भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुआ ‘समर्थक’ जहाज: भारत की समुद्री युद्ध क्षमता में बड़ा इजाफा
भारतीय नौसेना के बेड़े में हाल ही में एक नया जहाज 'समर्थक' शामिल हुआ है, जो भारत की समुद्री ताकत को एक नई दिशा देने वाला है। यह बहुउद्देश्यीय जहाज, अपने उन्नत तकनीकी उपकरणों और सामरिक क्षमताओं के चलते, भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी द्वारा समर्थक जहाज के कमीशनिंग के दौरान यह घोषणा की गई थी कि यह जहाज भारतीय समुद्री सुरक्षा को और अधिक सशक्त करेगा।
समर्थक जहाज: समुद्री ताकत में बड़ा बदलाव
समर्थक एक 3600 टन वजन वाला बहुउद्देश्यीय जहाज है, जिसे एल एंड टी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में कमीशन किया गया। इसके निर्माण का उद्देश्य भारतीय नौसेना को सतह और उप-सतह दोनों लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम बनाना है। इस जहाज का उपयोग स्वदेशी हथियारों, उपकरणों और सेंसरों के परीक्षण के लिए भी किया जाएगा।
समर्थक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मानव रहित और चालक रहित दोनों मिशनों के लिए एक मदरशिप के रूप में काम कर सकता है, जिससे इसका बहुउद्देश्यीय उपयोग सुनिश्चित होता है।
यह जहाज समुद्र में अपनी गतिशीलता और लचीलापन के कारण भारतीय युद्ध शक्ति को और मजबूत करेगा, जो भविष्य के सैन्य अभियानों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।
प्रीडेटर ड्रोन से बढ़ेगी निगरानी क्षमता
नौसेना प्रमुख ने यह भी बताया कि हाल ही में सुरक्षा कैबिनेट समिति ने 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी है। इनमें से 15 ड्रोन का उपयोग भारतीय नौसेना में किया जाएगा। ये ड्रोन अत्याधुनिक निगरानी उपकरणों से लैस हैं, जो भारतीय समुद्री क्षेत्र में सक्रिय निगरानी रखने और संभावित खतरों का पता लगाने में बेहद उपयोगी साबित होंगे।
इन ड्रोनों की मदद से नौसेना को क्षेत्रीय गतिविधियों की सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे नौसैनिक अभियानों की तैयारी और संचालन में आसानी होगी।
नौसैनिक ताकत के बढ़ते कदम
1999 में, सरकार ने 30 साल की पनडुब्बी निर्माण योजना को मंजूरी दी थी, और अब भारतीय नौसेना उसी योजना के तहत आगे बढ़ रही है। इस योजना के तहत पी-75 परियोजना पूरी होने के बाद इस साल तक छह पनडुब्बियों की डिलीवरी हो जाएगी।
इसके अलावा, पी-76 परियोजना भी जल्द ही प्रारंभ होने की उम्मीद है। इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय नौसेना की पनडुब्बी ताकत को कम से कम 18 पनडुब्बियों तक ले जाना है, जिससे भारतीय समुद्री शक्ति और अधिक मजबूत हो जाएगी।
NWWA द्वारा लॉन्च और समझौते की जानकारी
समर्थक जहाज को नेवल वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (NWWA) की अध्यक्ष शशि त्रिपाठी द्वारा लॉन्च किया गया था। 25 मार्च 2022 को रक्षा मंत्रालय और एलएंडटी शिपयार्ड के बीच दो बहुउद्देश्यीय जहाजों के निर्माण के लिए समझौता हुआ था।
ये जहाज अन्य जहाजों को खींचने, लॉन्च करने और विभिन्न लक्ष्यों को पुनः प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, यह बिना पेंच वाले वाहनों को संचालित करने और विभिन्न स्वदेशी हथियारों और सेंसरों के लिए एक परीक्षण मंच के रूप में भी कार्य करेगा।
भारतीय नौसेना की भविष्य की योजनाएं
भारतीय नौसेना की भविष्य की योजनाओं में समुद्री युद्ध और रक्षा क्षमता को और अधिक बढ़ाना शामिल है। आने वाले वर्षों में, नौसेना ने अत्याधुनिक उपकरणों, जहाजों, पनडुब्बियों और ड्रोनों के साथ अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं।
समर्थक जहाज का बेड़े में शामिल होना, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो आने वाले समय में भारतीय नौसेना को और अधिक सक्षम और ताकतवर बनाएगा।
भारतीय नौसेना के बेड़े में समर्थक जहाज का शामिल होना, न केवल भारतीय समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि देश की रक्षा क्षमता में भी एक बड़ा योगदान देगा।
यह जहाज, अपनी तकनीकी क्षमताओं, बहुउद्देश्यीय उपयोग और उन्नत हथियार प्रणालियों के साथ, भारतीय नौसेना को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान देगा।
साथ ही, भारतीय सुरक्षा के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जो आने वाले समय में भारत की समुद्री सुरक्षा और सैन्य अभियानों में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
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FAQ
भारतीय नौसेना के बेड़े में 'समर्थक' जहाज क्या है?
'समर्थक' भारतीय नौसेना का 3600 टन का बहुउद्देश्यीय जहाज है, जो सतह और उप-सतह दोनों लक्ष्यों पर कार्रवाई करने में सक्षम है। इसका उपयोग स्वदेशी हथियारों और सेंसरों के परीक्षण के लिए भी किया जाएगा।
समर्थक जहाज की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
समर्थक जहाज 3600 टन का है, 106 मीटर लंबा और 15 समुद्री मील की अधिकतम गति हासिल करने में सक्षम है। यह मानव रहित और चालक रहित मिशनों के लिए मदरशिप के रूप में कार्य कर सकता है।
'समर्थक' जहाज भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता को कैसे बढ़ाएगा?
समर्थक जहाज स्वदेशी हथियारों, उपकरणों और सेंसरों के परीक्षण में मदद करेगा, साथ ही सतह और उप-सतह लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम होने से नौसेना की युद्ध क्षमता को मजबूत करेगा।
भारतीय नौसेना के लिए प्रीडेटर ड्रोन की क्या भूमिका है?
भारतीय नौसेना के लिए 15 प्रीडेटर ड्रोन तैनात किए जाएंगे, जो समुद्री क्षेत्र की निगरानी करने और खतरों की पहचान में मदद करेंगे, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
समर्थक जहाज का निर्माण किस शिपयार्ड में हुआ है?
समर्थक जहाज का निर्माण एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में हुआ है। इसे भारतीय नौसेना में 2024 में कमीशन किया गया।
भारतीय नौसेना के भविष्य की योजनाओं में कौन सी नई परियोजनाएं शामिल हैं?
भारतीय नौसेना की योजनाओं में P-75 और P-76 पनडुब्बी परियोजनाएं शामिल हैं, जो भारतीय नौसेना की पनडुब्बी ताकत को बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं।
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