DRDO: पोखरण में कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के तीन सफल परीक्षण

DRDO: पोखरण में कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के तीन सफल परीक्षण 

DRDO: डीआरडीओ की VSHORADS मिसाइल का तीसरा परीक्षण भी सफल, हवाई हमलों के खिलाफ बढ़ेगी सुरक्षा

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) इस कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली मिसाइल का पहले ही दो सफल परीक्षण कर चुका है। अब तीसरे परीक्षण में भी मिसाइल ने तय लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा।

DRDO: पोखरण में कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के तीन सफल परीक्षण

डीआरडीओ ने पोखरण में कम दूरी की मिसाइल के सफल परीक्षण किए: भारत की सेना की ताकत में इजाफा

डीआरडीओ को 5 Oct एक और सफलता हासिल हुई है। डीआरडीओ (DRDO)  ने शनिवार 5 Oct 2024 को आधुनिक हथियार सिस्टम VSHORADS का तीसरा सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण पोखरण परमाणु रेंज में किया गया।

भारत की रक्षा तैयारियों में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ी है। राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के तीन सफल परीक्षण किए हैं।

यह शॉर्ट रेंज डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और इसे भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस नए सिस्टम की खासियत यह है कि इसे कहीं से भी तैनात किया जा सकता है और इसे लाना-ले जाना बेहद आसान है।

शॉर्ट रेंज डिफेंस सिस्टम की खासियत

भारत का यह शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। इसका प्रमुख उद्देश्य देश की हवाई सुरक्षा को मजबूत करना और दुश्मन की मिसाइल या हवाई हमलों को रोकना है। 

इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बेहद कम दूरी से लॉन्च हो सकता है और इसे कहीं भी, किसी भी स्थिति में तैनात किया जा सकता है। इसका डिजाइन ऐसा है कि इसे आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है, जिससे इसे युद्ध के समय में जल्दी से किसी भी क्षेत्र में तैनात करना संभव होगा।

पोखरण में सफल परीक्षण

राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज को मिसाइल परीक्षणों के लिए जाना जाता है, और इसी स्थल पर DRDO ने इस शॉर्ट रेंज मिसाइल सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 

यह परीक्षण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सिस्टम भारतीय सेना के लिए सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करेगा। तीनों परीक्षणों के दौरान मिसाइल ने अपने सभी निर्धारित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेदा और अपनी उत्कृष्ट क्षमता का प्रदर्शन किया।

कम ऊंचाई पर उड़ने वाले खतरों को बेअसर करने में अहम

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) इस कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली मिसाइल का पहले ही दो सफल परीक्षण कर चुका है। अब तीसरे परीक्षण में भी मिसाइल ने तय लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा।

DRDO: पोखरण में कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के तीन सफल परीक्षण

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई इस कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली मिसाइल के पहले दो परीक्षण 2024 में ही हुए थे।

पहला परीक्षण मई 2024 के अंत में किया गया था। इस परीक्षण में मिसाइल ने एक तेजी से आने वाले हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा था।

दूसरा परीक्षण जुलाई 2024 में आयोजित किया गया था, जहां मिसाइल ने अधिक जटिल और तेज गति से उड़ने वाले लक्ष्य को नष्ट किया था।

इन दोनों परीक्षणों के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, अब अक्टूबर 2024 में तीसरा परीक्षण भी पोखरण में सफलता के साथ पूरा हो गया। तीनों परीक्षणों ने मिसाइल की प्रभावशीलता और इसकी तैनाती की संभावनाओं को सिद्ध किया है।

भारतीय सेना की बढ़ती ताकत

इन सफल परीक्षणों के साथ, भारतीय सेना की ताकत में और वृद्धि हो गई है। यह नया एयर डिफेंस सिस्टम दुश्मन के हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है और भविष्य में किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार है। 

इस प्रकार के शॉर्ट रेंज सिस्टम के साथ, भारतीय सेना देश की हवाई सुरक्षा को और मजबूत कर सकेगी, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Important 

VSHORADS, एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPAD), DRDO और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) द्वारा विकसित एक स्वदेशी मिसाइल है। 

मिसाइल में लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (Reaction Control System- RCS) और एकीकृत एवियोनिक्स जैसी उन्नत तकनीक शामिल हैं। इस मिसाइल का उद्देश्य कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हवाई खतरों जैसे ड्रोन्स आदि को बेअसर करना है। 

DRDO: पोखरण में कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के तीन सफल परीक्षण


इस सफल परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय सेना और इससे जुड़ी अन्य कंपनियों को बधाई दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस यह नई मिसाइल हवाई खतरों के खिलाफ सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी मदद देगी।

भारत का यह शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम DRDO की एक बड़ी उपलब्धि है, जिसने देश की सुरक्षा तैयारियों को एक नया आयाम दिया है। 

पोखरण में इस मिसाइल के सफल परीक्षणों ने भारतीय सेना की ताकत को और भी अधिक बढ़ाया है। यह सिस्टम दुश्मन के किसी भी हवाई हमले का मुकाबला करने में सक्षम है और इसे कहीं से भी तैनात किया जा सकता है, जिससे भारतीय सेना की रक्षा शक्ति में काफी सुधार होगा।

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 FAQ 

DRDO ने किस स्थान पर कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया?

DRDO ने राजस्थान के पोखरण में कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया, जो देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस मिसाइल सिस्टम का मुख्य उद्देश्य शत्रु के हवाई हमलों को रोकना और छोटी दूरी पर आने वाली मिसाइलों और विमान को निष्क्रिय करना है।

DRDO द्वारा किए गए इन सफल परीक्षणों का महत्व क्या है?

ये सफल परीक्षण भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करते हैं और भारतीय सेना को अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली प्रदान करते हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।

कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की विशेषताएं क्या हैं?

इस सिस्टम में तेज गति से लक्ष्य को भेदने की क्षमता है, यह मोबाइल है ( का मतलब है कि यह मिसाइल सिस्टम आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। इसे त्वरित रूप से तैनात किया जा सकता है और युद्ध के मैदान में इसकी स्थिति को आवश्यकता अनुसार बदला जा सकता है। मोबाइल सिस्टम का मुख्य लाभ यह है कि इसे विभिन्न जगहों पर जल्दी से तैनात कर सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।) और इसे कम समय में तैनात किया जा सकता है। यह विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों को पहचान और नष्ट कर सकता है।

DRDO द्वारा किए गए इन परीक्षणों का भविष्य में क्या उपयोग होगा?

इस सिस्टम का उपयोग भारतीय सेना द्वारा देश की वायु रक्षा को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। यह प्रणाली भविष्य में सीमा पर होने वाले हवाई खतरों का सामना करने के लिए एक सशक्त उपकरण बनेगी।

इन मिसाइल परीक्षणों के सफल होने से भारत को क्या लाभ होगा?

इन परीक्षणों के सफल होने से भारत की रक्षा प्रणाली और मजबूत होगी, जिससे देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता में वृद्धि होगी। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तकनीकी क्षमता को भी दर्शाता है।

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