"अभ्यास उदार शक्ति 2024: भारत और मलेशिया के बीच वायु सेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास"
अभ्यास उदार शक्ति 2024 का परिचय
भारतीय वायुसेना (IAF) और रॉयल मलेशियाई वायुसेना (RMAF) ने मिलकर 2024 में अभ्यास उदार शक्ति में भाग लिया। 5 अगस्त से 9 अगस्त, 2024 तक मलेशिया के कुआंटन में यह अभ्यास का आयोजन हुआ।
भारतीय वायु सेना (IAF) की टुकड़ी 2024 में मलेशिया में अभ्यास उदार शक्ति में सफलतापूर्वक भाग लेने के बाद 10 अगस्त 24 को भारत लौट आई। रॉयल मलेशियाई वायु सेना (RMAF) के सहयोग से संयुक्त वायु अभ्यास 05 अगस्त से 09 अगस्त 2024 तक मलेशिया के कुआंतान में हुआ। Su-30MKI लड़ाकू विमान IAF में शामिल थे।
2024 में आईएएफ के एसयू-30 एमकेआई अभ्यास में भाग लेने के बाद लोटी स्वदेश वापस
सात सुकोही-30 एमकेआई भारतीय वायु सेना की टुकड़ी ने 10 अगस्त 2024 को रॉयल मलेशियाई वायु सेना के साथ एक द्विपक्षीय अभ्यास उदार शक्ति में भाग लिया था।
रॉयल मलेशियाई वायु सेना ने 6 अगस्त से 9 अगस्त 2024 तक मलेशिया के कुआंटन में अपने अड्डे पर उदार शक्ति 2024 अभ्यास का आयोजन किया।
भारतीय वायु सेना टीम लीडर, ग्रुप कैप्टन अजय राठी, मलेशिया में भारत की उप उच्चायुक्त, सुभाषिनी नारायणन और रॉयल मलेशियाई वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने अभ्यास उदार शक्ति 2024 के उद्घाटन समारोह में भाग लिया।
2024 उदार शक्ति अभ्यास में SU-30 विमान
भारतीय वायु सेना और रॉयल मलेशियाई एयर फोर्स ने उदार शक्ति 2024 अभ्यास में सात सुकोही-30 लड़ाकू विमानों को तैनात किया।
रूस से दोनों देशों ने सुखोई-30 लड़ाकू विमान खरीदे हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी, रूस से प्राप्त लाइसेंस के तहत भारत में भारतीय वायु सेना के अधिकांश सुकोही -30 विमान बनाती है।
भारतीय वायु सेना में रूस के बाद सबसे अधिक सुखोई -30 लड़ाकू विमान हैं। सुखोई एसयू -30 एमकेआई (Modernizirovannyy Kommercheskiy Indiyskiy, जिसका अर्थ है "भारत के लिए आधुनिक वाणिज्यिक") एक भारतीय लड़ाकू विमान है।
इस अभ्यास के कुछ विशिष्ट पहलू
इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों वायु सेनाओं के बीच सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाना था।
इस अभ्यास में दोनों वायुसेनाओं ने सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को प्रयोग किया।
दोनों वायु सेनाओं के पायलटों ने इस अभ्यास में हवाई युद्ध मिशनों में भाग लिया।
मलेशियाई पायलट ने Su-30MKI और भारतीय पायलट ने Su-30 उड़ाए।
इस अभ्यास के दौरान, दोनों वायु सेनाओं के तकनीकी विशेषज्ञों ने विमान रखरखाव पर चर्चा की।
इसका लक्ष्य वायुसेना की तकनीकी क्षमता और परिचालन क्षमता को बढ़ाना है।
इंडियन एयर फोर्स के Su-30MKI लड़ाकू विमानों ने रॉयल मलेशिया वायु सेना के Su-30MKM लड़ाकू विमानों के साथ हवाई अभ्यास में भाग लिया
उदार शक्ति 2024 अभ्यास की विशेषताएं
द्विपक्षीय अभ्यास, उदार शक्ति 2024, प्रशिक्षण अभ्यास और विषय वस्तु विशेषज्ञ विनिमय अवधारणाओं पर आधारित था। प्रशिक्षण कार्यक्रम में दोनों देशों ने एसयू-30 विमानों से हवाई युद्ध अभ्यास किया।
विषय वस्तु विशेषज्ञ विनिमय में, दोनों देशों ने सुखोई-30 विमान से संबंधित विमानन और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कौशल, विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि साझा करने पर ध्यान दिया।
अभ्यास उदार शक्ति 2024 में एचओपी (HOP)अभ्यास भी शामिल था, जिसके दौरान दोनों वायु सेनाओं के पायलटों ने अपने सुकोही लड़ाकू विमानों का आदान-प्रदान किया। भारतीय पायलटों ने मलेशियाई एसयू-30 को उड़ाया, जबकि मलेशियाई पायलट ने भारतीय एसयू-30 एमकेआई उड़ाया।
