State food security index 2024: राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक में केरल लगातार दूसरी बार पहले स्थान पर

State food security index 2024|राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2024 में केरल लगातार दूसरी बार पहले स्थान पर

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2024 (SFSI) भारतीय राज्यों में खाद्य सुरक्षा को मापने और सुधारने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। जानें इस सूचकांक के प्रमुख मानक और इसकी भूमिका।

State food security index 2024|राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2024 में केरल लगातार दूसरी बार पहले स्थान पर

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (State Food Security Index - SFSI) 2024 एक महत्वपूर्ण पहल है जो भारत के विभिन्न राज्यों में खाद्य सुरक्षा को मापने और उसका आकलन करने के लिए किया जाता है। 

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा प्रत्येक वर्ष जारी किया जाता है, इसका उद्देश्य है यह देखना कि कौन से राज्य खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता और उपभोक्ता स्वास्थ्य के प्रति सबसे अधिक जागरूक और सुदृढ़ हैं।

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) की पहली बार घोषणा 2019 में की गई थी। यह सूचकांक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए शुरू किया गया था।

SFSI 2024 के प्रमुख घटक

FSSAI ने खाद्य सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए 5 प्रमुख मापदंड निर्धारित किए हैं:

i. मानव संसाधन और संस्थागत डेटा

खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक मानव संसाधनों की उपलब्धता और उनकी क्षमताओं का आकलन।

खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण और अधिकारियों की क्षमता।

ii. खाद्य परीक्षण सुविधाओं और प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता

राज्यों की प्रयोगशालाओं की संख्या, क्षमता, और गुणवत्ता का मूल्यांकन।

खाद्य परीक्षण की सटीकता और उसके परिणामों की प्रभावशीलता।

iii. उपभोक्ता जागरूकता और शिकायत निवारण तंत्र

उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता फैलाने के प्रयास।

उपभोक्ता शिकायतों को सुलझाने की दक्षता और पारदर्शिता।

iv. खाद्य व्यवसायों के साथ जुड़ाव

राज्यों के द्वारा खाद्य व्यवसायों को खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन कराने के लिए किए गए प्रयास।

खाद्य लाइसेंसिंग और निरीक्षण प्रक्रियाओं की कार्यक्षमता।

v. प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण

खाद्य व्यवसायियों और अधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम।

खाद्य सुरक्षा के लिए तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा की उपलब्धता।

State food security index 2024: राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक में केरल लगातार दूसरी बार पहले स्थान पर

SFSI 2024 में शामिल श्रेणियां

बड़े राज्य: बड़े राज्यों का आकलन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के तौर पर गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु ने शीर्ष स्थान हासिल किया।

छोटे राज्य: छोटे राज्यों की श्रेणी में गोवा और त्रिपुरा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

केंद्र शासित प्रदेश: केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर ने उच्च रैंकिंग प्राप्त की।

SFSI 2024 के शीर्ष राज्य

बड़े राज्य: केरल ने सबसे अधिक रैंकिंग हासिल की है।

छोटे राज्य: गोवा ने खाद्य सुरक्षा मानकों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है।

केंद्र शासित प्रदेश: जम्मू-कश्मीर और दिल्ली ने शीर्ष रैंकिंग प्राप्त की है।

SFSI 2024 के शीर्ष राज्य:

1st Place: केरल

2nd Place: तमिलनाडु

3rd Place: जम्मू और कश्मीर (J&K)

4th Place: गुजरात

5th Place: अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़, पंजाब और महाराष्ट्र का प्रदर्शन भी उल्लेखनीय है।

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2024 में केरल ने लगातार दूसरी बार पहला स्थान हासिल किया है। 

FSSAI की भूमिका

FSSAI इस सूचकांक को हर साल जारी करता है और राज्यों को मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक के लाभ

प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना

जनस्वास्थ्य में सुधार

नवाचार और तकनीकी सुधार

खाद्य परीक्षण में वृद्धि

FSSAI: ऐतिहासिक तथ्य

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स्थापना

FSSAI की स्थापना 5 अगस्त 2006 को की गई थी।

इसे भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन स्थापित किया गया।

अधिनियम

FSSAI की स्थापना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत की गई थी।

इस अधिनियम का उद्देश्य खाद्य पदार्थों की सुरक्षा, गुणवत्ता, और मानकों को सुनिश्चित करना है।

मिशन

FSSAI का मिशन भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं को सुरक्षित और पोषक भोजन उपलब्ध कराना है।

यह उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा करने और खाद्य व्यवसायों को समुचित मार्गदर्शन प्रदान करने का भी कार्य करता है।

