1: राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग योजना कहाँ आरंभ हुई?

A1: राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग योजना दिल्ली में आरंभ की गई थी।

Q2: राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग स्कीम कब प्रारंभ की गई?

A2: राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग स्कीम 1970 के दशक में प्रारंभ की गई थी।

Q3: राजकुमारी कोचिंग योजना कब बंद की गई?

A3: राजकुमारी कोचिंग योजना 1990 के दशक के मध्य में बंद कर दी गई थी।

Q4: भारत के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री कौन थे?

A4: भारत के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर थीं, जिन्होंने 1947 से 1957 तक इस पद पर कार्य किया।


Post a Comment

0 Comments