एचओपी अभ्यास का मुख्य लक्ष्य लड़ाकू विमानों का परीक्षण करना, युद्ध रणनीति के संबंध में विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करना और विमान उपकरण की कार्यक्षमता में अंतर का पता लगाना था।
2024 अभ्यास उदार शक्ति ने भारत और मलेशिया के बीच हवाई संचालन और रक्षा सहयोग में अंतर-संचालन को मजबूत किया।
इस अभ्यास में दोनों देशों ने Su-30 लड़ाकू विमानों की क्षमताओं का परीक्षण किया और सामरिक और तकनीकी ज्ञान का हस्तांतरण किया।
यह द्विपक्षीय कार्रवाई दोनों देशों के सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगी।
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FAQ
उदार शक्ति अभ्यास 2024 कहाँ आयोजित किया गया था?
उदार शक्ति अभ्यास 2024 का आयोजन मलेशिया में किया गया था। यह एक प्रमुख द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास है, जिसका उद्देश्य भारत और मलेशिया के बीच सैन्य सहयोग को सुदृढ़ करना है। इस अभ्यास का स्थल मलेशिया के प्रमुख वायु सेना ठिकानों में से एक था, जहाँ दोनों देशों की वायु सेनाओं ने मिलकर अपने सामरिक कौशल और हवाई युद्ध तकनीकों का प्रदर्शन किया। मलेशिया का भौगोलिक महत्त्व इसे इस प्रकार के सैन्य अभ्यासों के लिए एक उपयुक्त स्थल बनाता है, जहाँ न केवल वायु सेना बल्कि नौसैनिक और थल सेना सहयोग भी बढ़ाया जा सकता है।
उदार शक्ति अभ्यास 2024 किन देशों की वायु सेना के बीच एक द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास है?
उदार शक्ति अभ्यास 2024 भारत और मलेशिया की वायु सेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास है। इसका आयोजन दोनों देशों की सामरिक क्षमता को बढ़ाने, तकनीकी आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और आपसी सुरक्षा संबंधों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किया जाता है। यह अभ्यास इस बात को दर्शाता है कि भारत और मलेशिया के बीच रक्षा सहयोग में निरंतर वृद्धि हो रही है, खासकर जब क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की बात आती है। इस तरह के अभ्यास आपदा प्रबंधन, संयुक्त ऑपरेशंस और क्षेत्रीय खतरों का मुकाबला करने में भी मददगार साबित होते हैं।
भारतीय वायु सेना के किस लड़ाकू विमान ने उदार शक्ति अभ्यास 2024 में भाग लिया?
उदार शक्ति अभ्यास 2024 में भारतीय वायु सेना का प्रमुख लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई ने भाग लिया। सुखोई-30 एमकेआई भारतीय वायु सेना का सबसे उन्नत मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है, जो हवाई युद्ध, जमीन पर आक्रमण, और हवा से हवा में मार करने में सक्षम है। यह विमान रूस से खरीदा गया था, लेकिन इसे भारतीय आवश्यकताओं के अनुसार कई उन्नत प्रणालियों के साथ संशोधित किया गया है। इस अभ्यास में सुखोई-30 एमकेआई की भागीदारी दोनों देशों के लिए सामरिक तालमेल और हवाई संचालन के परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण थी।
भारत ने किस देश से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान खरीदा है?
भारत ने सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान रूस से खरीदा है। यह विमान रूस की सुखोई कंपनी द्वारा विकसित किया गया है और इसे भारतीय वायु सेना की आवश्यकताओं के अनुसार मॉडिफाई किया गया है। 1996 में भारत ने रूस के साथ इस विमान की खरीद के लिए समझौता किया था, और बाद में इसका निर्माण हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा भारत में ही किया गया। सुखोई-30 एमकेआई भारतीय वायु सेना का सबसे शक्तिशाली और प्रमुख लड़ाकू विमान है, जिसे विभिन्न सामरिक अभियानों में प्रयोग किया जाता है। इसकी लंबी दूरी की उड़ान और आधुनिक हथियार प्रणालियाँ इसे एक महत्वपूर्ण सामरिक उपकरण बनाती हैं।
अभ्यास उदार शक्ति 2024 का मुख्य उद्देश्य क्या था?