संरचना

FSSAI का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

यह विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय कार्यालयों और प्रयोगशालाओं के माध्यम से अपने कार्यों का संचालन करता है।

लक्ष्य

खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा के मानकों को विकसित और लागू करना।

खाद्य उत्पादों के लेबलिंग और विज्ञापन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।

उपभोक्ताओं के लिए खाद्य सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना।

महत्वपूर्ण पहल

FSSAI ने "खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता में सुधार" के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं।

इसके अंतर्गत खाद्य व्यवसायों के लिए लाइसेंसिंग, पंजीकरण, और निरीक्षण प्रक्रियाएं शामिल हैं।

खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली

FSSAI ने खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (FSMS) विकसित की है, जो खाद्य सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं का समग्र रूप से प्रबंधन करती है।

स्वास्थ्य संकट का जवाब

COVID-19 महामारी के दौरान, FSSAI ने सुरक्षित खाद्य सुरक्षा प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए थे।

इसने उपभोक्ताओं और खाद्य व्यवसायों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न ऑनलाइन पहल कीं।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:

FSSAI ने अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मानकों के साथ समन्वय के लिए कई देशों और संगठनों के साथ सहयोग किया है।

यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के साथ भी काम करता है।

भविष्य की दिशा

FSSAI का उद्देश्य भारत में खाद्य सुरक्षा मानकों को और अधिक सख्त और प्रभावी बनाना है।

State food security index 2024: राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक में केरल लगातार दूसरी बार पहले स्थान पर

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2024 राज्यों के खाद्य सुरक्षा प्रदर्शन को मापने और सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सूचकांक सरकारों और एजेंसियों को खाद्य सुरक्षा मानकों में सुधार के लिए प्रेरित करता है और उपभोक्ताओं को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन प्रदान करने में मदद करता है।

Full forms 

1. FSSAI - Food Safety and Standards Authority of India (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण)

2. SFSI - State Food Security Index (राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक)

3. J&K - Jammu and Kashmir (जम्मू और कश्मीर)

4. COVID-19 - Coronavirus Disease 2019 (कोरोनावायरस रोग 2019)

5. WHO - World Health Organization (विश्व स्वास्थ्य संगठन)

6. FAO - Food and Agriculture Organization (खाद्य और कृषि संगठन)

7. FSMS : Food Safety Management System (खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली)

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FAQ

भारत ने ऑपरेशन नीर किस देश के लिए चलाया?

ऑपरेशन नीर 2015 में यमन के लिए चलाया गया था। यमन में भीषण गृहयुद्ध के दौरान भारत ने इस ऑपरेशन के तहत वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने और पीने के पानी की आपूर्ति के लिए काम किया। यमन के अदन और अन्य क्षेत्रों में लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ा, जिसके जवाब में भारत ने जल आपूर्ति के लिए "ऑपरेशन नीर" चलाया। भारत ने अन्य देशों के नागरिकों को भी बचाने का प्रयास किया, जिससे यह एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मानवीय मिशन बना।

ऑपरेशन इंद्रावती

ऑपरेशन इंद्रावती नक्सल विरोधी अभियान था, जिसे छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में चलाया गया था। यह ऑपरेशन विशेष रूप से अबूझमाड़ के जंगलों में माओवादी गुटों को खदेड़ने के लिए शुरू किया गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने संयुक्त रूप से इस अभियान को अंजाम दिया। इंद्रावती नदी के किनारे माओवादियों के ठिकानों को ध्वस्त करना इसका मुख्य उद्देश्य था। यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों की क्षमता बढ़ाने और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति लाने के प्रयासों का हिस्सा था।

ऑपरेशन सफेद सागर

ऑपरेशन सफेद सागर 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा चलाया गया था। इसका उद्देश्य कारगिल सेक्टर में घुसपैठियों को खदेड़ना और नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना को सहायता प्रदान करना था। यह अभियान भारतीय वायुसेना का एक निर्णायक कदम था, जिसमें मिग-21 और मिराज-2000 विमानों का उपयोग किया गया। इस ऑपरेशन ने कारगिल युद्ध में भारतीय विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और इसे भारतीय सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है।

ऑपरेशन विराट

ऑपरेशन विराट भारतीय सेना का एक प्रमुख सैन्य अभ्यास था, जिसे 1988 में भारत और पाकिस्तान की सीमाओं पर बढ़ते तनाव के दौरान किया गया था। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पश्चिमी सीमा पर सैन्य तैयारियों का परीक्षण और सेना की क्षमताओं को बढ़ाना था। इसमें बड़ी संख्या में सैनिकों, टैंकों, और वायुसेना की भागीदारी थी। यह सैन्य अभ्यास उस समय के सबसे बड़े अभ्यासों में से एक था और इसका लक्ष्य पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा और सैन्य तैयारियों को सुनिश्चित करना था।