अभ्यास उदार शक्ति 2024 का मुख्य उद्देश्य भारत और मलेशिया की वायु सेनाओं के बीच सहयोग, अंतर-संचालन और सामरिक क्षमता को बढ़ाना था। दोनों देशों ने इस अभ्यास के माध्यम से हवाई युद्ध की रणनीतियों और तकनीकी विशेषज्ञता को साझा किया, जिससे वायुसेना की परिचालन क्षमता में वृद्धि हो सके। इसमें विशेष रूप से Su-30 लड़ाकू विमानों का प्रयोग किया गया और पायलटों ने आपसी अनुभवों का आदान-प्रदान किया।
भारतीय वायु सेना ने अभ्यास उदार शक्ति 2024 में किस विमान का उपयोग किया?
भारतीय वायु सेना ने Su-30MKI लड़ाकू विमान का उपयोग अभ्यास उदार शक्ति 2024 में किया। Su-30MKI भारत का प्रमुख मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है, जिसे रूस से खरीदा गया था। इस विमान का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा भारत में किया गया है, जो इसे भारतीय आवश्यकताओं के अनुसार संशोधित करता है। मलेशियाई वायुसेना ने अपने Su-30MKM विमानों का इस्तेमाल किया।
अभ्यास उदार शक्ति 2024 कहाँ और कब आयोजित किया गया था?
अभ्यास उदार शक्ति 2024 का आयोजन मलेशिया के कुआंटन में 5 अगस्त से 9 अगस्त, 2024 तक किया गया। यह अभ्यास मलेशिया के वायुसेना अड्डे पर आयोजित किया गया था, जहाँ भारतीय और मलेशियाई वायुसेनाओं ने संयुक्त रूप से हवाई युद्ध अभ्यास में भाग लिया। यह आयोजन दोनों देशों के सैन्य सहयोग को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था।
भारतीय और मलेशियाई पायलटों ने अभ्यास के दौरान क्या विशेष किया?
अभ्यास के दौरान, भारतीय और मलेशियाई पायलटों ने एचओपी (HOP) अभ्यास में भाग लिया, जिसके तहत दोनों वायु सेनाओं के पायलटों ने एक-दूसरे के Su-30 लड़ाकू विमानों को उड़ाया। भारतीय पायलटों ने मलेशियाई Su-30MKM उड़ाया, जबकि मलेशियाई पायलटों ने भारतीय Su-30MKI का संचालन किया। इसका मुख्य उद्देश्य विमानों की तकनीकी क्षमताओं का परीक्षण करना और सामरिक अनुभवों का आदान-प्रदान करना था।
Su-30MKI और Su-30MKM में क्या अंतर है?
Su-30MKI और Su-30MKM दोनों ही रूस में बनाए गए लड़ाकू विमान हैं, लेकिन इन्हें भारतीय और मलेशियाई वायुसेना की आवश्यकताओं के अनुसार अलग-अलग मॉडिफाई किया गया है। Su-30MKI भारतीय वायु सेना के लिए विकसित किया गया है, जिसमें भारत द्वारा जोड़े गए विशेष उपकरण और प्रणालियाँ हैं। वहीं, Su-30MKM मलेशियाई वायुसेना के लिए निर्मित किया गया है, जिसमें मलेशिया की वायुसेना की आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव किए गए हैं।
Su-30MKI की खरीद के संदर्भ में भारत और रूस का क्या संबंध है?
भारत ने Su-30MKI लड़ाकू विमान रूस से खरीदा था। यह विमान रूस की सुखोई कंपनी द्वारा विकसित किया गया है, और भारत की आवश्यकताओं के अनुसार इसे मॉडिफाई किया गया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा भारत में इन विमानों का निर्माण किया जाता है। रूस के बाद, भारत के पास सबसे अधिक Su-30 लड़ाकू विमान हैं, और यह भारतीय वायु सेना की हवाई क्षमता का एक प्रमुख स्तंभ है।
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