ऑपरेशन संकल्प 2024

ऑपरेशन संकल्प 2024 में शुरू हुआ अभियान है, जिसका उद्देश्य भारतीय जहाजों और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, विशेषकर फारस की खाड़ी, ओमान की खाड़ी, और अरब सागर के आस-पास के क्षेत्रों में। यह अभियान तब शुरू हुआ जब होरमुज जलडमरूमध्य में तनाव बढ़ा और वैश्विक समुद्री मार्गों में असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न हुई। भारतीय नौसेना इस ऑपरेशन के तहत गश्ती और सुरक्षा कर्तव्यों का निर्वहन करती है, ताकि भारतीय जहाज सुरक्षित रहें।

ऑपरेशन राहत

ऑपरेशन राहत 2015 में यमन में फंसे भारतीय और अन्य देशों के नागरिकों को निकालने के लिए चलाया गया एक महत्वपूर्ण मानवीय अभियान था। भारतीय नौसेना और वायुसेना ने इस ऑपरेशन के तहत सैकड़ों लोगों को यमन से सुरक्षित निकाला। इस ऑपरेशन के दौरान नौसेना के जहाजों और वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल किया गया। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा निकासी अभियान माना जाता है, जिसमें 4,000 से अधिक भारतीय और 1,200 अन्य देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया।

ऑपरेशन सर्वशक्ति

ऑपरेशन सर्वशक्ति भारतीय सशस्त्र बलों का एक सामूहिक सैन्य अभ्यास था, जिसमें सेना, नौसेना, और वायुसेना ने संयुक्त रूप से भाग लिया। इसका उद्देश्य बलों के बीच तालमेल और ऑपरेशन करने की क्षमता को बढ़ाना था। विभिन्न भू-भागों पर अभ्यास करते हुए, इस ऑपरेशन में रक्षा रणनीतियों और उपकरणों का परीक्षण किया गया। इसे एक प्रमुख कदम माना गया ताकि तीनों सेवाओं के बीच समन्वय और युद्ध तत्परता में वृद्धि हो सके।

ऑपरेशन सजग

ऑपरेशन सजग भारतीय रेलवे द्वारा 2017 में शुरू किया गया एक सुरक्षा अभियान है, जिसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस ऑपरेशन के तहत रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ाई गई और खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया। रेलवे पुलिस बल (RPF) और रेलवे कर्मचारियों के सहयोग से इस अभियान को अंजाम दिया गया। यह अभियान यात्रियों के बीच जागरूकता बढ़ाने और रेलवे परिसरों में सुरक्षा में सुधार के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम था।

ऑपरेशन सर्दहवा

ऑपरेशन सर्दहवा भारत-पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा (LOC) पर भारतीय सेना द्वारा सर्दियों के दौरान चलाया गया एक विशेष ऑपरेशन है। इसका उद्देश्य सर्दियों के मौसम में घुसपैठ की संभावनाओं को कम करना और सीमाओं पर निगरानी को मजबूत करना है। इसमें विशेष रूप से तैनात जवानों को ठंडे मौसम में परिचालन कार्यों के लिए तैयार करना और सुरक्षा को मजबूत करना शामिल है। यह ऑपरेशन सीमा पर चौकसी बढ़ाने और शत्रु गतिविधियों को नाकाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत के प्रमुख ऑपरेशन 2024

2024 में भारत के प्रमुख सैन्य और मानवीय ऑपरेशन में ऑपरेशन संकल्प शामिल है, जो फारस की खाड़ी क्षेत्र में भारतीय जहाजों की सुरक्षा के लिए चल रहा है। इसके अलावा, भारत प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों में भी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। भारत के अन्य सैन्य अभ्यास जैसे ऑपरेशन विराट और ऑपरेशन सफेद सागर भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता को दर्शाते हैं। नए सुरक्षा खतरों और वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय सेना के ऑपरेशन निरंतर जारी हैं।

भारत के प्रमुख ऑपरेशन 2022

2022 में भारत के प्रमुख ऑपरेशन में ऑपरेशन गंगा का नाम प्रमुखता से लिया जाता है, जिसके तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला गया। इसके अलावा, ऑपरेशन देव शक्ति के तहत अफगानिस्तान से निकासी की गई थी। ऑपरेशन समुद्र सेतु-II कोविड-19 महामारी के दौरान चिकित्सा आपूर्ति को भारत लाने के लिए चलाया गया था। इन ऑपरेशनों ने संकट के समय में भारत की तत्परता और मानवीय मिशनों में उसकी भूमिका को विश्व मंच पर उजागर किया।

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